चंडीगढ़ । पंजाब में कोराेना वायरस COVID-19 के खिलाफ जंग में राज्य सरकार काेई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। राज्य सरकार ने पंजाब में विदेश से आए एनआरआइज (अनिवासी भारतीयों) की तलाश तेज कर दी है। इसके लिए गांवों सरपंचों को भी दायित्व सौंपा गया है। पंजाब सरकार ने सरपंचाें को अपने गांवों में आए एनआरआइज के बारे में रिपोर्ट दो दिन में देने काे कहा है। अनुमान है कि कोरोना के मामले सामने आने के बाद दूसरे देशों से करीब 95 हजार एनआरआइ पंजाब आए हैं। कैप्टन सरकार एनआरआइज को लेकर फाेर-टी फार्मूला अपनाएगी।
कोराेना के खिलाफ जंग के बीच पंजाब सरकार ने बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने विदेश से पंजाब में आए एनआरआइ (अनिवासी भारतीयों) को कड़ी चेतावनी दी है। राज्य सरकार ने कहा है कि पंजाब आए एनआरआइज खुद के बारे में तुरंत जानकारी दें अन्यथा उनके पासपोर्ट रद कर दिए जाएंगे। सरकार ने इससे पहले एनआरआइज के बारे में गांवों के सरपंचों से जानकारी मांगी थी।
बताया जाता है कि पंजाब में कोरोना की दहशत के बीच दूसरे देशों से 90 हजार से अधिक एनआरआइज आए हैं। प्रदेश सरकार ने शनिवार को जनवरी से अब तक विदेश से लौटे एनआरआइज़ से कहा है कि वे अपने बारे में जानकारी तुरंत प्रशासन को नहीं दें। सरकार ने चेतावनी दी है कि यदि एनआरआइज ने यह जानकारी नहीं दी तो उनके पासपोर्ट रद करने पर विचार किया जाएगा।
पंजाब सरकार ने सभी सरपंचों से गांवों में आए एनआरआइ के बारे में दो दिन में मांगी रिपोर्ट
दूसरी ओर,मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पंचायत के नियमों में ढील दी है। इसके तहत सरपंच आपातकाल व जरूरतमंदों के लिए पंचायत फंड से पांच हजार रुपये रोजाना खर्च कर सकता है, लेकिन इसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये होगी।
सरपंच इमरजेंसी में फंड का कर सकेंगे इस्तेमाल, एक दिन में पांच हजार और कुल 50 हजार कर सकेंगे खर्च
पंजाब सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि सरपंच को अपने गांव व पंचायत के दायरे में 15 फरवरी के बाद आए एनआरआइ की जानकारी प्रशासन को देनी होगी, ताकि प्रशासन की नजर में नहीं आने वाले एनआरआइ की डिटेल जुटाई जा सके। सरपंच को जानकारी देनी होगी कि उनके गांव व पंचायत के दायरे में 15 फरवरी के बाद कौन-कौन से एनआरआइ आए है। यह जानकारी उन्हें दो दिन में प्रशासन को देनी होगी।
30 हजार एनआरआइ तक नहीं पहुंच पाया स्वास्थ्य विभाग
अभी राज्य में 30 हजार के करीब ऐसे एनआरआइ हैं, जो सेहत विभाग की पहुंच में नहीं है। यह लोग विदेश से आए, लेकिन उन्होंने प्रशासन से संपर्क नहीं किया। राज्य में करीब 95 हजार एनआरआइ आए हैं। कोरोना वायरस भी इनकी वजह से ही पंजाब पहुंचा है। कोरोना वायरस की वजह से पंजाब में कर्फ्यू लगा हुआ है।
पंजाब अपनाएगा फोर-टी फॉर्मूला
पंजाब सरकार ने लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए फोर-टी यानी चार टी वाला फॉर्मूला तैयार किया है। विदेश से लौटे 55669 लोगों के लिए जालंधर, अमृतसर व लुधियाना में यह फॉर्मूला लागू भी कर दिया है।
यह है फॉर्मूला
ट्रेस- पता लगाना।
ट्रैक- खोज निकालना।
टेस्ट- जांच करना।
ट्रीट- इलाज करना।
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शाम सात बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक मान्य होगा पास
मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए पंचायतों को अधिक अधिकार दिए हैं। सरपंच को अधिकार दिया गया है कि वह आपातकाल की स्थिति, राहत कार्य या जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए पंचायत फंड से एक दिन में पांच हाजर रुपये खर्च कर सकते है। जरूरत पडऩे पर पंचायत के पास अधिकतम 50 हजार रुपये खर्च कर सकने का अधिकार होगा।
सरपंच को यह अधिकार दिया गया है कि शाम सात बजे से लेकर सुबह छह बजे तक अगर गांव में कोई मेडिकल इमरजेंसी होती है तो कफ्र्यू होने की सूरत में वह पास बना सकता है। सरपंच की ओर से जारी किया गया पास शाम सात बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक मान्य होगा।
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केंद्र की हिदायत- मॉनीटरिंग में तेजी लाएं
केंद्र सरकार के कैबिनेट सेक्रटरी राजीव गौबा ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर कहा है कि वे विदेश से लौटे लोगों की स्क्रीनिंग व मॉनीटरिंग में तेजी लाएं। उन्होंने कहा कि इमिग्रेशन विभाग 15 लाख लोगों के देश लौटने की जानकारी राज्यों से साझा कर चुका है।
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18 जनवरी से 23 मार्च तक विदेश से लौटे
जालंधर 13723
अमृतसर 9950
लुधियाना 9281
बठिंडा 713
पटियाला 1827
बरनाला 588
फरीदकोट 427
फतेहगढ़ साहिब 599
फाजिल्का 182
फिरोजपुर 623
गुरदासपुर 1813
होशियारपुर 5211
कपूरथला 1990
मानसा 148
मोगा 1342
पठानकोट 282
रूपनगर 968
संगरूर 818
मोहाली 1123
नवांशहर 1605
मुक्तसर 250
तरनतारन 1071
अन्य 135
कुल 55669