चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी के पार्टी की कार्यवाहक अध्यक्ष बनाए रखने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी का यह फैसला स्वागत योग्य है। इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर ने सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को पत्र लिख कर उसे सार्वजनिक करना बेहद शर्मनाक हरकत है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिख सार्वजनिक करना शर्मनाक
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आइसीसी की वर्किंग कमेटी की वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में भाग लेने के दौरान मुख्यमंत्री अमरिंदर ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस प्रस्ताव का भी समर्थन किया, कि पार्टी को नेतृत्व विहीन नहीं छोड़ा जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस की कार्यवाहक अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहायता के लिए एक समिति गठित करने के फैसले का भी स्वागत किया।
उन्होंने पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के नया कांग्रेस अध्यक्ष चुनने के लिए अगले छह माह में एआइसीसी का अगला सत्र बुलाने के प्रस्ताव का भी समर्थन किया। कैप्टन ने इस बात का भी समर्थन किया कि पार्टी में मतभेद का पार्टी फोरम पर ही विचार किया जाए न की मीडिया या सार्वजनिक मंचों पर इसकी चर्चा की जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिखे गए पत्र के संबंध में कैप्टन ने कहा कि यह शर्मसार करने वाली बात है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी हमेशा ही लोगों की पहुंच में रही हैं। ऐसे में इस तरह का पत्र लिखे जाने और उसे सार्वजनिक रूप से लीक करने की कोई जरूरत नहीं थी। कैप्टन ने कहा कि देश में पार्टी को बांधे रखने में गांधी परिवार की अहम भूमिका है। पिछले दो दशकों में सोनिया गांधी ने इसे बखूबी निभाया है।
गांधी परिवार के साथ आए कैप्टन अमरिंदर सिंह, कहा- देश को मजबूत व संयुक्त विपक्ष की जरूरत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करने को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गांधी परिवार के बचाव में मैदान में उतर आए हैंं। कैप्टन का कहना है, देश को मजबूत और संयुक्त विपक्ष की जरूरत है। उन्होंने उन नेताओं का विरोध किया जिन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में निचले स्तर से लेकर ऊपर तक बदलाव की मांग की है।
नेतृत्व परिवर्तन की मांग का कैप्टन ने समर्थन नहीं किया। कैप्टन ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से देश की प्रगति में गांधी परिवार के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि कांग्रेस को एक ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो न केवल कुछ को बल्कि पूरी पार्टी को स्वीकार्य हो। गांधी परिवार इस भूमिका के लिए सही है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी जब तक चाहे पार्टी का नेतृत्व कर सकती हैंं। उसके बाद राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करने में सक्षम हैंं।
मुख्यमंत्री ने कहा, चुनावी हार नेतृत्व परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण नहीं हो सकता है। वो भी सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस की सीटें कम हो गई। इसका मतलब यह नहीं कि कांग्रेस के विकास में गांधी का योगदान कम या कम आंका जाना चाहिए। देश का नेतृत्व करने के लिए भाजपा दो संसदीय सीटों से उठी, उन्होंने कहा कि कांग्रेस फिर से बढ़ेगी और वह भी एक गांधी के नेतृत्व में।