चंडीगढ़। अलगाववादियों के रेफरेंडम- 2020 को पंजाबियों ने पूरी तरह नकार दिया है। इसके लिए की जा रही रजिस्ट्रेशन को पंजाब में बिल्कुल समर्थन नहीं मिला। प्रतिबंधित खालिस्तान समर्थक ग्रुप सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) के इस कोशिश के बाद सुरक्षा एजेंसियां और चौकस हो गई हैं। एसएफजे ने रजिस्ट्रेशन के लिए एक रशियन पोर्टल का इस्तेमाल किया है। हाल ही में भारत सरकार की ओर से आतंकी घोषित किए गए गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो मैसेज में 18 साल से ऊपर के युवाओं से वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन की अपील की थी। पन्नू वह शख्श है जो पंजाब में जहां नौजवानों को भड़काने का काम करता है वही इस मुहिम के तहत विदेशों में करोड़ों रुपए इकट्ठा कर विदेशों में एशप्रस्ती की जिंदगी जी रहा है। पन्नू स्वयं को सिख हितैशी होने का दावा जरूर करता है लेकिन उसने सिखों को भड़काने के सिवा कोई भी ऐसा काम नहीं किया जिससे कौम का भला हो। फिलहाल भारत सरकार इसे आतंकी घोषित कर चुकी है व गृह मंत्रालय उसकी हर गतिविधी में नजर रखने के साथ विदेशी सरकारों से उसे गिरफ्तार कर भारत में लाकर मुकदमा चलाने की योजना भी बना रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हाल ही में दोनों देशों के बीच रणनीतिक पार्टनरशिप को मजबूत करने के आश्वासनों के बीच रूस के साइबर स्पेस का प्रयोग भारत विरोधी गतिविधि के लिए किया जाना चिंता की बात है। डिप्लोमेटिक चैनल पर इसकी जांच की जा रही है कि एसजेएफ ने रूस के साइबर स्पेस का इस्तेमाल कैसे किया।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ समय पहले नौ आतंकियों की सूची घोषित की है। इनमें से ज्यादातर तो पुराने ही हैं, लेकिन सिख फॉर जस्टिस के कानूनी प्रतिनिधि गुरपतवंत सिंह पन्नू को भी इस श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। पन्नू के खिलाफ पंजाब में भी केस दर्ज है। उसके खिलाफ कुछ दिन पहले पंजाब के मोहाली में केस दर्ज हुआ था। वह लंबे समय से रेफरेंडम-2020 के लिए मुहिम चला रहा है। पन्नू के अलावा आठ और लोगों काे घोषित आतंकियों की सूची में शामिल किया गया है।
कुछ दिन पहले पंजाब के मोहाली में दर्ज हुआ था केस, लंबे समय से रेफरेंडम-2020 के लिए चला रहा मुहिम
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा घोषित इस सूची में पन्नू के अलावा बब्बर खालसा इंटरनेशनल के चीफ वधावा सिंह बब्बर, अंतरराष्ट्रीय सिख यूथ फेडरेशन के लखबीरसिंह, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के रंजीत सिंह नीटा, खालिस्तान कमांडो फोर्स के परमजीत सिंह पंजवड़ शामिल हैं। ये सभी दो दशक से भी ज्यादा समय से पाकिस्तान में हैं। ये पंजाब में आतंकवाद के दौर में आतंकी गतिविधियों में संलिप्त थे।
उनके अलावा जर्मनी में बसे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के भूपेंदर सिंह भिंदा और गुरमीत सिंह बग्गा को भी घोषित आतंकियों की सूची में शामिल किया गया है। खालिस्तान टाइगर फोर्स से संबंधित व कनाडा में रह रहे हरदीप सिं व बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंधित व इंग्लैंड में रह रहे परमजीत सिंह के नाम भी इस सूची में हैं। इस सूची में अब गुरपतवंत पन्नू का नाम भी जुड़ गया है, जो पंजाब में पिछले लंबे समय से रेफरेंडम-2020 के लिए मुहिम चला रहा है। फोन कॉल्स के जरिए आ रहे संदेशों के जरिए वह यहां के सिख युवाओं को रेफरेंडम के लिए उकसा कर रहा है।
रजिस्ट्रेशन का अभियान फेल: जोशी
भाजपा के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी ने कहा कि रेफरेंडम-2020 के लिए वोटर रजिस्ट्रेशन का अभियान फेल हो गया है। जोशी ने पन्नू को चुनौती देते हुए कहा कि वह पंजाब के किसी एक पंजाबी का नाम बता दे, जिसने रेफरेंडम-2020 के लिए वोटर रजिस्ट्रेशन करवाई हो। पंजाबियों का आपसी प्यार, भाईचारक सांझ न सिर्फ पक्की है, बल्कि समय-समय पर पंजाबियों ने इसे प्रमाणित किया है। आने वाले समय में पंजाब की धरती पर अमन-शांति बिगाडऩे के हर प्रयास को पंजाबी नाकाम कर देंगे।
पन्नू के दावे की पुलिस ने निकाली हवा
अमृतसर। पुलिस की सतर्कता ने अमृतसर स्थित श्री हरिमंदिर साहिब से रेफरेंडम-2020 की शुरुआत करने के आतंकी पन्नू के दावे की हवा निकाल दी। सादे कपड़ों में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी गुरुद्वारा शहीदां साहिब व इसके आसपास तैनात रहे। पुलिस ने इस मामले में पहले ही 150 युवाओं को हिरासत में ले लिया था।
पन्नू ने अपने वीडियो मैसेज में कहा था कि वह श्री हरिमंदिर साहिब में अपने कार्यकर्ताओं के माध्मय से चार जुलाई को कैंप लगाकर रेफरेंडम-2020 की मुहिम का आगाज करेगा। विभिन्न गुरुद्वारों में लोगों को वोटिंग के लिए प्रेरित किया जाएगा। वह पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब व गुरुद्वारा श्री पंजा साहिब में भी मुहिम चलाएगा। पुलिस ने सुबह ही श्री हरिमंदिर साहिब की ओर जाने वाले रास्तों पर सुरक्षा कड़ी कर दी थी। पुलिस कमिशनर डॉ. सुखचैन सिंह ने कहा कि पुलिस के सख्त प्रबंधों के चलते देश विरोधी तत्व अभियान शुरू नहीं कर पाए।