चंडीगढ़। किसानों के मुद्दे पर हरियाणा-पंजाब आमने-सामने हो गए हैं। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि उन्होंने किसानों के मुद्दे पर बातचीत के लिए कई बार पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह को फोन मिलाया, लेकिन कैप्टन बात करने के लिए लाइन पर नहीं आए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के इस आरोप का अमरिंदर सिंह ने यह जवाब दिया है। कैप्टन ने कहा कि मनोहर लाल झूठ बोल रहे हैंं कि उन्होंनेे फोन करने की कोशिश की। कैप्टन ने कहा कि लेकिन अब वह मनोहर लाल से कोई बात नहीं करेंगे। चाहे वह 10 बार ही फोन क्यों न कर लें। मनोहर सरकार ने पंजाब के किसानों के साथ बर्बरता की है।
[Live] In an interview with @republic https://t.co/dqeSX1iLxY
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 28, 2020
तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन पर हरियाणा व पंजाब सरकारों में ठन गई है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल बार-बार आरोप लगा रहे हैं कि किसान आंदोलन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा प्रायोजित है और इसमें हरियाणा के किसान भाग नहीं ले रहे। हरियाणा के इस आरोप से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि किसानों को अपनी बात कहने के लिए दिल्ली जाने से नहीं रोका जाना चाहिए था, जो कि हरियाणा सरकार ने किया।
In an interview with @ndtv https://t.co/LUKf1MaGx9
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 28, 2020
मनोहर लाल और कैप्टन अमरिंदर द्वारा एक-दूसरे को निशाने पर लेने के बीच शनिवार को नया घटनाक्रम सामने आया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार दोपहर को गुरुग्राम में कहा कि मैंने किसानों के मुद्दे पर अमरिंदर सिंह से छह-सात बार बात करने की कोशिश की, लेकिन वह लाइन पर नहीं आए। इसके जवाब में शाम को कैप्टन ने कहा कि मनोहर लाल झूठ बोल रहे हैं और अब वह दस बार भी बात नहीं करेंगे।
Who is @mlkhattar to stop the farmers from going to national capital when Centre & Delhi are allowing farmers to enter? Why did he assault them? I’ll not forgive him for what he’s done to the farmers. He never called earlier but now I won’t talk to him till he apologizes. pic.twitter.com/VJbwZri00p
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 28, 2020
दो राज्य सरकारों में रस्साकसी के बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि किसान आंदोलन मुख्य रूप से पंजाब के राजनीतिक दल कांग्रेस तथा वहां के कुछ संगठनों द्वारा प्रायोजित है। उन्होंने कहा कि मैंने आंदोलन को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से तीन दिन के दौरान कई बार बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। कई बार फोन मिलाया गया और उसके बाद भी हमारी एक्सचेंज से उन्हें लगातार फोन मिलाते रहे, लेकिन अमरिंदर सिंह के स्टाफ द्वारा बार-बार यही कहा जाता रहा कि थोड़ी देर में बात कराते हैं।
मनोहर लाल के अनुसार ऐसी अजीबो-गरीब स्थिति पहली बार हुई है, जब एक मुख्यमंत्री दूसरे मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन बात नहीं करवाई जा रही। पिछले छह साल में ऐसा पहली बार हुआ है अन्यथा पहले जब भी हम फोन करते तो व्यस्तता होने पर घंटे-आधे घंटे में बातचीत हो जाती थी। उन्होंने खुलकर कहा कि किसान आंदोलन के पीछे पंजाब सरकार की साजिश है। क्योंकि उनके आफिस के कार्ड होल्डर आंदोलन में आगे-आगे चल रहे थे और किसानों का नेतृत्व कर रहे थे।
मनोहर लाल के इस आरोप के बाद पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का ट्वीट आया। उन्होंने कहा कि मनोहर लाल झूठ बोल रहे हैं कि उन्होंने मुझसे बात करने की कई बार कोशिश की और मेरी तरफ से किसी तरह का रिस्पांस नहीं दिया गया। लेकिन, अब उनकी सरकार ने हमारे किसानों के साथ जो व्यवहार किया, उसे देखते हुए अब मैं बिल्कुल भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बात नहीं करना चाहूंगा, भले ही वह मुझे दस बार फोन करें। इसे बाद मनोहर लाल ने इस किसान आंदोलन में हरियाणा के लोगों द्वारा भागीदारी नहीं किए जाने का दावा करते हुए उनका आभार जताया है।