चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ राज्य के किसानों से अपना रेल रोको आंदोलन और रेल ट्रैकों पर प्रदर्शन व धरना को बंद करने की अपील की है। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि रेल रोको आंदोलन के कारण राज्य में कोयले, यूरिया और डीएपी भारी कमी हो गई है। पांच थर्मल प्लांटों के पास केवल पांच दिन का कोयला शेष बचा है। इससे राज्य में बिजली उत्पादन पर प्रभाव पड़ना तय है। इतना ही नहीं, धान के सीजन के बावजूद अनाज दूसरे राज्यों को न भेजे जाने की वजह से गोदाम भी खाली नहीं हो रहे। यूरिया की कमी के कारण खेती का कार्य भी प्रभावित होगा।
प्रदेश के थर्मल प्लांटों में बचा पांच दिन का कोयला, बिजली सप्लाई होगी बाधित
कैप्टन ने कहा कि मालगाडिय़ों के न आने से केवल आम लोगों ही नहीं बल्कि किसानों को भी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसान रेल ट्रैक न रोकें। अगर कोयले की सप्लाई बहाल ना हुई तो पंजाब के थर्मल प्लांट मजबूरी में बंद करने पड़ेंगे। इससे राज्य में बिजली आपूर्ति बाधित होगी और सभी पर इसका बुरा असर पड़ेगा।
कहा- मालगाडिय़ां न चलने से किसानों को गेहूं के सीजन के लिए खाद मिलने में भी होगी समस्या
कैप्टन ने कहा कि इन्हीं दिनों में पंजाब में खाद आती है। किसानों के आंदोलन के कारण एक भी मालगाड़ी कई दिनों से पंजाब में नहीं आई है। अगले महीने से राज्य में गेहूं की बिजाई शुरू होनी है जिसके लिए किसानों को यूरिया व डीएपी की जरूरत होगी। लेकिन अगर मालगाडिय़ां न चलीं तो यह सप्लाई प्रभावित होने से किसानों को खाद नहीं मिल पाएगी।
उन्होंने कहा कि इस समय धान की फसल मंडियों में आ रही है लेकिन गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं। गोदामों से अनाज बाहर न जाने के कारण यह खाली नहीं हो रहे हैं, जिसका असर किसानों पर ही पड़ेगा। इन समस्याओं को देखते हुए किसानों को रेल रोको आंदोलन बंद कर देना चाहिए।