विक्की गौंडर और जसविंदर सिंह उर्फ काका जैसे कुख्यात अपराधियों के साथी रहे मनदीप सिंह की हाई कोर्ट में याचिका

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में दोहरे हत्याकांड के मामले नाभा जेल में सजा काट रहे कुख्यात अपराधी ने पत्नी के साथ कुछ वक्त बिताने के लिए पैरोल की मांग की है। इसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

  • विवाह के बाद पत्नी के साथ नहीं रहा, कुछ समय रहने के लिए मिले पैरोल, पंजाब के कुख्यात अपराधी की हाई कोर्ट में याचिका

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक कुख्यात अपराधी की पत्नी के साथ समय बिताने के लिए पैरोल की मांग को खारिज कर दिया है। दोहरे हत्याकांड के मामले में नाभा punjab gangजेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कुख्यात अपराधी मनदीप सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर पैरोल देने की मांग की थी। मनदीप ने पहले 2019 में अपनी शादी के लिए पैरोल दिए जाने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। तब हाई कोर्ट ने उसी जेल में ही पूरी सुरक्षा के साथ शादी की इजाजत दे दी थी।

अब मनदीप सिंह ने फिर हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि शादी के बाद वह एक दिन भी अपनी पत्नी के साथ रह नहीं पाया है। अब उसे पत्नी के साथ रहने की इजाजत देते हुए पैरोल दी जाए, ताकि वह अपनी पत्नी के साथ कुछ दिन रह सके। इसके अलावा अपने रिश्तेदारों से भी मिल सके।

हाई कोर्ट के जस्टिस एजी मसीह व जस्टिस मीनाक्षी आई मेहता पर आधारित बेंच ने पैरोल की मांग खारिज करते हुए कहा कि विक्की गौंडर और जसविंदर सिंह उर्फ काका जैसे कुख्यात अपराधियों का मनदीप सिंह साथी रहा है। वह खुद भी धारू गैंग का सरगना है। अगर ऐसे अपराधी को पैरोल दी गई तो इससे कानून व्यवस्था को बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। अपने साथी की तरह ही वह भी पैरोल का लाभ लेकर फरार हो सकता है। मोगा के डीएम ने भी उसकी पैरोल की मांग को सभी तथ्यों को देखने के बाद ही खारिज किया था। इसी कारण हाई कोर्ट ऐसे अपराधी को पैरोल का लाभ नहीं दे सकता।

इस मामले में पंजाब सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि मनदीप सिंह एक कुख्यात अपराधी है। वह कुख्यात गैंगस्टर विक्की गौंडर और जसविंदर सिंह काका का साथी रहा है। वह खुद भी धारू गैंग का मुखिया है। इसी मामले में उसके साथ ही जसविंदर काका को भी सजा सुनाई गई थी। उसे पहले पैरोल दी गई थी, लेकिन वह इसका लाभ उठाते हुए फरार हो गया था। अब अगर मनदीप को भी पैरोल दी गई तो इसकी पूरी संभावना है कि वह भी इसका फायदा उठाते हुए फरार हो जाए। वैसे भी उसके खिलाफ अभी भी दर्जन भर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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