चंडीगढ़। पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले नौ नगर निगम और 120 नगर काउंसिल व नगर पंचायतों के चुनाव के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए इन दिनों 70 नगर निगम व नगर परिषदों में वार्ड बंदी का काम जोरों पर है। फगवाड़ा और मौड़ को छोड़ दिया जाए तो बाकी के 68 चुनावी क्षेत्रों में वार्डबंदी का काम पूरा हो चुका है। फगवाड़ा व मौड़ में वार्डबंदी का काम अंतिम चरण में है।
नौ नगर निगम व 120 नगर काउंसिल व नगर पंचायतों में होने हैं चुनाव
स्थानीय सरकार वार्डबंदी का काम पूरा करके 25 नवंबर तक अधिसूचना जारी कर सकती है। इसके बाद पंजाब सरकार को फैसला लेना होगा कि वह चुनाव करवाने को लेकर कब हरी झंडी देती है। हालांकि यह पंजाब सरकार की राजनीतिक इच्छा शक्ति पर निर्भर होगा कि वह कब चुनाव करवाती है। सरकार के उच्च सूत्रों की मानें तो चुनाव जनवरी के अंत या फरवरी के शुरूआत में हो सकते हैं। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि शहरों में बड़े स्तर पर विकास के काम अधूरे पड़े हुए हैं।
वहीं, दिसंबर और जनवरी के मध्य तक सर्दी भी जोरों पर रहती है। ऐसे में चुनाव करवाना ठीक नहीं होगा। हालांकि यह भी तर्क दिया जा रहा है कि किसान संगठनों द्वारा कृषि सुधार कानूनों के विरोध में रेल पटरियों पर धरने देने से शहरी लोगों खासकर व्यापारियों और इंडस्ट्री में भी खासा गुस्सा पाया जा रहा है। यह भी एक कारण है कि सरकार चुनाव को थोड़ा आगे टालना चाहती है ताकि ट्रेनें खुलने के बाद शहरी लोगों का गुस्सा भी शांत हो जाए।
वहीं, दिसंबर 2021 में विधानसभा चुनाव की भी घोषणा हो सकती है, क्योंकि मार्च 2022 में विधानसभा चुनाव आ जाएंगे। इसे देखते हुए नगर निगम व नगर काउंसिल के चुनावों को सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। इन चुनावों में सभी राजनीतिक पार्टियों ने अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है। यही कारण है कि पंजाब सरकार नगर निगम व नगर काउंसिल के चुनाव में जाने से पहले सभी कील कांटों को कस देना चाहती है।
स्थानीय निकाय विभाग चुनाव करवाने को तैयार: ब्रह्म मोहिंद्रा