चंडीगढ़। पंजाब में पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले पर सियासत गर्मा गई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मामले की मुख्य सचिव को जांच करने का आदेश दे दिया है। दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पूरे घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है और संबंध में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत को पत्र लिखा है।
पंजाब की मुख्य सचिव विनी महाजन करेंगी पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले की जांच
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में हुए 63.91 करोड़ रुपये के घोटाला सामने आने के बाद तीन दिन तक खामोश रहे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को इसकी जांच के आदेश दे दिए। दैनिक जागरण द्वारा घोटाला उजागर किए जाने के बाद शनिवार को इसकी जांच मुख्य सचिव विनी महाजन को सौंपी गई। कैप्टन ने कहा कि सरकार मामले की तह तक जाएगी। घोटाले में शामिल किसी भी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर हो।
कैप्टन ने यह भी कहा कि विपक्ष के दबाव में कोई फैसला नहीं लिया जा सकता और इसके साथ ही किसी को बचाने का भी कोई सवाल नहीं उठता। आम आदमी पार्टी द्वारा मंत्री साधू सिंह धर्मसोत का इस्तीफा मांगने पर कैप्टन ने कहा कि आप धर्मसोत के खिलाफ जांच के बिना ही कार्रवाई चाहती है। बिना जांच किसी को दोषी करार नहीं दिया जा सकता। मंत्री धर्मसोत को भी निष्पक्ष जांच का अधिकार है।
कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि आप और लोक इंसाफ पार्टी के विधायकों को शुक्रवार को विधानसभा में हंगामा करने से पहले सोचना चाहिए था कि क्या हम अराजक व्यवस्था में रहते हैं या यहां पर कानून का राज है। जांच के बिना तो कभी विपक्षी नेताओं के खिलाफ भी कभी कोई कार्रवाई नहीं की। धर्मसोत पहले ही कह चुके हैं कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं।
हरसिमरत ने केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत को लिखा पत्र
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने शनिवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाले में सीबीआइ जांच की मांग की। पत्र में उन्होंने कहा कि राज्य के कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत के कहने पर गबन की गई धनराशि की वसूली के लिए सीबीआई जांच जरूरी है, ताकि इस राशि की वसूली करके इसे वास्तविक लाभार्थियों को वितरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार लाभार्थियों को वास्तविक तरीके से फंड वितरित करने में विफल रही है।
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि 63.91 करोड़ रुपये के घोटाले में मंत्री धर्मसोत को उनके ही विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने दोषी ठहराया है। रिपोर्ट के अनुसार 39 करोड़ रुपये का दुरुपयोग किया गया, जिसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है। धर्मसोत पर निजी शिक्षण संस्थानों को 24 करोड़ रुपये वितरित करने का भी आरोप है, जिनसे सरकार ने वसूली का आदेश दिया था।
हरसिमरत ने कहा कि केवल यह ही नहीं धर्मसोत ने विभागीय प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए फाइलों पर हस्ताक्षर किए और यहां तक कि प्रमुख सचिव द्वारा की आपत्तियों को भी फाइल से हटा दिया। रिपोर्ट में इन्ही बातों का हवाला देते हुए वरिष्ठ अधिकारी सहित विभाग के डिप्टी डायरेक्टर परमिंदर सिंह गिल के साथ मंत्री को भी दोषी ठहराया है। गिल को पिछले समय के दौरान भी स्कॉलरशिप वितरण में विसंगतियों के कारण निलंबित किया गया था। परंतु, साधू ङ्क्षसह धर्मसोत के कहने पर उनका निलंबन रद्द किया गया।
हरसिमरत कौर बादल ने सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री से इस मामले की सीबीआई जांच के लिए गृह मंत्रालय को अग्रेषित करने का अनुरोध करते हुए कहा कि अपराध के अलावा यह घोटाला पंजाब के अनुसूचित जाति समुदाय के खिलाफ अत्याचार करने के के लिए है। उन्होंने कहा कि घोटालेबाज राज्य के दलित छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। ‘इसके अलावा इस मुददे का व्यापक असर है और घोटाले का दायरा जांच रिपोर्ट में उजागर हुई बातों से कही अधिक हो सकता है।