चंडीगढ़। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर दोहराया कि वह पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं। कहा कि लोग सोमवार से राज्य में लगाए गए मिनी लॉकडाउन में लापरवाही बरत रहे हैं। कोविड रिव्यू मीटिंग में कैप्टन ने कहा कि अगर लोगों ने गंभीरता नहीं दिखाई तो उन्हें पूर्ण लॉकडाउन पर विचार करना होगा।
बता दें, इससे राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा था कि वह मिनी लॉकडाउन के बजाय फुल लॉकडाउन के पक्ष में हैं। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा कि पंजाब में लॉकडाउन लगा देना चाहिए, क्योंकि राज्य में कोरोना संक्रमण का पीक आ चुका है। लॉकडाउन 10 दिन के लिए होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य में फुल लॉकडाउन का आदेश देने से मना कर दिया है, क्योंकि इससे गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। इससे बाहरी राज्यों से यहां आए मजदूरों का पलायन होगा, उद्योगों में फिर से अराजकता होगी। हालांकि, अगर लोग प्रतिबंधों का कड़ाई से पालन नहीं करते हैं तो कठोर कदम उठाने पड़ सकते हैं। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बैठक में कहा कि मौजूदा प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।
बता दें, बलबीर सिंह सिद्धू इससे पहले भी बरनाला के तपा में पत्रकारों से बातचीत में राज्य में लॉकडाउन लगाने की बात कह चुके थे। उनका कहना था कि पंजाब सरकार ने कई पाबंदियां लगाई हैं, लेकिन इसके बावजूद यह नाकाफी साबित हो रही हैं। सिद्धू ने कहा था कि सरकार द्वारा कोरोना से बचाव संबंधी जारी हिदायतों की पालना करें। अगर जरूरत पड़ी तो लोगों की जिदंगी बचाने के लिए व उनकी सेहत को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
हालांकि उस दिन भी पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में पूर्ण लॉकडाउन की संभावनाओं से इन्कार कर दिया था। कैप्टन का मानना था कि राज्य में लॉकडाउन से कामगार यहां से चले जाएंगे और वह जहां जाएंगे वहां मुश्किल समय में इलाज संभव नहीं है। ऐसे में फुल लॉकडाउन लगाना होशियारी नहीं है। इसके बाद पंजाब सरकार ने गत दिवस राज्य में मिनी लॉकडाउन लगा दिया था।
पंजाब में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। साथ ही मौत का आंकड़ा भी रोजाना 100 से ऊपर जा रहा है। ऐसे में राज्य सरकार चिंतित है और हर एहतिहाती कदम उठा रही है। आज मिनी लॉकडाउन के बावजूद राज्य के कई शहरों में लोग लापरवाही दिखा रहे हैं। इसलिए राज्य सरकार संक्रमण रोकने के लिए और कड़े कदम उठा सकती है।
पत्रकार व बिजली निगम कर्मी फ्रंटलाइन की श्रेणी में
वहीं, पंजाब सरकार ने राज्य में मान्यता प्राप्त और पीले कार्ड धारक सभी पत्रकारों को कोविड के विरुद्ध लड़ाई में फ्रंटलाइन योद्धाओं की सूची में शामिल करने की घोषणा की है। इसके अलावा राज्य में बिजली निगम के सभी कर्मचारियों को भी फ्रंटलाइन वर्करों के दायरे में लाया गया है। पत्रकारों समेत यह कर्मचारी पहल के आधार पर टीका लगवाने सहित उन सभी लाभों के लिए योग्य होंगे, जो बाकी फ्रंटलाइन वर्कर राज्य सरकार से हासिल करने के हकदार हैं।