चंडीगढ़। No Full lockdown in Punjab: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को एक बार फिर संपूर्ण लॉकडाउन लगाने से इन्कार कर दिया। कहा कि मौजूदा में समय लगाई गई पाबंदियां कई राज्यों के लॉकडाउन हालातों से ज्यादा सख़्त हैं। उन्होंने इस मौके पर कोविड के बढ़ते खतरे के मद्देनज़र विभिन्न वर्गों के लोगों की मुश्किलें दूर करने के लिए छूटों और राहतों का ऐलान भी किया।
इन राहतों में दुकानों का पड़ाववार खोला जाना और हाऊसिंग क्षेत्र के लिए कई छूटें शामिल हैं। इनमें राज्य की शहरी विकास अथॉरिटी द्वारा प्राइवेट हो या अलॉटिड दोनों श्रेणियों के लिए प्लाटों/प्रोजेक्टों के निर्माण की अनुमति अवधि तीन महीने बढ़ाई गई है। मुख्यमंत्री ने सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की संख्या 50 प्रतिशत तक करने को भी कहा है। बाकी अध्यापक घरों से ऑनलाइन क्लासें लेंगे।
उन्होंने खाद्य विभाग को कोविड मरीजों के लिए 5 लाख अतिरिक्त खाने के पैकेट तैयार करने के हुक्म दिए जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि हर मरीज़ को व्यक्तिगत तौर पर यह पैकेट मिले फिर चाहे एक परिवार में एक से अधिक मरीज ही क्यों न हों। राज्य सरकार द्वारा 1.41 लाख स्मार्ट राशन कार्ड धारकों को अतिरिक्त तौर पर 10 किलो आटा देने का भी ऐलान किया गया है।
खाद्य संबंधी यह मदद पहले से ही ग़रीब वर्ग के कोविड पीड़ित व्यक्तियों को दी जा रही एक लाख फूड किटों से अलग है जिसके अंतर्गत 10 किलो आटा, 2 किलो चने और 2 किलो चीनी प्रदान की जा रही है। यह सहायता केंद्र सरकार द्वारा घोषित मदद के अतिरिक्त है।
व्यापारियों के दबाव में झुकी सरकार, खोल सकेंगे पड़ाववार दुकानें
चुनिन्दा दुकानों को बंद करने पर दुकानदारों में पाए जा रहे रोष को देखते हुए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को कहा कि वे अपने-अपने जिलों में पड़ाववार दुकानें खुलवाएं। कैबिनेट में कई मंत्रियों ने चुनिंदा दुकानें बंद करने पर पाए जा रहे रोष का मुद्दा उठाया। मनप्रीत सिंह बादल, तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा और भारत भूषण आशु ने कहा कि दुकानदार ख़ासकर शहरी क्षेत्र के दुकानदार राज्य में लगाई गई बंदिशों के हिस्से के तौर पर चुनिन्दा दुकानें बंद करने से परेशान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंद करने का उद्देश्य भीड़ से बचाव करना था। वित्त मंत्री ने कैबिनेट में कहा कीमतें निर्धारित करने के बावजूद प्राइवेट अस्तपाल कोविड मरीज़ों से अधिक पैसे वसूले रहे हैं। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि इस मामले की जांच की जाए। मुख्यमंत्री ने पंजाब की पाबंदियों की तुलना दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल से की और कहा कि यह ज़रूरी नहीं कि संपूर्ण लॉकडाउन लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय स्तर पर लोगों की तत्काल और ज़रूरी ज़रूरतों की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा गांवों में गरीबों और ज़रूरतमंदों को भोजन और दवाओं के रूप में ज़रूरी राहत प्रदान करने के लिए सरपंचों को पंचायती फंड में से अधिक से अधिक 50,000 रुपये ख़र्च करने की शर्त पर प्रति दिन 5000 रुपये ख़र्च करने के लिए अधिकृत किया गया। सभी शहरी स्थानीय इकाईयों को भी गरीबों और ज़रूरतमंदों को भोजन और दवाओं सहित ज़रूरी राहत देने के लिए म्युंसिपल फंड में से ख़र्च करने के लिए अधिकृत किया गया है।