जेपी नड्डा के किसान आंदोलन पर बयान से भड़के पंजाब के farmer leaders और शिअद

भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान से पंजाब के किसान नेता भड़क गए हैं। शिरोमणि अकाली दल ने भी नड्डा पर निशाना साधा है। किसान नेताओं का आरोप है कि नड्डा ने आंदोलन को बिचौलिया का आंदोलन कहा है।

चंडीगढ़। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जे.पी. नड्डा के पंजाब में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानाें के आंदोलन पर बयान से राज्‍य के किसान नेता भड़क गए हैं। शिरोमणि अकाली दल ने भी भाजपा अध्‍यक्ष नड्डा पर निशाना साधा है। इन नेताओं का कहना है कि नड्डा ने किसानों के आंदोलन को बिचौलियों का आंदोलन करार दिया है।

भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा और पंजाब में आंदोलन कर रहे किसान।

भाकिूय के प्रधान बलबीर सिंह  राजेवाल ने कहा कि भाजपा किसान आंदोलन से घबरा गई है, इसलिए तरह के बयान दिए जा रहे हैं । राजेवाल ने कहा कि भाजपा प्रधान नड्डा के इस बयान से साफ हो गया है कि उन्हें मंडीकरण सिस्टम का ज्ञान ही नहीं है। यह पहला आंदोलन है जिसमें सभी किसान संगठन एक मंच पर हैँ और उन्होंने किसी भी राजनीतिक पार्टी को अपनी स्टेजों पर आने नहीं दिया है।

किसान नेता राजेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को यदि किसान आंदोलन के कारण नींद नहीं आ रही है तो वह इन्हें वापस क्यों नहीं ले लेते। किसान किसी राजनीतिक पार्टी का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर रहे हैं।

उधर, शिरोमणि अकाली दल के उपप्रधान व पूर्व मंत्री डॉ दलजीत सिंह चीमा ने भी जेपी नड्डा की भाषा पर ऐतराज जताया है और किसानों के प्रति दिए गए बयान पर माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों से किसान खेती कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और उन्हें सुनने की बजाए भाजपा प्रधान उन्हें बिचौलिए कह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नड्डा का बयान किसानों के हरे जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने कहा कि किसानों के मसले का हल करना या न करना तो अलग बात है लेकिन कम से कम उन्हें अपमानित न करें। पहले उन्हें दिल्ली बुला लिया गया और एक सेक्रेटरी के सामने बिठा दिया जबकि दूसरी ओर अपनी आठ टीमें पंजाब में भेज दीं। अब अगर वे अपनी हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो उन्हें बिचौलिए बताकर अपमानित कर रहे हैँ।

भाजपा के जात-पात के साथ धर्मिक बहकावे से चौकस रहे किसान-भाकियू

बठिंडा. किसान संगठनों की तरफ से केंद्रीय खेती कानूनों के खिलाफ चलाया जा रहा रेल रोंकों मोर्चा धान सीजन आने के बावजूद कम नहीं हो रहा है। दिल्ली की केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दे रहे किसानों ने भाजपा की संप्रदायिक नीतियों से सावधान रहने के लिए कहा। किसानों का मोर्चा रेल पटरी से उठाकर रेलवे प्लेटफार्मों पर कर दिया गया है। किसान नेताओं का कहना है कि गेहूँ की बिजाई को ध्यान में रखते किसानों की जरूरी वस्तुओं के साथ सम्बन्धित माल गाडियों को ही वह आगे निकलने देंगे जबकि यात्री गाड़ीयां किसी भी हालत में नहीं चलने दीं जाएंगी। मोर्चे को संबोधन करते भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के सूबा प्रधान बूटा सिंह बुर्जगिल्ल और बलविन्दर सिंह जेठूके, क्रांतिकारी किसान यूनियन के जगदीश सिंह गुंमटी, लोकतांत्रिक किसान यूनियन के सुखदेव सिंह, बी.के.यू. क्रांतिकारी के ज़िला प्रधान प्रशोतम महराज, बी.के.यू.सिद्धूपुर के ज़िला खज़ांची भोला सिंह कोटड़ा और साधा सिंह खोखर, पंजाब किसान यूनियन के भोला सिंह ने कहा कि मोर्चे को तोड़ने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार और सूबे की भारतीय जनता पार्टी जाति-पात,धर्म, दलित या कोई ओर पत्ता खेल सकती है, जिससे हमें सभी को चौकस रहने की ज़रूरत है। नेताओं ने कहा कि देश का अन्न भंडार भरकर अंनदाता ने हरेक के भले हित अपनी, ज़मीनें,पानी और हवा कुर्बान कर दीं और इस परोपकार का धन्यवाद मोदी सरकार ने यह किया है कि अब किसानों को अपनी, ज़मीनें बचाने के लिए रेल पटड़ियों पर बैठना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के तीनों ही आर्डीनैंस पास करने का फ़ैसला किसान मज़दूर ही नहीं बल्कि देश विरोधी है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में वह अडानी अम्बानियों को पंजाब की जमीन हड़पने नहीं देंगे और गेहूँ की बिजवाई के बाद रेल मोर्चे को ओर भी प्रचंड कर देंगे। स्टेज की कार्यवाही बी.के.यू.डकौंदा के गुरदीप सिंह सेलबराह ने निभाई। जलसा को मज़दूर मुक्ति मोर्चा के पृतपाल सिंह और टैक्निकल सर्विसिज यूनियन के नगिन्दर सिंह ने भी संबोधन किया।

