मौड़ मंडी बम ब्लास्ट एसआईटी ने नहीं की सही जांच इसलिए हाईकोर्ट में दाखिल की अवमानना की कारर्वाई को लेकर अपील

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इस मामले की जांच के लिए बनी SIT ने हाई कोर्ट के आदेशानुसार सही जांच नहीं की और वर्ष 2017 पंजाब विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान मौड़ मंडी में हुए बम ब्लास्ट मामले में हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। याचिकाकर्ता के मुताबिक़ अभी तक मुख्य आरोपी गुरतेज सिंह, अवतार सिंह और अमरीक सिंह पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

चंडीगढ़। मौड मंडी ब्लास्ट मामला एक बार फिर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में पातड़ा निवासी गुरजीत सिंह पातड़ा ने अपने वकील महेंद्र जोशी के माध्‍यम से दायर अवमानना याचिका में पंजाब के DGP दिनकर गुप्ता, ADGP ईश्वर सिंह, आइजी अमित प्रसाद, आइजी अरुण मित्तल और बठिंडा के तत्कालीन एसएसपी नानक सिंह के खिलाफ अवमानना के तहत कार्रवाई की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि इस मामले की जांच के लिए बनी SIT ने हाई कोर्ट के आदेशानुसार सही जांच नहीं की और वर्ष 2017 पंजाब विधानसभा के चुनाव प्रचार के दौरान मौड़ मंडी में हुए बम ब्लास्ट मामले में हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया। याचिकाकर्ता के मुताबिक़ अभी तक मुख्य आरोपी गुरतेज सिंह, अवतार सिंह और अमरीक सिंह पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

याचिकाकर्ता के मुताबिक यह सब आरोपित डेरे से जुड़े हैं। राम रहीम डेरे का प्रमुख है वह जेल में बंद है। उससे पूछताछ क्यों नहीं हो रही। याचिका के अनुसार हाई कोर्ट के आदेशों पर ही SIT गठित कर जांच शुरू की गई, लेकिन SIT द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने के चलते गत वर्ष हाई कोर्ट ने सरकार को नए सिरे से SIT गठित कर जांच के आदेश दिए थे।

मौजूदा SIT ने अदालत में जो चालान पेश किया वह अधूरा था और कहा गया कि अभी मुख्य आरोपी गिरफ्तार नहीं हुआ है। ऐसे में जांच अभी जारी है इसी वर्ष सितंबर महीने हाई कोर्ट ने SIT को दो सप्ताह में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के आदेश दे दिए थे। अब याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर बताया है कि सितंबर के हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद SIT अभी तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। यह सीधे तौर पर हाई कोर्ट के आदेशों की अवमानना का मामला है। लिहाजा, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। फिलहाल यह याचिका हाई कोर्ट की रजिस्‍टी में दाखिल हुई है, इस पर जल्‍द ही सुनवाई हो सकती है।

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