चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ 19 अक्टूबर सोमवार को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला किया है। यह फैसला सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि उनकी सरकार संघीय ढांचे पर हमला करने वाले कृषि कानूनों का सभी तरीकों से जवाब देगी।
वहीं, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब में किसानों के आंदोलन के चलते रेल व सड़क मार्ग रोकने के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र व पंजाब सरकार को कहा है कि वह किसान संगठनों से बातचीत कर इस समस्या का हल निकाल कर शुक्रवार को हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दे।
जस्टिस एस मुरलीधर एवं जस्टिस अवनीश झिंगन की खंडपीठ ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को उच्च प्रशासनिक स्तर पर किसान संगठनों से बात कर इसका हल निकाले जाने को कहा है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है अगर राज्य सरकार इसे नियंत्रित नहीं कर पा रही है तो केंद्र अतिरिक्त सुरक्षा बल भेज सकता है और वैसे भी इन प्रदर्शनों राज्य सरकार भी शामिल रही है।
वहीं, पंजाब सरकार ने कहा कि किसान संगठनों द्वारा रेल लाइन बंद किए जाने के कारण राज्य में कोयले की कमी हो गई है ऐसे में किसान संगठनों को रेल लाइनों से हटाया जाए। इस पर हाई कोर्ट ने कहा फिलहाल वो ऐसे कोई आदेश नहीं दे रहे। पहले केंद्र और राज्य सरकार दोनों किसान संगठनों से बैठक कर हल निकालें और अगली सुनवाई पर इसकी जानकारी दें उसके बाद ही हाई कोर्ट आगे कोई आदेश जारी कर सकता है।