पंजाब कैबिनेट में कई अहम फैसले, सीएनजी, एलपीजी किटों व इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए देनी होगी फीस

Punjab Cabinet Meeting सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट ने केंद्र से अतिरिक्त कर्ज के लिए पंजाब कांट्रेक्ट लेबर रूल्स में संशोधन को हरी झंडी दे दी है।

चंडीगढ़। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। पंजाब सरकार ने केंद्र से जीएसडीपी का 2 फीसद अतिरिक्त कर्ज लेने के लिए केंद्र सरकार की शर्तों को मानते हुए पंजाब कांट्रेक्ट लेबर रूल्स में संशोधन करने को हरी झंडी दे दी है। केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने जीएसडीपी का दो फीसद अतिरिक्त कर्ज लेने के लिए पंजाब सरकार को पत्र लिखा था। उधार लेने के लिए राज्य सरकार को कुछ नियमों में संशोधन करना आवश्यक था। इसके कारण वीरवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसका संशोधन कर दिया गया है।

सीएनजी, एलपीजी किटों और इलेक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन के लिए अब आपको भुगतान करना पड़ेगा। पंजाब कैबिनेट ने पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर मोटर वाहनों के नए मॉडलों, सीएनजी या एलपीजी किटों की मंजूरी और इलेक्ट्रिक वाहनों की रजिस्ट्रेशन के लिए प्रोसेेस फीस लगाने का फैसला किया है।

कैबिनेट ने हरियाणा की तर्ज पर पंजाब मोटर वाहन नियम 1989 की धारा 130 के साथ धारा 130-ए जोड़ने की मंजूरी दी है। इसके साथ अब मोटर वाहन बनाने वाली कंपनियां या उनके द्वारा अधिकृत डीलरों से पंजाब में मोटर वाहनों के नए मॉडलों या इनके अलग अलग रूपों या एलपीजी या सीएनजी किट या इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए मंजूरी देने के लिए प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 5 हज़ार रुपये फीस ली जाएगी।

कैबिनेट ने मोटर वाहनों के नए माडलों या इनके अन्य रूपों के रजिस्ट्रेशन की मंजूरी का अधिकार ट्रांसपोर्ट विभाग के गैर-कमर्शियल विंग को देने का फैसला किया है। इस मंजूरी के लिए वाहन निर्माताओं या उनके द्वारा अधिकृत डीलरों को केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 की धारा 126 अधीन रजिस्टर्ड अधिकृत टेस्टिंग एजेंसियों द्वारा जारी मंजूरी सर्टिफिकेट पेश करना होगा।

बता दें, मौजूदा समय में पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में रजिस्ट्रेशन की मंजूरी के लिए मोटर वाहन निर्माताओं या उनके द्वारा अधिकृत डीलरों से कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाती है, जबकि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में कंपनियों और उनके डीलरों को यह फीस देनी पड़ती है।

ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के जेई की भर्ती फिर से पीपीएससी करेगी

पंजाब कैबिनेट ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के इंजीनियरिंग विंग में जूनियर इंजीनियरों के 81 पदों की भर्ती पंजाब लोक सेवा आयोग (पीपीएससी) से करवाने का फैसला किया है। इससे पहले राज्य सरकार ने इन पदों को पीपीएससी के दायरे में से निकाल लिया था और इनकी भर्ती का जिम्मा थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नालॉजी (टीआइईटी) को सौंप दिया गया था।

कोविड-19 के मद्देनजऱ थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेेक्नोलाजी लिखित परीक्षा नहीं करवा सका। इसके बाद वित्त विभाग ने 17 जुलाई, 2020 को नए वेतनमान नोटीफाई कर दिए और थापर इंस्टीट्यूट के द्वारा भर्ती की प्रक्रिया लंबित रख कर दी थी। वीरवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में मंत्रिमंडल की वर्चुअल मीटिंग के दौरान यह फैसला लिया गया कि 81 पद (79 जेई और 2 जेई इलेेक्ट्रिकल) जो विभाग के इंजीनियरिंग विंग के पुनर्गठन के बाद सृजन किए गए थे, को मंत्रिमंडल के 14 अक्टूबर 2020 के फ़ैसले के आधार पर अन्य विभागों के जेई के खाली पदों के साथ पीपीएससी द्वारा सांझी भर्ती प्रक्रिया के द्वारा भरे जाएंगे।

पंचायत समितियों में काम करते टैक्स कलैक्टरों के वेतनमान संशोधित

मंत्रिमंडल ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग अधीन पंचायत समितियों में काम कर रहे टैक्स कलेेक्टरों के वेतनमान संशोधित करने की मंजूरी दे दी है। इस फ़ैसले से टैक्स कलेेक्टरों के मौजूदा वेतनमान 5910-20200 2400 ग्रेड पे से बढक़र 10300-34800 3600 ग्रेड पे हो जाएंगे। यह संशोधित वेतनमान आदेश लागू होने की तारीख़ से अमल में आएंगे और इससे राज्य के खजाने पर सालाना 9 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्चा आएगा। बता दें, पंजाब पंचायत समिति और जि़ला परिषद सेवाएं रूल्ज -1965 के मुताबिक टैक्स कलेेक्टरों के पद पंचायत सचिव में से भरे जाते हैं। हालांकि, टैक्स कलैक्टर वेतनमान 5910-20200 3200 ग्रेड पे पर काम कर रहे हैं, जबकि पंचायत सचिव 10300 -34800 3200 ग्रेड पे पर काम कर रहे हैं, जिससे कि बड़े स्तर पर त्रुटि पैदा होती है। निष्कर्ष के तौर पर मंत्रालय ने इस फ़ैसले से मौजूदा वेतनमानों के बीच की त्रुटि को ठीक किया है।

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