चंडीगढ़। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान थर्मल पावर प्लांटों को बिजली खरीद के बिना ही निर्धारित अदायगी के केंद्र सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। सुनील जाखड़ ने कहा कि कोरोना वायरस की कुदरती आफत के चलते देशभर में लॉकडाउन के कारण बिजली की खपत कम काफी कम हो गई है, ऐसे में बिजली निगमों ने प्राइवेट थर्मल पावर प्लांटों से बिजली लेना बंद कर कहा कि यह कुदरती आफत है और उनके नियंत्रण से बाहर है, इसलिए इस समय पूर्व निर्धारित अदायगी नहीं की जाएगी।
जाखड़ ने कहा कि अब केंद्र सरकार ने आदेश जारी करके जनविरोधी फैसला करते हुए बिना बिजली खरीदे ही इन प्लांटों को रकम देने के निर्देश जारी करके संकट का सामना कर रही प्रदेश सरकारों पर आर्थिक बोझ डाल दिया है। इस फैसले से पंजाब को रोजाना दस करोड़ रुपये का नुकसान होगा। यह रकम इस मुश्किल दौर में लोगों की भलाई पर खर्च की जानी चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार ने रकम अदा करने में देरी पर ब्याज अदा करने के भी आदेश दिए हैं।
जाखड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इस संकट की घड़ी में केंद्र से विशेष पैकेज की मांग कर रहे हैं, ताकि लोगों की बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा सके, लेकिन केंद्र सरकार राज्यों के लिए नई आर्थिक कठिनाइयां पैदा कर रही है।
लोगों के मुंह से रोटी छीनने जैसा फैसला
जाखड़ ने कहा कि इस मुश्किल दौर में जब राज्य सरकार की हर प्रकार की आमदनी बंद हो गई है और राहत कार्यों के लिए बड़ी राशि की जरूरत है, तो केंद्र सरकार राज्यों की मदद करने के बजाय निजी उद्योगपतियों के वित्तीय हितों को तवज्जो दे रही है। पंजाब के खजाने से इन कंपनियों को पैसा देना रा’य के लोगों के मुंह से रोटी छीनने और हमारी सेहत संबंधी जरूरतों को तिलांजलि देने के बराबर होगा। जाखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार अपना यह फैसला वापस ले। यह कोई आम हलात नहीं हैं।