चंडीगढ़। राजस्थान के भरतपुर जेल में गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को प्रोडक्शन वारंट में चंडीगढ़ लेकर आने के लिए यूटी पुलिस अब सुप्रीम कोर्ट में दलील पेश करेगी। इस मामले में यूटी पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लॉरेंस को प्रोडक्शन वारंट में लाने के बाद ही कई मामलों में बड़ी जानकारी हासिल की जा सकती है। वहीं, इससे पहले भी गैंगस्टर बिश्नोई के वकील तरमिंदर ने चंडीगढ़ जिला अदालत में एक याचिका दायर कर अपील की थी कि उसे हथकड़ी पहनाकर ही लेकर आया जाए। चंडीगढ़ पुलिस लॉरेंस बिश्नोई का एनकाउंट कर सकती है। यूटी पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पहली बार किसी अपराधी का प्रोडक्शन वारंट हासिल करने के लिए विभाग सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची है।
बता दे कि सेक्टर-33 निवासी शराब कारोबारी अरविंद सिंगला और सेक्टर-9 स्थित शराब के ठेके के बाहर हुए गोलीकांड मामले के सूत्रधार समझे जा रहे गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। वकील के माध्यम से दायर याचिका में बिश्नोई ने चंडीगढ़ पुलिस पर उसका फर्जी एनकाउंटर करने की आशंका जताई है। दोनों मामलों में प्रोडक्शन वारंट पर लाने से पहले लॉरेंस बिश्नोई ने उसे हथकड़ी में स्पेशल सिक्योरिटी के बीच कोर्ट में पेश करने मांग की है।
इस याचिका पर कोर्ट ने यूटी पुलिस को जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया था। राजस्थान के भरतपुर जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के वकील तरमिंदर सिंह ने बताया कि पहले सेक्टर-33 निवासी बड़े शराब कारोबारी अरविंदर सिंगला के घर पर 17 राउंड फायरिंग की गई। उसके तीसरे दिन सेक्टर-9 स्थित ठेके के बाद 10 राउंड फायरिंग कर आरोपित फरार हो गए।
दोनों गोलीकांड में अपनी भूमिका से किया इंकार
वकील तरमिंदर सिंह ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई दो सालों से राजस्थान की भरतपुर जेल में बंद है। उसका शहर में होने वाले इन दोनों गोलीकांड से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बावजूद पुलिस उसे इस केस में झूठा फंसाने की कोशिश करने में लगी है। उन्हें आशंका है कि यूटी पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आते समय एनकाउंटर कर सकती है। पुलिस कहानी बना सकती है कि लॉरेंस बिश्नोई ने उनकी कस्टडी से भागने की कोशिश की और जवाबी कार्रवाई में उसे गोली मारनी पड़ी।