पंजाब में किसान रेलवे ट्रैक पर जमे, ट्रेनों का आवागमन ठप, शिअद ने पंजाब में श्री अकाल तख्‍त साहिब सहित तीन तख्‍तों से शुरू किया किसान मोर्चा

Punjab Farmers Protest पंजाब में किसान केंद्र सरकार के नएकृषि कानूनों के खिलाफ के आज से रेल ट्रैकोंं पर हैं। किसानों को यह रेल राेको आंदोलन इसा बार अनिश्चितकाल तक चलेगा। इस कारण रेल यात्रियों की मुसीबत बढ़े़गी। रेलवे पंजाब में ट्रेनों का आवागमन बंद कर दिया है। शिअद ने पंजाब में श्री अकाल तख्‍त साहिब सहित तीन तख्‍तों से शुरू किया किसान मोर्चा

चंडीगढ़। Punjab Farmers Protest: पंजाब में किसान आज से फिर रेल ट्रैकों पर हैं। इससे राज्‍य में ट्रेनों का आवागमन ठप हो गया है और इससे यात्रियों को भारी परेशानी करनी पड़ रही है। राज्‍य में आज से किसानों ने अनिश्चिताकालीन रेल रोका आंदोलन शुरू किया है। किसान सुबह से ही रेल ट्रैकों पर जम गए हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी के नेता व कार्यकर्ता भी केिसानाें के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।

अमृतसर के देवीदासपुरा में रेल ट्रैक पर किसान नामी कंपनियों के पुतले फूंकते हुए।

बाहर आने-जाने वालों को हो रही भारी परेशानी
आंदोलन के कारण पंजाब से 14 यात्री ट्रेनें फिलहाल बंद हैं। फिरोजपुर, अमृतसर व जालंधर से चलने वाली यात्री गाड़ियों को अंबाला, दिल्ली आदि स्टेशनों से कई ट्रेनें अंबाला से आंशिक रूप से चलाई जा रही हैं। किसानों ने अनिश्चितकाल के लिए रेल ट्रैकों पर बैठने की घोषणा कर दी है। पंजाब से लंबी दूरी की यात्रा के लिए लोगों को अंबाला जाना पड़ रहा है। उधर, अन्य राज्यों की लंबी दूरी की यात्रा कर आने वालों को अंबाला उतरना पड़ रहा है। वहां से पंजाब के लिए अंतरराज्‍यीय बसें न चलने से वहां से लोगों को पहले चंडीगढ़ जाना पड़ रहा है। वहां से वो पंजाब की बसें पकड़ रहे हैं। ऐसे ही यहां के लोगों को चंडीगढ़ जाकर अंबाला पहुंचना पड़ रहा है। व्यावसायिक व अन्य कार्यों से दिल्ली, अंबाला व अन्य स्थानों के लिए जाने वाले विशेषकर मालवा के लोगों को अंबाला व दिल्ली तक टैक्सी से आवागमन करने के लिए हजारों रुपए चुकाने पड़ रहे हैं।

किसान नेताओं और अर्थशास्त्री से जानें क्यों हो रहा है इतना विरोध?
सूबे में किसानों के बड़े संगठन क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रधान डॉक्टर दर्शन पाल कहते हैं कि कृषि अध्यादेश-2020 सरासर किसान विरोधी हैं। पंजाब के किसान इस मुद्दे पर जागरूक हैं और इसलिए इसकी पुरजोर मुखालफत कर रहे हैं। सरकार फसलों के दाम मंडियों से बाहर कर के विदेशी कंपनियों को पैदावार की लूट का खुला मौका दे रही है। डीजल-पेट्रोल की निरंतर बढ़ती कीमतें भी हमारे आंदोलन का एक बड़ा पहलू हैं।

भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रधान बलबीर सिंह की मानें तो पंजाब बड़े किसान आंदोलन की ओर बढ़ रहा है। पंजाब-हरियाणा के पास किसानों की फसलों की खरीद-फरोख्त के लिए दुनिया का सबसे बेहतरीन ढांचा मौजूद है, लेकिन मोदी सरकार ने बड़े कॉरपोरेट घरानों को फायदा देने के लिए ऐसा कृषि अध्यादेश लागू किया है कि मंडीकरण व्यवस्था ही खत्म हो जाएगी। रोज बढ़ रहे डीजल-पेट्रोल के दाम भी किसानों की दुश्वारियों में इजाफा कर रहे हैं।

उधर पंजाब के सम्मानित अर्थशास्त्री डॉक्टर सुच्चा सिंह गिल ने भी केंद्र सरकार के नए कृषि ऑर्डिनेंस को किसानी के लिए तबाहकुन खतरा बताया है। वह कहते हैं कि मंडीकरण ढांचे में किसी किस्म की छेड़छाड़ पंजाब के किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे और बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरु होगा। पंजाब लोक मोर्चा के संयोजक अमोलक सिंह कहते हैं कि सोची-समझी साजिश के तहत कृषि कानून अस्तित्व में लाए गए हैं।

अमृतसर के जंडियाला गुरु क्षेत्र के गांव देवीदासपुरा में किसानों द्वारा रेलवे ट्रैक पर लगातार दिए जा रहा धरना  आज आठवें दिन में प्रवेश कर गया। आज किसानों ने अंबानी और अडानी कॉरपोरेट घरानों का पुतला जलाया। किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सभी लोगों को चाहिए कि वे कॉरपोरेट घरानों का बहिष्‍कार करें1 लोग हरेक चौक-चौराहे पर इनके पुतले फूंकें और छोटी-छोटी दुकानों को बढ़ावा दें। किसान अब कॉरपोरेट घरानों के शॉपिंग मॉल्स, गोदाम, पेट्रोल पंप और अन्य संस्थानों के आगे धरने देंगे।

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