चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में भारतीय संस्कृति व यहां के रीति रिवाजों को बचाने में योगदान देने वाले बलिदानियों को याद किया। पीएम ने कहा, हमारे देश में आतताइयों से, अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए, कितने बड़े बलिदान दिए गए हैं, आज उन्हें याद करने का भी दिन है। आज के ही दिन गुरु गोबिंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चिनवा दिया गया था।
पीएम ने अपने संबोधन में कहा कि अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें। लेकिन, हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई। दीवार में चिनेे जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊंंची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज ही के दिन गुरु गोबिंंद जी की माता जी माता गुजरी देवी ने भी शहादत दी थी। करीब एक सप्ताह पहले, श्री गुरु तेग बहादुर जी की भी शहादत का दिन था। पीएम ने कहा कि उन्हें भी दिल्ली में गुरुद्वारा रकाबगंज जाकर गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का व माथा टेकने का अवसर मिला।
पीएम ने कहा कि इसी महीने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से प्रेरित अनेक लोग जमीन पर सोते हैं। लोग श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के परिवार के लोगों के द्वारा दी गई शहादत को बड़ी भावपूर्ण अवस्था में याद करते हैं। इस शहादत ने संपूर्ण मानवता को व देश को नई सीख दी। इस शहादत ने हमारी सभ्यता को सुरक्षित रखने का महान कार्य किया। हम सब इस शहादत के कर्जदार हैं। पीएम ने कहा कि एक बार फिर वह श्री गुरु तेग बहादुर जी, माता गुजरी जी, गुरु गोबिंद सिंह जी और, चारों साहिबजादों की शहादत को नमन करते हैं। ऐसी ही अनेकों शहादतों ने भारत के आज के स्वरूप को बचाए रखा है और बनाए रखा है।