चंडीगढ़। पंजाब के नौकरीपेशा लोगों और प्रोफेशनलों को बहुत जल्द भारी झटका लग सकता है। उन पर टैक्स की भारी मार की तैयारी है। पंजाब सरकार राज्य में लागू प्रोफशनल टैक्स में भारी वृद्धि कर सकती है। केंद्रीय योजना आयोग के पूर्व डिप्टी चैयरमैन मोटेंक सिंह अहलुवालिया के नेतृत्व वाली एकसपर्ट कमेटी ने प्रोफेशनल टैक्स में भारी बढ़ोतरी की सिफारिश की है। कमेटी ने इसे माैजूदा 2400 रुपये सालाना से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने को कहा है। यदि यह वृद्धि होती है तो उद्यमियों और नौकरीपेशा लोगों पर बहुत बड़ा भार पड़ेेगा।
कोविड के बढ़े आर्थिक संकट से उबरने के लिए बनी एक्सपर्ट ग्रुप कमेटी की सिफारिश
इस बाबत दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर में दावा किया गया है कि कोविड-19 के कारण पंजाब की अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से पार पाने के लिए योजना आयोग के पूर्व डिप्टी चेयरमैन मोंटेक सिंह आहलुवालिया के नेतृत्व में बनी कमेटी ने अपनी सिफारिशों की पहली प्राथमिक रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अंतिम रिपोर्ट दिसंबर में दी जाएगी। पहली रिपोर्ट में कमेटी ने प्रोफेशनल टैक्स को सालाना 2400 रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने की सिफारिश की है। यानी प्रोफेशनल लोगों से इस समय लिए जा रहे प्रोफेशनल टैक्स को 200 रुपये से बढ़ाकर 1650 रुपये प्रतिमाह किया जाए।
मोंटेक सिंह आहलुवालिया कमेटी ने कहा- प्रोफेशनल टैक्स 200 से बढ़ाकर 1650 रुपये प्रति माह किया जाए
कमेटी ने कहा, इस समय संविधान की धारा 276 के अनुसार 32 साल से (1988 से लेकर अब तक) प्रोफेशनल टैक्स पर 2500 रुपये की सीलिंग लगी है। इसका अब कोई औचित्य नहीं है। इसे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार व वित्त आयोग से आग्रह किया जाना चाहिए। वहीं, रिपोर्ट में कई ऐसी सिफारिशें भी हैैं जैसी पहले भी कई योजना आयोग, नीति आयोग और वित्त आयोग करते रहे हैैं।
कमेटी की सिफारिश- केंद्रीय वेतनमान के बराबर हो प्रदेश के कर्मचारियों का वेतन, न दिया जाए डीए
कर्मचारियों को लेकर दिए गए सुझाव से कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ सकती है। कमेटी ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बहुत अंतर है। राज्य सरकार का वेतनमान अधिक है। सभी कर्मचारियों को केंद्रीय वेतनमान के बराबर ही वेतन मिले।
कमेटी ने कहा है कि इस समय जिन कर्मचारियों को केंद्रीय वेतनमान से अधिक वेतन मिल रहा है उसमें कटौती न की जाए, परंतु जब तक वह कर्मी केंद्रीय वेतनमान के बराबर नहीं आ जाते तब तक उन्हें अतिरिक्त भुगतान न किया जाए। राज्य सरकार द्वारा स्थगित की गई डीए की 16 फीसदी की किश्तें अब न देने की सिफारिश की है। पुलिस कर्मी राज्य की जनसंख्या के अनुपात में कहीं अधिक है। इसलिए पुलिस में नई भर्ती पर रोक लगनी चाहिए।
कमेटी ने कहा- बेची जाए सरकारी और लीज पर दी गई संपत्ति
20 सदस्यीय एक्सपर्ट ग्रुप पर आधारित कमेटी ने शराब पर टैक्स बढ़ाने के अलावा सरकारी जमीनें बेचने का सुझाव दिया भी दिया है। बड़े शहरों में जमीनों को विकास एजेंसियों को सौंपकर इन्हें इंडस्ट्रियल, कमर्शियल और आवसीय सेक्टरों में बेचने की सिफारिश की है। जबकि अवैध कालोनियों को रेगुलर करने के लिए कर्नाटक का फार्मूला अपनाकर प्लॉट साइज के अनुसार जुर्माने की व्यवस्था करने को कहा है।
कमेटी के अनुसार कर्नाटक सरकार ने यह कदम उठाकर इस साल 15 हजार करोड़ रुपये जुटाए हैैं। इसके साथ ही नगर निगमों, कौंसिल की लीज पर दी गई जमीनों या अन्य संपत्ति का किराया बेहद कम होने के कारण इन्हें बेचने की सिफारिश की है।
बिजली सब्सिडी की जाए बंद
कमेटी ने किसानों को बिजली सब्सिडी देने पर भी सवाल उठाए हैं। कमेटी का कहना है कि इससे बजट पर भार बढऩे के साथ ही पर्यावरण को नुकसान हो रहा है और लाभ केवल बड़े किसानों को मिल रहा है। कमेटी ने सौलर पंप के जरिए ङ्क्षसचाई को बढ़ावा देने की बात कही है। इसके साथ ही जिन पुराने थर्मल प्लांट से महंगी बिजली मिल रही है उन्हें बंद कर उनकी जमीन पर इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित करने का सुझाव दिया है।
सीड बैैंक पर दिया जाए जोर
एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) एक्ट में सुधार करने और टैक्स सुधार के सुझाव भी कमेटी ने दिए हैं। वहीं, फसलों की बजाए पंजाब को सीड बैंक बनने की ओर ध्यान देना चाहिए। इससे पंजाब को लाभ होगा।