केंद्र से बातचीत के लिए पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधि दिल्ली रवाना, आज होगी बैठक

कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के आंदोलनरत किसान संगठनों की केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव से मुलाकात होगा। हालांकि निर्णायक बातचीत के लिए केवल मंत्रियों से ही बात होगी। किसानों ने कहा कि अगर बातचीत में कोई हल न निकला तो देशव्यापी संघर्ष करेंगे।

चंडीगढ़। नए कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ तीन सप्ताह से धरना दे रहे 29 किसान संगठन मंगलवार को केंद्र सरकार से बातचीत के लिए तैयार हो गए। अधिकांंश किसान संगठनों के प्रतिनिधि कल शाम को ही वार्ता के लिए दिल्ली रवाना हो गए थे। कुछ आज सुबह रवाना हुए।

भारतीय किसान यूनियन राजेवाल के प्रधान के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल से बैठक करने के लिए केस तैयार कर लिया गया है। कानूनों के बारे में किसान संगठनों की राय लिखित में उन्हें सौंप दी जाएगी। इसके बाद संजय अग्रवाल मंत्री समूह से किसान संगठनों की बात कब करवाएंगे, वह तय करके बता देंगे। राजेवाल ने स्पष्ट किया कि नए कृषि सुधार कानूनों को लेकर निर्णायक हल के लिए केवल मंत्री समूह से ही बातचीत की जाएगी।

बातचीत सफल न होने पर देशव्यापी संघर्ष की चेतावनी

बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान आंदोलन पूरे देश में फैल रहा है। अगर केंद्र सरकार के साथ बातचीत में कोई हल न निकला तो जल्द ही देश के विभिन्न किसान संगठनों की बैठक दिल्ली या चंडीगढ़ में की जाएगी। देशव्यापी संघर्ष की रूपरेखा तैयार करके पांच नवंबर को भारत बंद के आह्वान के साथ इसकी शुरुआत की जाएगी। केंद्र की ओर से बातचीत के लिए देश के अन्य किसान संगठनों को न बुलाए जाने पर राजेवाल ने कहा कि विरोध पंजाब से शुरू हुआ है, इसलिए पंजाब के किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया गया है। वहीं, प्रदेश में कोयले व यूरिया की कमी पर राजेवाल ने कहा कि ऐसे गुमराह करने वाले बयान केवल संघर्ष को तोडऩे के लिए दिए जा रहे हैं। निर्यात को हो रहे नुकसान पर कहा कि संघर्ष में कुर्बानी देनी पड़ती है।

केंद्र के समक्ष यह रखी जाएंगी ये मांगे

  • तीनों नए कृषि कानून निरस्त किए जाएं
  • फसलों के उचित मूल्य के लिए स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए
  • फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी मान्यता दी जाए
  • सरकार गेहूं व धान की तरह अन्य फसले भी एमएसपी पर खरीदे
  • फसलों की गुणवत्ता व्यापारी नहीं, सरकारी एजेंसियां तय करें
  • राज्य में स्टेट फाइनांस्ड फारमर्स को-आपरेटिव फूड प्रोसेेङ्क्षसग यूनिट स्थापित किए जाएं

कैप्टन ने नहीं निभाया वादा, खाली हाथ लौटाए मंत्री

किसानों के रेल रोको आंदोलन को खत्म करवाने के लिए पंजाब के दो कैबिनेट मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा व सुखबिंदर सिंह सरकारिया, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधू के साथ किसान संगठनों की बैठक में पहुंचे। उन्होंने रेल रोको आंदोलन बंद करने की अपील की तो किसान संगठनों ने कहा कि इसका फैसला 15 अक्टूबर की बैठक में लिया जाएगा।

मंत्रियों ने कई बार किए गए आग्रह को किसान संगठनों ने नहीं माना। किसान नेताओं ने कहा कि 29 सिंतबर को मुख्यमंत्री ने वादा किया था कि वह एक सप्ताह में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इन कानूनों को रद करेंगे। उन्होंने मंत्रियों से सवाल किया कि क्या आपके मुख्यमंत्री ने वादा निभाया? इसके बाद दोनों मंत्री यह कहने के बाद मीटिंग छोड़कर चले गए कि इसका फैसला बुधवार को कैबिनेट बैठक में जाएगा।

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