चंडीगढ़ । पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई घटना पर दुख और निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान जिस तरह की घटना हुई बेहद चोट पहुंचाने वाला था। कुछ तत्वों द्वारा हिंसा करने को घटना को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। किसानों को तुरंत दिल्ली से बाहर आ जाना चाहिए। उन्होंने पंजाब में हाई अलर्ट जारी करने के आदेश भी दिए। उन्होंने डीजीपी दिनकर गुप्ता को पूरे राज्य में अमन-शांति बनाए रखने के लिए कड़े उपाय करने को कहा।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह यहां कहा कि दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान जाे दृश्य दिखाई दिया वह आघात पहुंचाने वाला था। इस तरह की हिंसा और उपद्रव कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह असहनीय है। इससे किसान आंदोलन को धक्का पहुंचेगा और यह शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसाों व नेताओं के सद्भाव की कोशिशों को नकार देगा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान नेताओं ने हिेंसा और उपद्रव की घटनाओं की सूचना के बाद ट्रैक्टर रैली से खुद को अलग कर लिया और इसे वापस ले लिया। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि सही किसानों को दिल्ली खाली कर देना चाहिए। किसान आंदोलन की गरिमा और शांति बनाए रखें।
डीजीपी को निर्देश दिया कि अमन कानून की स्थिति भंग ना होने दी जाए
दिल्ली की घटनाओं के बाद मुख्यमंत्री ने पंजाब में भी हाई अलर्ट के आदेश दिए। उन्होंने डीजीपी दिनकर गुप्ता से कहा है कि वह राज्य में हर हालत में शांति बनाए रखें और इसे किसी भी कीमत पर भंग न होने दिया जाए। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच आपसी सहमति के दौरान ट्रैक्टर परेड के लिए जो मार्ग तय किया गया था उसे कुछ लोगों ने तोड़ा। उन्होंने कहा कि इस तरह के तत्व किसान आंदोलन को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने हिंसक घटनाओं की निंदा करते हुए कहा कि लाल किले और दिल्ली के अन्य इलाकों में जो कुछ भी हुआ उसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता ।
कैप्टन ने कहा कि प्रमुख किसान संगठनों ने पहले ही इन हिंसात्मक घटनाओं से अपने आप को दूर कर लिया है। अमरिंदर सिंह ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को राष्ट्रीय राजधानी को तुरंत खाली कर देना चाहिए और वापस अपने कैंप में आ जाना चाहिए और इसे तब तक चलाया जाना चाहिए जब तक की खेती कानून का मसला हल नहीं हो जाता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के दृश्य शॉकिंग हैं और इस तरह के तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा बनाई गई छवि भी इससे खराब हुई है । किसान नेताओं को अपनी ट्रैक्टर परेड खत्म करके वापस दिल्ली के बॉर्डर पर आ जाना चाहिए ।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों को तुरंत दिल्ली खाली कर देना चाहिए। लोकतंत्र में इस तरह की हिंसा की घटनाओं को किसी तरीके से उचित नहीं ठहराया जा सकता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर इस तरह की घटना पर पंजाब के कई अन्य नेताओं ने भी दुखद बताया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इससे पहले भी किसानों से ट्रैक्टर परेड के दौरान शांत बनाए रखने की अपील की थी। पूरे घटना को लेकर अभी शिरोमणि अकाली दल की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी बोले- हिंसा से कुछ नहीं हासिल होता
दूसरी तरफ, आनंदपुर साहिब के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल से कहा कि दिल्ली में आज जो कुछ भी हुआ, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी सही सोच वाले लोगों को इसकी निंदा करनी चाहिए। हिंसा से कुछ भी हासिल नहीं होता। कांग्रेस नेता ने कहा कि एनडीए सरकार गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसानों की जायज मांगों पर सहमत होने, दोनों में विफल रही है।