चंडीगढ़। पंजाब सरकार कोरोना से गिरी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए कमर कस चुकी है। इसके लिए सरकार ने योजना आयोग के पूर्व डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह आहलुवालिया के नेतृत्व वाली कमेटी की पहली रिपोर्ट पर अमल के लिए काम करना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के निर्देश पर उनके चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार और चीफ सेक्रेटरी विनी महाजन ने मंथन शुरू कर दिया है। वे रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को लेकर संबंधित विभागीय सचिवों के साथ बैठकों का दौर चला रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी व चीफ सेक्रेटरी को दिए संभावना तलाश कर रिपोर्ट तैयार के निर्देश
मोंटेक सिंह आहलुवालिया ने अपनी पहली रिपोर्ट अगस्त महीने में दे दी थी, जबकि अंतिम रिपोर्ट दिसंबर में देनी है। पहली रिपोर्ट में खजाने में अतिरिक्त राशि का इंतजाम करने और खर्च में कटौती के संबंध में सुझाव दिए गए थे और दिसंबर की रिपोर्ट में दूरगामी परिणाम वाली सिफारिशें की जाएंगी। मोंटेक सिंह कमेटी पहली रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री को प्रजेंटेशन दे चुकी है। इसके साथ ही कैबिनेट इस रिपोर्ट के प्रभावों के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत करवा चुकी है।
बिजली सब्सिडी खत्म करने को लेकर कतरा रही सरकार
रिपोर्ट में बिजली सब्सिडी को तर्कसंगत करने, निजीकरण को बढ़ावा देने और मंडीकरण सिस्टम को सुधारने वाली सिफारिशें भी हैैं। इस पर कोई फैसला लेने में कैप्टन सरकार कतरा रही है। इस बात की पूरी संभावना है कि बिजली सब्सिडी को लेकर कोई भी फैसला नहीं किया जाएगा। चाहे कृषि क्षेत्र को दी जा रही मुख्त बिजली की बात हो या इंडस्ट्री और अनुसूचित जातियों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी की बात हो। शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी सरकार को चेतावनी दे चुके हैैं कि यदि ऐसा किया गया तो पार्टियां जन आंदोलन छेड़ देंगी।
वित्त मंत्री कह चुके हैैं मुफ्त बिजली योजना जारी रखने की बात
वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने तो विधानसभा के एक दिन के सत्र में कह दिया था कि जब तक कैप्टन अमरिेंदर सिंह मुख्यमंत्री हैं, तब तक बिजली सब्सिडी बंद नहीं की जाएगी। वहीं, एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस तरह की सिफारिशें पहले भी आयोग और कमेटियां देती रही हैं लेकिन अगर इस पर सरकार ने कोई फैसला ही नहीं लेना है तो इस तरह कमेटियां बनाना बेकार है। अगर बड़े किसानों की सब्सिडी ही सरकार बंद कर दे तो सरकार के 3200 करोड़ रुपये बच जाएंगे और छोटे फैसले करने की जरूरत ही नहीं है।
आहलुवालिया रिपोर्ट के साथ आर्थिक सुधारों को लेकर इन बातों की हो रही चर्चा
आर्थिक सुधार के नाम पर पंजाब सरकार की तरफ से आर्थिक रणनीति में पब्लिक सैक्टर के रोपड़ और लहरा मोहब्बत के थर्मल पलांट बंद करने का एजेंडा तैयार किया जा रहा है। इसे लेकर बिजली निगम के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते सचेत किया है कि अगर बठिंडा के बाद अब लहरा मुहब्बत व रोपड़ प्लाट को बंद करने की कोशिश की तो मुलाजिम कड़े संघर्ष के लिए मजबूर होंगे। फिलहाल सरकार की योजना इन प्लाटों की जमीन पर नए औद्योगिक पार्क बनाने की है।
