चंडीगढ़। पंजाब में कांग्रेस में मचा घमासान थम नहीं रहा। पार्टी के राज्यसभा सदस्य व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा की सुरक्षा में तैनात पंजाब पुलिस जवानों को वापस ले लिया गया है। सरकार का तर्क है कि बाजवा को अब केंद्रीय सुरक्षा मिली हुई है। बता दें, बाजवा के पास राज्य सरकार के 14 सुरक्षाकर्मी थे। इनमें 8 सुरक्षा कर्मचारी सरकार ने कोविड की लड़ाई के लिए पहले ही वापस ले लिए थे। अब बचे 6 सुरक्षाकर्मियों को भी वापस ले लिया गया है। बता दें, बाजवा इन दिनों मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे थे।
सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक सुरक्षा संबंधी जांच के बाद पता चला कि बाजवा को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है। उनके पास केंद्रीय सुरक्षा मौजूद है। बाजवा को प्रदान की गई राज्य पुलिस सुरक्षा बेमानी हो गई थी, क्योंकि उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से सीधे निजी सुरक्षा प्राप्त की थी।
बाजवा को 19 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जेड श्रेणी सुरक्षा कवर दिया गया था। उनकी व घर की सुरक्षा और एस्कॉर्ट के लिए 25 सीआइएसएफ कर्मियों के अलावा 2 एस्कॉर्ट ड्राइवर हैं। 23 मार्च तक उनके साथ 14 पंजाब पुलिस कर्मचारी भी तैनात थे, लेकिन कुछ को पहले ही वापस ले लिया गया था। अब बाकी कर्मियों को भी वापस ले लिया गया है।
बता दें, बाजवा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर लगातार हमलावर रहे हैं। गत दिवस उन्होंने पंजाब में जहरीली शराब के मामले में कैप्टन दोषी ठहराया था। बाजवा ने कहा था कि राज्य में जहरीली शराब से मौत हुई हैैं। इसके लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं। शराब माफिया के खिलाफ उन्होंने व शमशेर सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं ने कई बार लिखित शिकायतें भी दी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलकर सामने नहीं आया।
बाजवा ने शनिवार को एक बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर जमकर हमला किया। बता दें पंजाब के तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर के बटाला में जहरीली शराब पीने से 123 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से पंजाब से कांग्रेस के दो राज्यसभा सदस्याें प्रताप सिेह बाजवा और शमशेर सिंह दूलाें ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वे इस मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। वह राज्यपाल से मुलाकात कर यह मांग कर चुके हैं।
शनिवार को बाजवा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर कई सवाल उठाए। उन्हाेंने कहा कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिेंह के अधीन आबकारी एवं कराधान विभाग और गृह विभाग व पुलिस है। आज आबकारी विभाग पर सबकी अंगुलियां उठा रही हैं। यह जहरीली शराब त्रासदी में मारे गए 123 लोगों को न्याय दिलाना है तो इसकी सीबीआइ से जांच करानी चाहिए।
बाजवा ने कहा कि अकाली दल व बादलों (प्रकाश सिं बादल व सुखबीर सिंह बादल) के शासन के समय जिस तरह से खनन, शराब, केबल, नशा और ट्रोंसपोर्ट माफिया चल रहा था, आज कैप्टन अमरिंदर सिंह के राज में भी वैसे ही चल रहा है। यदि पंजाब में कांग्रेस के भविष्य को बचाना है तो राज्य में सत्ता में नेतृत्व परिवर्तन जरूरी है।
सोनिया के आवास पर चलें जाखड़, किसे बाहर निकाला जाता है पता चल जाएगा : बाजवा
बाजवा ने इससे पहले गुरदासपुर के बटाला में भी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ पर तीखा हमला बोला था। बाजवा बटाला में पीडि़त परिवारों से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से लोगों की मौत के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह जिम्मेदार हैं।
प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ कांग्रेस की राजनीति में महाभारत के ‘शकुनी मामा’ जैसी भूमिका निभा रहे हैं और भाइयों को आपस में लड़ा रहे हैं। बाजवा ने जाखड़ को चैलेंज किया कि वह सोनिया गांधी के आवास पर चलें, वहीं साफ हो जाएगा कि किसे बाहर निकाला जाता है। कांग्रेस में जाखड़ एक हारे हुए नेता हैं। बाजवा ने कहा कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव पारित करने की सच्चाई दो कैबिनेट मंत्रियों ने उन्हें फोन पर बता दी है। कैसे रात में उनके खिलाफ प्रस्ताव पारित करवाया गया है।