चंडीगढ़। कृषि विधेयकों को लेकर संसद से पंजाब के गांव तक मचे हंगामे में घिरे शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफे की चर्चाओं को खारिज किया है पार्टी इसको लेकर किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं है। कृषि विधेयकों का विरोध करने के बावजूद कांग्रेस और किसान संगठन द्वारा केंद्रीय मंत्री हरसिरत कौर बादल को कैबिनेट से वापस बुलाने की मांग पर शिरोमणि अकाली दल जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेगा।इसके साथ ही शिअद (SAD) ने अब कांग्रेस पर आक्रामक हमले की रणनीति तैयार की है।
कृषि अध्यादेशों पर शिरोमणि अकाली दल जल्दबाजी में नहीं उठाना चाहती है कदम
शिअद ने कांग्रेस (Congress) पर पलटवार किया है। पार्टी ने कहा है कि 2019 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी को खत्म करने का वायदा किया था। यही वायदा 2017 में पंजाब विधान सभा चुनाव में भी किया गया था। यही नहीं शिअद ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amrinder singh) पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगा है। पार्टी ने मांग की है कि वह कृषि सुधार को लेकर बनाई गई हाई पावर कमेटी को दिए गए सिफारिशों पर श्वेत पत्र जारी करे।
कैप्टन हाई पावर कमेटी को कि गई सिफारिशों का श्वेत पत्र जारी करें : अकाली दल
शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा. दलजीत सिंह चीमा का कहना है कि पार्टी का फोकस इस समय लोक सभा और राज्य सभा में बिल का विरोध करने पर है। हरसिमरत कौर बादल कैबिनेट की कुर्सी छोड़ती हैं या नहीं, इसका फैसला बाद में पार्टी की बैठक में किया जाएगा।
बताया जाता है कि शिरोमणि अकाली दल में इस समय यह चर्चा गर्म है कि किसान वोट बैंक को बचाने के लिए क्या अकाली दल केंद्र में भाजपा से रिश्ता तोड़ ले और हरसिमरत कौर बादल से केंद्रीय मंत्री मंडल से इस्तीफा दे दें। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और किसान संगठन शिरोमणि अकाली दल से भाजपा से नाता तोड़ने की लगातार मांग कर रहे हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि शिअद दबाव तो महसूस कर रहा है लेकिन वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहता है।
शिअद ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला, पूछे कई सवाल
शिरोमणि अकाली दल ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। अकाली दल का कहना है, पंजाब सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए कि हाई पावर कमेटी में पंजाब का प्रतिनिधत्व किसने-किसने और कब कब किया। वित्तमंत्री मनप्रीत बादल हाई पावर कमेटी की बैठक में मुंबई में शामिल हुए। वहीं, कांग्रेस सरकार को श्वेत पत्र भी शामिल करना चाहिए कि पंजाब सरकार ने कमेटी को क्या-क्या सिफारिश की।
चीमा बोले- कांग्रेस ने 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में एपीएमसी एक्ट को खत्म करने का किया था वायदा
डा. चीमा ने कहा ‘कांग्रेस सरकार ने छह पन्ने की सिफारिश में कहा था कि कृषि के सुधार के लिए उसे बंधन मुक्त करना चाहिए।’ सिफारिश में यह भी कहा गया कि 2017 में कांग्रेस सरकार ने प्राइवेट मार्केट बनाने के लिए रिफार्म किए लेकिन इसका कोई उत्साह पूर्ण परिणाम सामने नहीं आए। प्राइवेट इनवेस्टमेंट नहीं आई।
डा. चीमा ने कहा, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की। इसके लिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने 2017 के पंजाब विधान सभा और 2019 के लोक सभा चुनाव को लेकर अपने घोषणा पत्र में वायदा किया था कि उनकी सरकार आती है को एपीएमसी एक्ट को खत्म कर दिया जाएगा। आज कांग्रेस ड्रामेबाजी कर रही है।