माहिरों के ग्रुप की तरफ से 4 अगस्त 2020 को पहली प्राथमिक रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई थी, उसमें सिफ़ारिश की गई है कि अपनी मियाद पूरी तक चुके थर्मल प्लांटों को बंद कर दिया जाए क्योंकि इनसे बिजली महंगी पड़ रही है। पंजाब सरकार की तरफ़ से योजना कमीश्न के पूर्व डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह आहलूवालीया के नेतृत्व में माहिरों की टीम गठित की गई है जो कोविड समाप्ती के बाद पंजाब की इक्नामी को पटडी पर लाने के लिए आर्थिक रणनीति बना सके।
माहिरों के ग्रुप की तरफ से पंजाब की माली स्थिति, सेहत, उद्योग, पावर प्लाट और खेती आदि को पटरी पर लाने के लिए 74 पेजों की रिपोर्ट तैयार की है। ग्रुप की तरफ से दूसरी रिपोर्ट 31 दिसंबर 2020 तक दी जानी है। पावर सैक्टर के सुधारों के लिए पब्लिक सैक्टर के मियाद पूरी कर चुके थर्मल बंद करने की सिफ़ारिश है। रोपड़ थर्मल प्लाट अपनी मियाद पूरी कर चुका है जबकि लहरा थर्मल प्लाट की मियाद 2020 में पूरी हो रही है।
इसमें बठिंडा थर्मल प्लाट को सरकार पहले ही बंद कर चुकी है व यहां औद्योगिक पार्कों की संभावना पर विचार चल रहा है। ग्रुप ने मुफ्त मिल रही बिजली को राज्य के लिए संकट बताया है और खेती ट्यूबवैलों को सोलर एनर्जी पर चलाने की सिफ़ारिश की है। 14 लाख ट्यूबवैलों को सोलर पर करने के लिए एक लाख करोड़ की ज़रूरत है और 1.25 लाख एकड़ ज़मीन की जरूरत होगी। बड़े शहरों में बिजली वितरण का काम प्राईवेट हाथों में देने की वकालत की गई है।
कुछ सिफारिशों को लेकर माहिरों ने जताई चिंता
- सरकार ने उद्योग को वन पार्ट टैरिफ की सिफ़ारिश की है जिससे व्यापारियों को फिक्सड चार्ज न देने पड़े। फिक्स चार्ज की सालाना राशि करीब 1500 करोड़ रुपए बनती है जिसका भार दूसरे खपतकारों पर डाला जा सकता है।
- केंद्रीय खेती आर्डीनैंसों की तर्ज़ पर किसानों के लिए खुली मंडी की वकालत की है। इस ग्रुप ने सरकार को सिफ़ारिश की है कि स्टेट कानूनों में संशोधन करके ज़मीनों को लंबे समय के लिए लीज पर देने की प्रक्रिया सुविधाजनक की जानी चाहिए।
- इसी तरह पंजाब सरकार नगर कौंसिलों व निगमों की संपत्ति जो पहले से लीज पर लोगों के पास हैं, उन्हें मार्केट रेट पर बेचने की सिफ़ारिश की है।
- पंजाब में पुलिस आबादी के अनुपात के लिहाज़ के साथ ज़्यादा है जिसके चलते कुछ सालों के लिए पुलिस की भर्ती पर रोक लगाई जाए।
- पंजाब सरकार ने पावरकाम की करीब 40 हजार असामियों को समाप्त करने का फ़ैसला किया है जो एक बड़ा झटका है।
- पावरकाम और पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन निगम में पिछले एक साल से खाली पड़ीं असामियों को समाप्त करने का फ़ैसला किया गया है। पावरकाम में 75,757 पद मंजूर हैं जिनमें से 40,483 पद खाली पड़े हैं।
- फैसले अनुसार ग्रुप ए की 761, ग्रुप बी की 2862, ग्रुप सी की 30,702 और ग्रुप डी की 6158 असामियां ख़त्म करने का रास्ता साफ हो गया है।
- इसके बिना पावरकाम के 6427 डेली वेजिज, वर्क प्रभार और ठेका प्रणाली वाले मुलाजीम हैं, उनके पदों पर 20 प्रतिशत कटौती होगी।
- पैसको मुलाजिमों में 20 प्रतिशत कटौती की जानी है। मोटे तौर पर देखें तो पैसको के द्वारा रखे 1284 मुलाजिमों को घर पर भेजा जाएगा।
- रोपड़ थर्मल पलांट के 200 सुरक्षा मुलाजिमों की कटौती करन के लिए संभावना तलाशी जा रही है और इसी तरह लहरा थर्मल के ठेका प्रणाली वाले 1700 कामगारों में से 200 की कटौती करने के लिए कहा गया है।