चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि दिल्ली में हुई हिंसा, खासतौर से लाल किले पर हुई घटना निंदनीय है। कहा कि इस घटना से देश का अपमान हु्आ है। इस घटना ने देश को शर्मशार किया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि इस घटना से किसानों का आंदोलन कमजोर होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह किसानों के साथ खड़े हैं। कृषि कानून गलत हैं और संघीय सिस्टम के खिलाफ हैं।
'Violence at #RedFort deplorable, an insult to the nation, it has weakened the #FarmersProtests….I hang my head in shame….#DelhiPolice should book guilty, but should not harass any farm leaders:' @capt_amarinder #TractorsRally #DelhiViolence pic.twitter.com/X7EZ7v0IT7
— Raveen Thukral (@RT_MediaAdvPbCM) January 27, 2021
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लाल किला स्वतंत्र भारत का प्रतीक है। लाल किले पर तिरंगा लहराए इसके लिए हजारों भारतीयों ने स्वतंत्रता आंदोलन मेंं अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी। महात्मा गांधी ने अहिंसा के माध्यम से स्वतंत्रता की पूरी लड़ाई लड़ी थी। कैप्टन ने कहा, ”राष्ट्रीय राजधानी में कल जो हुआ, उससे मेरा सिर शर्म से झुक गया।”
'#RedFort is a symbol of independent India & Gandhi's non-violence…thousands of Indians gave up lives to see tricolour atop the fort…Centre should also probe involvement, if any, of any political party or nation into attack on historic monument:'@capt_amarinder #DelhiViolence pic.twitter.com/jdwlXWtvTU
— Raveen Thukral (@RT_MediaAdvPbCM) January 27, 2021
पंजाब के सीएम ने कहा कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया है दिल्ली पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए। किसी राजनीतिक दल की भी अगर इसमें भूूूूूूमिका है तो इसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन किसान नेताओं को अनावश्यक रूप से टारगेट या उत्पीड़ित न करें।
‘What happened in Delhi yesterday was wrong but I still stand with #farmers as #FarmLaws are wrong & against federal ethos…Centre must heed farmers' voice. A govt of & by the people can't ignore the will of the people:' @capt_amarinder #FarmersProtest pic.twitter.com/0IMzHu6EbH
— Raveen Thukral (@RT_MediaAdvPbCM) January 27, 2021
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कल भी घटना की निंदा करते हुए कहा था कि दिल्ली के दृश्य शॉकिंग हैं और इस तरह के तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा बनाई गई छवि भी इससे खराब हुई है।