पंजाब में पंथक राजनीति गरमाई, बीर दविंदर बोले- ढींडसा ने नहीं ब्रह्मपुरा ने दिया धोखा

बीर दविंदर ने कहा कि ढींडसा पर धोखा देने के ब्रह्मपुरा के बयान तथ्यहीन हैं। ब्रह्मपुरा के आवास पर शिअद (टकसाली) की बैठक में फैसला हुआ था कि ढींडसा को ही पार्टी अध्यक्ष बनाया जाएगा।

चंडीगढ़। पूर्व सांसद जत्थेदार रंजीत सिंंह ब्रह्मपुरा के आरोपों पर पलटवार करते हुए विधानसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर बीर दविंदर सिंह ने कहा है कि ब्रह्मपुरा पंथक राजनीति में बढ़ती एकता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ढींडसा पर धोखा देने के ब्रह्मपुरा के बयान पूरी तरह से तथ्यहीन हैं। चंडीगढ़ में 15 जून को ब्रह्मपुरा के आवास पर शिरोमणि अकाली दल (टकसाली) की कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला हुआ था कि ढींडसा को ही पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाएगा।

बीर दविंदर ने कहा है कि उन्होंने स्वयं ब्रह्मपुरा से कहा था कि अगर सभी पंथक नेताओं में एकमत न हुआ तो वे शिरोमणि अकाली दल टकसाली से इस्तीफा दे देंगे, जो वह सात जुलाई को दे चुके हैं। बीर दविंदर ने कहा कि ढींडसा ने मुझे बुलाने के बारे में ब्रह्मपुरा को जानकारी दी थी। ब्रह्मपुरा ने कहा था कि मैं ढींडसा से मिल लूं, लेकिन वे पंथक एकता के लिए शिरोमणि अकाली दल टकसाली का विलय नए शिरोमणि अकाली दल में नहीं करेंगे। ऐसे में टकसाली दल के नेताओं ने एकजुटता से शिरोमणि अकाली दल में शामिल होने का फैसला किया। ढींडसा का ब्रह्मपुरा की पीठ पर वार करने का सवाल ही नहीं उठता।
सलाहकार की भूमिका निभाएं, ध्यान लगाने में बिताएं समय

बीर दविंदर ने ब्रह्मपुरा से अपील की है कि वह अपने अनुभव से सिख पंथ को नई दिशा दिखाने के लिए सलाहकार की भूमिका निभाएं। बीर दविंदर ने ब्रह्मपुरा के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा है कि वे अपना अधिक से अधिक समय ध्यान लगाने में बिताएं।

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