चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एनडीपीएस एक्ट के तहत नशे की बरामदगी के लिए गुप्त सूचनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए रिवार्ड पालिसी को मंजूरी दी है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि यह पालिसी सरकारी कर्मचारियों, मुखबिरों, स्रोतों को नशों की बड़ी मात्रा में बरामदगी और एनडीपीएस को सफलतापूर्वक लागू करने में उनकी भूमिका को पहचान प्रदान करेगी।
रिवार्ड का फैसला सफल जांच, केस चलाने, गैर-कानूनी तौर पर बनाई जायदाद को जब्त करने और अन्य नशा विरोधी महत्वपूर्ण कार्यों के संबंध में केस-दर-केस के आधार पर लिया जाएगा। पालिसी के तहत योग्य व्यक्तियों की श्रेणी में मुखबिरों को शामिल किया जाएगा। सरकारी अधिकारी व कर्मचारी अधिकतम 50 फीसद रिवार्ड के लिए योग्य होंगे। यह रिवार्ड पूर्ण तौर पर एक्स-ग्रेशिया अदायगी होगी।
रिवार्ड की राशि
- अफीम के मामले में : 6000 रुपये
- मौरफीन बेस व इसका साल्ट : 20,000 रुपये
- हेरोइन और इसका साल्ट : 1,20,000 रुपये
- कोकीन और इसका साल्ट : 2,40,000 रुपये।
- हशीश : 2000 रुपये
- हशीश तेल : 10,000 रुपये
- गांजा : 600 रुपये,
- मेडरेक्स टेबलेट््स : 2000 रुपये
- एमफेटामाईन : 20,000 रुपये
- मेथामैफटेमीन : 20,000 रुपये
डीजीपी ने दिया था सुझाव
सीएम द्वारा यह फैसला डीजीपी द्वारा इस प्रकार की पॉलिसी लाने के रखे गए सुझाव की तर्ज पर लिया गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में 23 फरवरी को हुई नशे के खि़लाफ़ जंग की समीक्षा मीटिंग के दौरान यह सुझाव सामने आए थे। गुप्ता ने खुलासा किया कि इस पॉलिसी अधीन योग्य व्यक्तियों की श्रेणी में मुखबिरों को शामिल किया जाएगा। गुुप्ता ने स्पष्ट किया कि सरकारी अधिकारी/कर्मचारी आम तौर पर अधिक से अधिक 50 प्रतिशत रीवार्ड के लिए योग्य होंगे।