पंजाब में जहरीली शराब से मौतों के मामले में राज्यपाल ने की ED जांच की सिफारिश

चीमा ने कहा कि पंजाब में जहरीली शराब पीने से 128 लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के गृह जिला पटियाला में कभी अवैध शराब तो कभी नकली सैनिटाइजर बनाने की फैक्ट्री पकड़ी जा रही है। जुलाई से लेकर अब तक पूरे राज्य में आधा दर्जन से अधिक अवैध शराब की फैक्टरियां पकड़ी गई हैं। इसके बावजूद पंजाब सरकार की आंखें नहीं खुल रही हैं।

चंडीगढ़। पंजाब में जहरीली शराब पीने से इस वर्ष जुलाई महीने में करीब 128 लोगों की मौत के मामले में राज्य सरकार की परेशानी बढ़ सकती है। राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर ने आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक और नेता प्रतिपक्ष हरपाल चीमा के मांग पत्र पर केंद्रीय गृह विभाग को इस मामले की जांच ईडी से करवाने की सिफारिश कर दी है। इस बारे में हरपाल चीमा ने बताया कि राज्यपाल की ओर से उन्हें पत्र लिखकर जानकारी दी गई है। चीमा ने इस बारे में 10 दिसंबर को राज्यपाल को पत्र लिखा था। जिसके बाद राज्यपाल ने कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार और केंद्रीय गृह विभाग को लिखा है।

नेता प्रतिपक्ष हरपाल चीमा के मांग पत्र पर राज्यपाल ने दिया जवाब

चीमा ने कहा कि पंजाब में जहरीली शराब पीने से 128 लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के गृह जिला पटियाला में कभी अवैध शराब तो कभी नकली सैनिटाइजर बनाने की फैक्ट्री पकड़ी जा रही है। जुलाई से लेकर अब तक पूरे राज्य में आधा दर्जन से अधिक अवैध शराब की फैक्टरियां पकड़ी गई हैं। इसके बावजूद पंजाब सरकार की आंखें नहीं खुल रही हैं।

उन्‍होंने कहा कि ऐसा तभी हो सकता है जब अवैध शराब का कारोबार करने वालों को सरकारी स्तर पर शह मिली हुई हो। चीमा ने आरोप लगाए कि 128 लोगों को मौत की नींद सुला देने वाले अवैध शराब कारोबारियों के ¨कगपिन को अभी तक नहीं पकड़ा जा सका है। ऐसे में इस सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है।

बता दें कि अवैध शराब का कारोबार पंजाब सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गया है। राज्य में अवैध शराब का कारोबार बंद नहीं हो रहा है। जहरीली शराब से जब लोगों की मौत हुई, तब से राज्य में इस मामले की जांच सीबीआइ या ईडी से करवाने की मांग उठ रही है। कांग्रेस के दो राज्यसभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो भी खुद राज्यपाल को मांग पत्र देकर इस मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की थी।

इसके बाद राजनीतिक तौर पर कांग्रेस में बवाल मचा लेकिन करीब पांच महीने बीतने के बावजूद स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। ऐसे में राजपुरा में अवैध शराब फैक्टरी चलाने के आरोप में गिरफ्तार आरोपित के जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद दोबारा अवैध शराब फैक्टरी चलाने के मामले में पकड़े जाने से इस मामले को और हवा मिली है।

चीमा ने कहा कि अगर ईडी इस मामले की जांच करे तो कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं, क्योंकि इसमें बड़े स्तर पर पैसा लगा है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में बड़े लोगों के शामिल होने के कारण ही पंजाब सरकार ढील बरत रही है। सरकार भले ही आरोपितों पर कार्रवाई नहीं करना चाह रही है लेकिन आम आदमी पार्टी इस मामले को जनता के बीच में लेकर जाएगी।

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