कैप्टन सरकार के पास किए बिल केवल ड्रामा, कैप्टन सरकार पंजाब में एमएसपी बिल पास करे-भगवंत मान

मौड़ मंडी. नरमा की खरीद को ले कर आम आदमी पार्टी के सूबा प्रधान और संसद मैंबर भगवंत सिंह मान ने मौड़ मंडी की पुरानी अनाज मंडी में खरीद प्रबंधों का जायज़ा लिया और किसानों को आ रही समस्याओं संबंधी विचार विमर्श किया। इस मौके भगवंत मान ने बोलते हुए कहा कि कैप्टन सरकार ने जो विधान सभा के अंदर बिल पाए किए हैं वह केवल नाटक और केंद्र सरकार के पास किये बिलों में सिर्फ़ संशोधन का परछावा झलक रहा है। क्योंकि यह बिल केंद्र सरकार के बिलों में से संशोधन हैं इस लिए केंद्र इन को कभी भी लागू नहीं होने देगा। यदि कैप्टन अमरिन्दर सिंह किसान हितैषी हैं, तो वह पंजाब के अंदर एमएसपी का बिल पास करे तांकि जो केंद्र की तरफ से फ़सल खरीदने के उपरांत, बाकी रह जाने वाली फ़सल को खरीदने के लिए पंजाब सरकार गारंटी ले जिससे किसानों की चिंताएं ख़त्म हो सकें।

उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर बरसते हुए कहा कि भाजपा के साथ नाख़ून मांस का रिश्ता सिर्फ़ किसानी संघर्ष के डर से ही टूटा है और यह रिश्ता किसानी संघर्ष समाप्त होने से दो महीनों बाद ही नाख़ून मांस का रिश्ता जुड़ जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वह एकजुट हो कर इन व्यापारी सरकारों को चलता करने और लोगों के साथ ठहरने वाली पार्टियों का साथ दे।

इस मौके विधायक प्रो. बलजिन्दर कौर, शहरी ज़िला प्रधान नवदीप जीता, ज़िला प्रधान देहाती गुरजंट सिंह सिविया, हलका मौड़ के आप नेता मनोज कुमार मौजी, भोला सिंह मान सरदूलगढ़, सीनियर नेता सुरिन्दर सिंह माहल बुर्ज, नील गर्ग, अमनदीप सिंह मौड़ कलां, भोला सिंह, महेन्दर सिंह सन्दोहा, गुरप्रीत, राजवीर सिंह ढिल्लों, अनिल कुमार ठाकुर, जगपाल ढिल्लों, नछत्तर सिंह मानशाहिया आदि के इलावा भारी संख्या आप वर्कर मौजूद थे।

जब स्टेज पर भगवंत मान को लोगों के सवालों के जबाब, लोगों ने कहा पहले केजरीवाल से दिल्ली में डलवाओ मता

पिछले समय दौरान लोगों से नेताओं को सवाल करवाने के लिए उत्साहित करने वाले भगवंत मान को आज लोगों ने सवालों की उस समय झड़ी लगा दी जब वह स्टेज से विधान सभा में पास किये बिलों का विरोध कर रहे थे, तो जलसे में मौजूद करनैल सिंह पूर्व प्रधान और गांव रामनगर के किसान सुदागर सिंह, बिल्लू सिंह, अजैब सिंह ने सवाल करते हुए कहा कि एक तरफ़ तो आपके विधायक और विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा विधान सभा अंदर और केंद्र की तरफ के पास किए बिल को रद्द करने वाले पंजाब सरकार की तरफ के पास किये बिलों की कापी देने के लिए पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर के पास गए दूसरे तरफ़ आप इस का विरोध करके इस में कमियों को गिना कर किसानों को गुमराह कर रहे हो। यदि आप किसान हितैषी हो तो दिल्ली में भी पंजाब की तर्ज़ विधान सभा में मता पास करवाओ। फिर ही आप किसान हितैषी कहलवाने के हकदार हो सकते हो। जिस के बाद माहौल तनाव पूर्ण हो गया और पुलिस ने स्थिति को काबू कर लिया। भगवंत मान ने अपना भाषण जल्दी समेटना ही मुनासिब समझा।

 

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