पंजाब विधानसभा सेशन: सदन में गूंजा स्कॉलरशिप घोटाला, मंत्री धर्मसोत की बर्खास्तगी की मांग

आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि आप विधायकों को सदन में आने से इसलिए रोका गया की कुछ के ड्राइवर आइसोलेशन में हैंं, तो सरबजीत कौर माणुके के पति ने कोरोना टेस्ट नहीं करवाया। इसे लेकर आप के विधायकों ने नारेबाजी भी की। सदन में श्री गुरु तेग बहादुर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ पेश किया गया, जिसे सदन ने पास कर दिया।

चंडीगढ़। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप घोटाला पंजाब विधानसभा में भी गूंजा। विपक्ष ने मामले में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवा  व लोग इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस ने घोटाले का मामला उठाया। कहा कि इस मामले की ईमानदारी से जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोपित मंत्री साधू सिंह धर्मसोत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की।

सदन में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीन कृषि अध्यादेश और पावर अमेंडमेंट बिल के विरोध का प्रस्ताव पेश किया, जिसका विधायकों ने समर्थन किया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि अध्यादेश को लेकर कहा कि पानी और एमएसपी पंजाब की जान है। केंद्र सरकार एमएसपी को खत्म करने जा रही है। उन्होंने कहा कि एमएसपी तो रहेगी लेकिन जब  मंडिया खत्म हो जाएगी तो किसान कहां जाएगा।

मुख्यमंत्री के इस प्रस्ताव का आम आदमी पार्टी लोक इंसाफ पार्टी ने जहां समर्थन किया, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने विरोध किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अकाली दल जानबूझकर सदन से इसलिए गायब है, ताकि वह इस प्रस्ताव के समर्थन को सर्वसम्मति से पास नहीं करवाना चाहता। कैप्टन ने कहा कि जो पार्टी आनंदपुर साहिब प्रस्ताव लाई थी आज वही पार्टी संघीय ढांचे के खिलाफ है।

पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय मानसून सत्र में 117 विधायकों में से 52 ही मौजूद हैं। आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों को ही सदन में एंट्री मिली है, जबकि अकाली दल का कोई भी विधायक सदन में मौजूद नहीं है।सत्र शुरू होने से पहले ही आम आदमी पार्टी के विधायकों को विधानसभा परिसर में जाने से रोक लिया गया, जिसके विरोध में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने पीपीई किट पहनकर प्रदर्शन किया। विधायक मीत हेयर ने कहा, जिन विधायकों की रिपोर्ट नेगेटिव है उन्हें क्यों रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो दोबारा टेस्ट करवा ले, इसमें पांच मिनट से कम समय लगता है लेकिन विधायकों को विधानसभा में जाने दिया जाए।

आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि आप विधायकों को सदन में आने से इसलिए रोका गया की कुछ के ड्राइवर आइसोलेशन में हैंं, तो सरबजीत कौर माणुके के पति ने कोरोना टेस्ट नहीं करवाया। इसे लेकर आप के विधायकों ने नारेबाजी भी की। सदन में श्री गुरु तेग बहादुर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ पेश किया गया, जिसे सदन ने पास कर दिया। आप विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि नई यूनिवर्सिटी खोली जानी चाहिए, लेकिन जो पुरानी यूनिवर्सिटी चल रही है उसकी वित्तीय सुरक्षा भी पंजाब सरकार को करनी चाहिए। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि नई यूनिवर्सिटी की वित्तीय असिस्टेंट को बरकरार रखा जाएगा। पंजाब कैदियों अच्छे आचरण (अस्थाई रिहाई) संशोधन बिल 2020 भी सदन सदन में पास कर दिया गया। वहींं, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि जब तक पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री हैं तब तक पंजाब में किसानों को मिलने वाली फ्री बिजली बंद नहीं की जाएगी।

इससे पहले, विधानसभा में कोरोना पॉजीटिव विधायक मंजीत सिंह बिलासपुर के संपर्क में आने पर आप के सभी विधायकोंं को विधानसभा में नहीं जाने दिया गया। आप के विधायक बलजिंदर कौर, कुलतार सिंह संधवा व अमन अरोड़ा विधायक को ही जाने की इजाजत मिली। इसके विरोध में आप विधायकोंं ने पीपीई किट पहनकर विरोध किया। बता दें, संसदीय कार्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा कोरोना पॉजीटिव आए हैं, जबकि डिप्टी स्पीकर और तीन मंत्री पहले ही कोरोना पॉजीटिव आ चुके हैं।

इससे पूर्व, विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि 29 विधायक कोरोना पॉजीटिव आ चुके हैं। उन्होंने विधायकों से अपील की है कि जो भी विधायक किसी भी कोरोना मरीज के संपर्क में आया है तो वह हेल्थ प्रोटोकाल के तहत एकांतवास में जाए। इस बीच अकाली दल ने स्पीकर राणा केपी सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि यह स्पष्ट नहीं हैैं कि सत्र की कार्रवाई में हिस्सा ले पाएंगे या नहीं। जिस पर स्पीकर ने अकाली दल को जवाब देते हुए कहा कि कोई भी विधायक कोरोना पॉजीटिव के संपर्क में आया है तो वह प्रोटोकाल की पालना करे। इस बीच यह तय नहीं हो पाया है कि विपक्ष के कितने सदस्य सदन की कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे।

अनिश्चितता के दौर में भी विपक्ष ने सत्ता पक्ष को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी की थी। विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने कहा कि सरकार को सदन की अवधि को बढ़ाना चाहिए। क्योंकि राज्य के कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होना जरूरी है। सरकार विपक्ष से घबरा रही है। वहीं, अकाली दल के नेता शरणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती है। सरकार की साजिश है कि विपक्ष सदन से बाहर ही रहे। कांग्रेस सरकार कृषि अध्यादेश पर लोगों को गुमराह कर रही है।

इनको दी गई श्रद्धांजलि

सदन में वित्तमंत्री मनप्रीत बादल के पिता और पूर्व सांसद गुरदास बादल, पूर्व मंत्री हरी सिंह जीरा, बलबीर सिंहसीनियर पूर्व ओलंपियन और हजूरी रागी भाई निर्मल सिंह समेत 25 लोगों को श्रद्धाजंलि दी गई। इसके अलावा नायब सूबेदार मनदीप सिंह, नायब सूबेदार सतनाम सिंह, नायक राजेश कुमार, नायक राजविंदर सिंह, नायक सलीम खान, नायक गुरबिंदर सिंह, लखबीर सिंह,गुरतेज सिंह दोनों सैनिक, कलाकार सतीश गुजराल को भी श्रद्धाजंलि दी गई। छह स्वतंत्रता सेेनानियों को भी श्रद्धांजलि दी गई जिनमें सुच्चा सिंह, प्यारा सिंह, तख्त सिंह, अजीत सिंह, वरियाम सिंह, संतोख सिंह, दिलीप सिंह और इंजीनियर जसवंत सिंह गिल को भी श्रद्धाजंलि दी गई।

Leave A Reply

Your email address will not be published.