चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंद्धी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगे भी किसानाें के खिलाफ भादसे क धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज नहीं किया जाएगा। लेकिन,आंदोलनकारी किसान यातायात न रोकें।
पंजाब कांग्रेस की ओर से किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ ज्ञापन सौंपने के बाद राज्यपाल ने सदन के बाहर मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ और कैबिनेट मंत्रियों के साथ राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को कृषि बिलों के खिलाफ ज्ञापन दिया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि धारा 144 के उल्लंघन का विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ पहले ही दर्ज की गई एफआईआर वापस ले ली जाएगी। किसान कानून का उल्लंघन कर रहे हैं क्योंकि अध्यादेश उन्हें और उनके परिवारों को बर्बाद कर देगा, उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, पंजाब कांग्रेस और मेरी सरकार किसानों के साथ थी और आगे भी पूरी तरह उने लिए खड़ी रहेगी। केंद्र द्वारा जारी अध्यादेश और संसद में इस संबंध में पेश विधेयक पंजाब और इसकी कृषि को बर्बाद कर देंगे। कृषि पंजाब की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और कृषि अध्यादेश से इसकी कमर टूट जाएगी।
उन्होंने कहा कि अध्यादेश से फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त करने का मार्गप्रशस्त होगा। यह स्थिति पंजाब की खेती और किसानी के लिए कयामत पैदा करेगी। इसका दुष्प्रभाव पूरे देश में पड़ेगा। कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि पंजाब सरकार और पंजाब विधानसभा केंद्र सरकार द्वारा जारी कृषि अध्यादेशों को पहले ही नकार चुकी है। इस मामले पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने शिरोमणि अकालद दल पर भी हमला किया।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में आंदोलन कर रहे किसानों से आग्रह किया कि वे केंद्र सरकार के द्वार तक अपना विरोध ले जाएं और दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन करें। कैप्टन अमरिंदर ने किसानाें को पूरा भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार और कांग्रेस उनकी लड़ाई में उनके साथ खड़ी रहेगी।