चंडीगढ़। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसलों पर मोहर लगी। पंजाब सरकार ने कोवैक्स संस्थान के साथ जुड़ने का फैसला किया है, जिससे कम कीमत पर कोविड के टीकों की खरीद के लिए वैश्विक स्तर पर पहुंच बनाई जा सके। इस तरह पंजाब यह पहल करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इसका मकसद कोविड की दूसरी जानलेवा लहर के दौरान टीकों की कमी की समस्या का हल करना है।
मंत्रिमंडल ने औद्योगिक कामगारों के लिए कोवैक्सीन खरीदने के फैसले को भी मंजूरी दे दी है, जिनके टीकाकरण का खर्चा उठाने के लिए उद्योग जगत ने सहमति प्रकट की है। राज्य सरकार ने अभी तक 18-44 उम्र वर्ग के लिए सिर्फ कोविशील्ड टीकों का ही ऑर्डर दिया है, लेकिन मौजूदा फैसले से कोवैक्सीन के ऑर्डर देने का रास्ता भी साफ हो गया है।
पंजाब में टीकाकरण की मौजूदा स्थिति और उपलब्धता की समीक्षा करते हुए मंत्रिमंडल ने कहा कि इस टीके का वैश्विक स्तर पर प्रबंध किया जाना जरूरी था। मंत्रिमंडल ने फ़ैसला किया कि क्योंकि कोवैक्स संस्थान द्वारा कम कीमतों की पेशकश की जाती है, इसलिए राज्य को अंतरराष्ट्रीय बाजार से टीके खरीदने के लिए इस संस्थान के साथ जुड़ना चाहिए। कोवैक्स के साथ जुड़ने का सुझाव मंत्रिमंडल को डॉ. गगनदीप कंग ने दिया जो टीकाकरण संबंधी पंजाब के विशेषज्ञ समूह की प्रमुख हैं।
इस मौके पर स्वास्थ्य सचिव हुसन लाल ने मंत्रिमंडल को जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा ऑर्डर की गई कोविशील्ड की 30 लाख डोज में से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने अभी तक 4.29 लाख की ही पुष्टि की है, जिनमें से 1 लाख डोज राज्य को हासिल हो चुकी हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से संबंधित कुछ संस्थाएं और औद्योगिक संस्थान अपने कामगारों का जल्द टीकाकरण किए जाने की विनती कर रहे हैं। टीकों की कमी को देखते हुए उन्होंने यह बताया कि कुछ राज्यों द्वारा इन टीकों के आयात के लिए टेंडर मांगे जा रहे हैं।
स्वास्थ्य सचिव ने कैबिनेट को बताया कि 45 साल से अधिक उम्र वर्ग के लिए कोविशील्ड वैक्सीन की 1,63,710 डोज की आखिरी खेप 9 मई को पहुंची थी, जिसकी कुल संख्या 42,48,560 है। 3,45,000 डोज रक्षा सेनाओं को दी गई हैं, जबकि टीकाकरण की कुल संख्या 39,03,560 है। 45 साल से अधिक उम्र वर्ग के लिए कोवैक्सीन की 75000 डोज की आखिरी खेप 6 मई 2021 को पहुंची थी, जिसकी कुल संख्या 4,09,080 है, जिनमें से आज तक 3,52,080 का प्रयोग हो गया है और अब सिर्फ 57000 डोज बचे हैं।