चंडीगढ़। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी कांड को लेकर पांच सालों से बैकफुट पर चल रहे अकाली दल ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी के प्रधान सुखबीर बादल ने दावा किया है कि बेअदबी कांड के पीछे कांग्रेस का हाथ था क्योंकि इसका अगर किसी को भी सबसे ज्यादा राजनीतिक फायदा मिला है तो वह कांग्रेस है।
- अकाली दल को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा और कोई भी राजनीतिक पार्टी इतने नुकसान वाला कदम नहीं उठा सकती है। सुखबीर ने कैप्टन से पांच सवाल पूछे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सुखबीर बादल द्वारा दिए बयान को कोरा झूठ बताया है। उन्होंने कहा कि सुखबीर का बयान हताशा का प्रतीक है और इससे पता चलता है कि वह अपनी संवेदनाएं खो चुके हैैं।
सुखबीर ने कांग्रेस सरकार के तीन साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सुशासन के दावे को खारिज करते हुए पांच सवाल पूछे। उन्होंने बेअदबी, ड्रग्स, रेत और बिजली के मुद्दे पर कांग्रेस पर पलटवार किया। कहा कि कांग्रेस ने पूरी साजिश के तहत सत्ता पर कब्जा किया। कांग्रेस ने राज्य में ऐसी स्थिति बनाई जिससे लगा कि ड्रग्स का कारोबार अकाली दल की सरपरस्ती में चल रहा था। अकाली दल व उसके नेताओं को रेत माफिया की तरह प्रोजेक्ट किया गया।
- सुखबीर ने कहा, बेअदबी कांड को इस तरह से लोगों के सामने लाया गया जैसे अकाली दल ने ही बेअदबी करवाई हो, जबकि आज तस्वीर स्पष्ट हो गई है। कांग्रेस के ही मंत्री गुरप्रीत कांगड़ और कुशलदीप ढिल्लों बेअदबी कांड के मुख्य गवाह पर पुलिस के हक में गवाही देने के लिए इतना दबाव बनाते हैं कि उसकी मौत हो जाती है। क्रिमिनल कानून में सबसे पहले शंका उस पर की जाती है जिसको सबसे ज्यादा फायदा होता है। इसीलिए कांग्रेस कठघरे में है।
सुखबीर ने कहा कि अकाली दल के नेता अगर ड्रग्स बेच रहे थे तो मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि तीन सालों में कितने अकाली नेताओं पर पर्चा दर्ज हुआ और उनकी गिरफ्तारी की गई? कैप्टन ने गुटखा साहिब हाथ में लेकर दमदमा साहिब गुरुद्वारे की तरफ हाथ उठाते हुए एक माह में ड्रग्स को खत्म करने की कसम खाई थी, लेकिन ड्रग्स खत्म नहीं हुई।
50 लाख नौकरी का वादा, देंगे एक लाख
कैप्टन ने 50 लाख घरों में नौकरी देने का वादा किया, लेकिन अगले दो साल में देंगे एक लाख। यानि 49 लाख घर कोरोना वायरस वाले स्मार्टफोन की तरह गायब हो गए। किसान का कर्ज तो माफ हुआ नहीं उलटा किश्तें टूटने की वजह से वे डिफाल्टर जरूर हो गए।
31 हजार करोड़ का कर्ज नहीं
एक सवाल के जवाब में सुखबीर ने कहा, मनप्रीत जिस 31,000 करोड़ की बात कर रहे हैं, पहली बात वह कर्ज नहीं है। वह 20 साल के एकाउंट का अंतर है जिसे सैटल किया गया। जिस थर्मल प्लांट से बिजली लेकर बादल सरकार 5.50 रुपये प्रति यूनिट बिजली दे रही थी उसे कांग्रेस ने 9.30 रुपये कैसे पहुंचा दिया?
कैप्टन से पांच सवाल
1. मुख्यमंत्री बताएं कि तीन सालों में कितने घंटे अपने दफ्तर में बैठे?
2. मुख्यमंत्री ने तीन सालों में कितने घंटे पंजाब का दौरा किया?
3. कितनी बार मुख्यमंत्री किसी भी धार्मिक स्थल पर गए?
4. मुख्यमंत्री बताएं तीन सालों में उन्होंने क्या कोई एक वेलफेयर की योजना शुरू की?
5. मुख्यमंत्री एक विकास योजना बताएं जिसे उन्होंने शुरू की हो?
सुखबीर बादल का बयान हताशा का प्रतीक : कैप्टन
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बेअदबी कांड को लेकर अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल द्वारा दिए बयान को कोरा झूठ बताया है। उन्होंने कहा कि सुखबीर का बयान हताशा का प्रतीक है और इससे पता चलता है कि वह अपनी संवेदनाएं खो चुके हैैं।
कैप्टन ने कहा कि क्या सुखबीर इस बात को भूल गए हैं कि उनके शासनकाल में ही श्री गुरु ग्रंथ साहब की बेअदबी की घटनाएं हो रही थीं। बहिबलकलां और कोटकपूरा में जब निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई तब सुखबीर गृहमंत्री थे। सारा पंजाब जानता है कि वह किस तरह के इंसान हैं। अब राजनीति में अपना अस्तित्व बचाने के लिए वह हताशा में कांग्रेस सरकार पर झूठे आरोप मढ़ रहे हैं। अब उन्हें लगने लगा है कि उनका अपराध जनता के सामने खुलने वाला है और उनके द्वारा कांग्रेस सरकार के खिलाफ बोले गए झूठ भी उनके इसी डर का परिणाम है। सुखबीर जानते हैं कि वह और उनकी पार्टी के लोग ज्यादा समय तक बच नहीं पाएंगे।
कांग्रेस सरकार की तीन साल की उपलब्धियों पर सुखबीर द्वारा की गई टिप्पणियों पर कैप्टन ने कहा कि बादल सरकार दस साल में दस चुनावी वादे भी पूरे नहीं कर पाई, जबकि हमारी सरकार ने तीन साल में 75 से अधिक वादों को पूरा कर दिया है। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को आंकड़ों के साथ पेश किया है, जबकि बादल सरकार अपने कार्यकाल में एक भी उपलब्धि साबित नहीं कर पाई थी।
अच्छी सरकार पर्दे के पीछे से काम करती है
कैप्टन ने कहा कि एक अच्छी सरकार हमेशा पर्दे के पीछे रहकर ही काम करती है और उसके कामों का असर लोगों को नजर आता है। सुखबीर को यह बात समझ में नहीं आएगी क्योंकि उनके कार्यकाल में सिर्फ बादल परिवार ही लोगों को नजर आता था। सुखबीर द्वारा कैप्टन को रोज उनके कार्यालय में देखने की इच्छा जताने पर कैप्टन ने कहा कि लोग इस बात से ताल्लुक नहीं रखते कि सरकार कहां से काम करती है, लोगों को सरकार के किए काम नजर आने चाहिए।