चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष एक अरसे बाद आज मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल और बादल पिता-पुत्र पूर्व मुख्यमंतत्री प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल पर हमला किया । सिद्धू ने कहा, डंके की चोट पर कहता हूं कि तीन कृषि सुधार काले कानून की नींव बादलों ने रखी। वही इसके नीति निर्माता हैं। ये किसानों के गुनाहगार है।
लंबे अरसे बाद मीडिया से रूबरू हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू
सिद्धू ने कहा कि पर्दे के पीछे सारा गेम बादलों ने ही चली। इन्हीं का आईडिया था। पहले पंजाब में लागू किया फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लागू करवाया। उन्होंने कहा कि बादल 2013 में कांट्रेक्ट एक्ट लेकर आए। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब कांट्रेक्ट बिल 2013 पेश किया। यही कानून तीन कृषि कानून में से एक है। इसमें कोई MSP की बात नहीं की गई। 108 फसलों का शेड्यूल लगाया गया, जिसे एक्ट से जोड़ लिया। दो एमएसपी वाली फसलें भी शामिल की गईं, ताकि एमएसपी से कम पर फसल खरीदी जा सकें।
उन्होंने कहा कि बादलों द्वारा लाए गए कानून में कोई एमएसपी की गारंटी नहीं थी। किसान का डिस्प्यूट है तो किसान अपनी जमीन नहीं बेच सकता। किसान रजिस्टर्ड होगा। यही केंद्र के कानून में है। अकालियों ने किसानाें को ग़ुलाम बनाने की कोशिश की है। इस कानून के अनुसार सेल सीधी किसानों के खेत से खरीदी जाएगी। इसीलिए अकाली तीन खेती कानूनों के सोहले गाते थे। अफसरों को सेक्शन 32 में छत्र छाय दे दी। पेनल्टी में बादल आगे निकल गए। उनके द्वारा बनाए कानून में 5 हज़ार से 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान है। प्राइस एश्योरेंस केवल कारपोरेट घरानों के लिए है। किसानों को मिनिमम स्पोर्ट प्राइस भी नहीं देते और अडानी को सौ फीसदी स्पोर्ट प्राइस देते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई तो सुखबीर बादल ने केंद्रीय कृषि कानूनों का समर्थन किया और उसे किसानों के पक्ष में बताया। प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के भी इन कानूनों की प्रशंसा की। प्रकाश सिंह बादल ने पिछले साल 3 सितंबर को वीडियो अपलोड किया। पिछले साल 7 सितंबर को हरसिमरत कौर ने कहा कि मैं नहीं किसान खिलाफ हैं। मंत्री पद से इस्तीफा दिया तो हरसिमरत कहा कि यह एनडीए से इस्तीफा नहीं है । फिर ये अकाली पिछले 26 सितंबर को एनडीए से बाहर आ गए।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि 2007 में बादल सरकार कर्ज़ सेटलमेंट एक्ट लाए। इसमें कहा जिला और राज्य स्तर पर बोर्ड बनेगा, लेकिन 2016 तक कोई बोर्ड नहीं बनाया। ऐसा सिर्फ किसानों की आंखों में धूल झोंकने के लिए किया गया। इन लोगों ने 1 .17 करोड़ का विज्ञापन दे दिया, लेकिन किसानों को राहत के लिए एक पैसा नहीं दिया।
सिद्धू ने कहा कि अब जब बादल ये समझ गए कि किसान हमारे खिलाफ हैं तो मोदी के खिलाफ चले गए हैं। सिद्धू ने पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह की तारीफ की। उन्होंने कहा कि डा. मनमोहन सिंह ने किसानों का 78 हज़ार करोड़ कर्ज़ माफ किया। एमएसपी, फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट और पीडीएस कांग्रेस की देन है। शांता कुमार की रिपोर्ट है कि पीडीएस (PDS) को 67 फीसदी से कम करके 40 फीसदी तक लाया जाए। अगले पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद ये (अकाली) फिर मोदी के पास चले जाएंगे।