चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया है कि राज्य में यूनिवर्सिटियों के लिए बनाए गए क्षेत्र की शर्त 50000 वर्ग मीटर से घटाकर 30000 वर्ग मीटर की जाएगी। साथ ही एक ही कार्य क्षेत्र वाली यूनिवर्सिटियों के लिए यह शर्त 20000 वर्ग मीटर से घटाकर 10000 वर्ग मीटर किए जाने का फ़ैसला कर लिया है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि कैबिनेट ने पंजाब प्राइवेट यूनिवर्सिटी पालिसी-2010 में संशोधन करन का फ़ैसला किया है। यह फैसला मुख्यमंत्री की मंज़ूरी से उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मुख्य सचिव का नेतृत्व में गठित समिति की सिफारशों के आधार पर किया गया है। उपरोक्त नीति के प्रावधान 4.5 (4) के अनुसार पंजाब में बहु कार्य क्षेत्र वाली यूनिवर्सिटियों की स्थापना के लिए बनाए गए क्षेत्र संबंधी शर्त 50000 वर्ग मीटर है, जो कि देशभर में सबसे ज़्यादा है, इसलिए राज्य सरकार ने फ़ैसला किया है कि इस नीति के मौजूदा प्रावधान 4.5 (ए) (4) में संशोधन किया जाए। सुधारी गई नीति से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और ज्यादा पूंजी निवेश होगा।
पंजाब कैबिनेट ने राज्य में राधा स्वामी सत्संग ब्यास की तरफ से स्थापित किए या भविष्य में स्थापित किए जाने वाले भवनों के लिए चेंज आफ लैंड यूज (सीएलयू) की फीस और कई और दरों को भी माफ करने को मंजूरी दी है। सीएलयू के अलावा माफ की दरों में विकास प्रभार (ईडीसी), परवानगी फिस (पीएफ), सामाजिक बुनियादी ढांचा फंड (एसआइएफ) और इमारत पड़ताल फीस शामिल है।
राधा स्वामी सत्संग ब्यास की तरफ से सौंपी गई सूची के मुताबिक सरकार पर इससे 12.18 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। इसमें से 6.96 करोड़ रुपये राज्य सरकार के खजाने से, जबकि 5.22 करोड़ रुपये शहरी विकास अथॉरिटी से संबंधके साथ संबंधित है।
बता दें, 10 मई, 2012 को जारी नोटिफिकेशन मुताबिक राज्य सरकार ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति, दुर्ग्याणा मंदिर अमृतसर और देवी तालाब मंदिर जालंधर की तरफ से स्थापित किए शिक्षा, सेहत, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के लिए उपरोक्त प्रभार से पहले ही छूट दी हुई है।
मंत्रिमंडल ने पंजाब राज औद्योगिक विकास निगम (पीएसआइडीसी) द्वारा सरकार की तरफ से पंजाब एलकलीज़ और केमिकल लिमटिड (पीएसीएल) में रखी गई 33.49 प्रतिशत बराबर हिस्सेदारी के रणनीतक विनिवेश की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए कैबिनेट सब समिति के गठन को मंज़ूरी दे दी है।
इसके साथ ही विनिवेश प्रक्रिया को विस्तार में बनाने के लिए अप्पनिवेश बारे अफसरों के कोर ग्रुप के गठन को भी मंज़ूरी दे दी, जो इस प्रक्रिया को सब समिति आगे रखेंगे। इस समिति में कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा, मनप्रीत सिंह बादल और सुंदर शाम अरोड़ा शामिल हैं।