पंजाब जारी रहेगा किसानों का रेल रोको आंदोलन, बंद के कारण मीटिंग में नहीं पहुंचे सात संगठन

क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के प्रधान डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के संघर्ष के आगे बेबस हो गई है। अब सरकार किसानों को पंजाब में बिजली संकट व कोयला खत्म की सियासत खेल रही है। बिजली संकट को लेकर किसानों का संघर्ष दबाने की कोशिश में लगी सरकार कभी कामयाब नहीं होगी।

चंडीगढ़। कृषि कानून के विरोध में संघर्ष की रणनीति तय करने और रेल चक्का जाम में मालगाड़ियों को छूट देने के लिए शनिवार को बरनाला में बुलाई मीटिंग किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। पंजाब बंद के कारण 30 में से सात संगठन गैरहाजिर रहने के चलते फिलहाल कोई भी बड़ा फैसला नहीं लिया गया। किसान संगठनों ने अब जालंधर में 13 अक्‍टूबर को बैठक बुलाई है। इसके अलावा एक और मीटिंग 15 अक्टूबर को चंडीगढ़ में भी रखी गई है। इसमें रेल रोको संबंधी कोई बड़ा फैसला हो सकता है।

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव ओंकार सिंह ने कहा कि सात संगठनों के प्रतिनिधि आज की बैठक में शामिल नहीं हो सके, इसलिए हमने रेल रोको आंदोलन के बारे में कोई भी फैसला नहीं किया। 13 अक्टूबर को जालंधर में एक बार फिर से संघर्ष की नई रणनीति तय करने के लिए मीटिंग बुलाई गई है। उन्होंने कहा कि जब तक कोई फैसला नहीं होता किसान संगठनों द्वारा सड़क, टोल प्लाजा, रेलवे ट्रैक से लेकर पैट्रोल पंपों पर धरना जारी रहेगा।

क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के प्रधान डॉक्टर दर्शन पाल ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के संघर्ष के आगे बेबस हो गई है। अब सरकार किसानों को पंजाब में बिजली संकट व कोयला खत्म की सियासत खेल रही है। बिजली संकट को लेकर किसानों का संघर्ष दबाने की कोशिश में लगी सरकार कभी कामयाब नहीं होगी।

उन्होंने कहा कि पंजाब में बिजली का कोई संकट नहीं है। अगर थोड़ा बहुत संकट है तो सरकार नेशनल ग्रिड के जरिये इस मांग को पूरा किया जा सकता है। किसानों का संघर्ष इसी प्रकार जारी रहेगा, जब तक किसानों की मांग को पूरा नहीं किया जाता। केंद्र सरकार द्वारा किसानों से बातचीत के लिए भेजे पत्र पर उन्होंने कहा कि अभी तक किसानों से कोई बातचीत नहीं की गई। पत्र में ये तक नहीं पूछा किसान किसके साथ बैठक करना चाहते है।

बैठक में ये संगठन हुए शामिल

इस अवसर पर क्रांतिकारी किसान यूनियन पंजाब के प्रधान डॉक्टर दर्शनपाल, कुल हिंद किसान सभा पंजाब के बलदेव सिंह निहालगढ़, किरती किसान यूनियन के प्रधान निरभै सिंह, कुल हिंद किसान सभा पंजाब के महा सचिव मेजर सिंह, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रधान इंद्रजीत सिंह, आजाद किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के महा सचिव निरवैल सिंह, जय किसान अंदोलन पंजाब के गुरबख्श सिंह, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह, किसान संघर्ष कमेटी पंजाब के प्रधान कंवलप्रीत सिंह माैजूद थे।

बैठक में भारतीय किसान यूनियन एकता उगरांहा के प्रधान जोगिंदर सिंह, भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के प्रधान सुरजीत सिंह फूल, भारतीय किसान यूनियन सिद्धुपूर के प्रधान जगजीत सिंह, भारतीय किसान यूनियन कादिया के प्रधान हरमीत सिंह, भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के प्रधान बलबीर सिंह, इंडियन फार्मर एसोसिएशन भारत के प्रधान सतनाम सिंह, भारतीय किसान मंच के प्रधान बूटा शादीपुर, लोक भलाई इंसाफ वैलफेयर सोसायटी के बलदेव सिंह, गन्न संघर्ष कमेटी दसूहा, आजाद किसान कमेटी दोआबा के हरपाल सिंह, भारतीय किसान यूनियन मान, इंटरनैशनल पंथक दल किसान विंग आदि यूनियन के नेता व प्रधान उपस्थित हुए।

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