चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर 24 सितंबर से रेलवे ट्रैक पर धरना दे रहे 31 किसान संगठनों को केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए फिर से आमंत्रित किया है। यह बातचीत 13 नवंबर को दीपावली के ठीक एक दिन पहले होगी। इससे पहले 14 अक्टूबर को केंद्रीय कृषि सचिव संजय अग्रवाल के साथ मीटिंग हुई थी और इस मीटिंग में किसी भी मंत्री के शामिल न होने के चलते किसान मीटिंग का वाकआउट कर आए थे।
एक अक्टूबर से पंजाब की रेलवे लाइनें पूरी तरह से बंद हैं और इन पर कोई रेल नहीं चली है। अब एक बार फिर से 13 नवंबर को किसानों के साथ बैठक होगी। किसानों की मांग पर केंद्र सरकार ने इस बात पर मान गई है कि मीटिंग में मंत्री शामिल होंगे। किसानों के साथ होने वाली मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहेंगे। हालांकि इस बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल के भी शामिल होने की उम्मीद है, लेकिन अभी तक उनका प्रोग्राम फाइनल नहीं हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी की स्टेट यूनिट और केंद्र में मंत्री सोमप्रकाश के प्रयासाें से बातचीत शुरू हुई है। भाजपा के महासचिव डॉ. सुभाष शर्मा ने इस बात की पुष्टि की है कि 13 नवंबर को किसानों के साथ एक बार फिर से कृषि कानूनों पर बातचीत होगी।
काबिलेगौर है कि पंजाब में रेल आवाजाही फिर से शुरू करने के लिए पिछले दिनों पंजाब के आठ सांसदों, दो राज्यसभा सदस्यों और भाजपा के नेताओं ने रेल मंत्री पीयूष गाेयल और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। दोनों मंत्रियों ने पंजाब में जल्द ही रेल आवाजाही फिर से शुरू करने का आश्वासन दिया।
इधर, किसान इस बात पर राजी नहीं हो रहे थे कि पंजाब में कृषि कानूनों पर कोई बात सिरे चढ़नेे से पहले यात्री गाड़ियां शुरू की जाएं, जबकि रेलवे ने यह साफ कर दिया था कि रेलवे सिर्फ मालगाड़ियां नहीं चलाएगा, पूरा आपरेशन एक साथ ही चलाया जाएगा।
31 किसान संगठनों पर आधारित बनाई गई तालमेल कमेटी के संयोजक डॉ. दर्शन पाल और सदस्य बलबीर सिंह राजेवाल ने बताया कि अभी उन्हें कोई आधिकारिक रूप से संदेश नहीं मिला है, लेकिन संगठन बातचीत काे तैयार हैँ। काबिले गौर है कि पंजाब में रेलगाड़ियों के न चलने के चलते काेयला नहीं आ रहा है जिसके कारण सभी थर्मल प्लांट बंद हो गए हैं।
पंजाब में गेहूं समेत अन्य फसलों की बुवाई का काम जोरों पर चल रहा है जिसके लिए आवश्यक डीएपी और यूरिया की कमी होने लगी है। इसके अलावा लुधियाना में व्यापारियों के माल का अंबार लगा हुआ है और लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का माल मालगाड़ियों के न चलने से अटका हुआ है। बासमती एक्सपोटर भी परेशानी झेल रहे हैं, क्योंकि माल बाहर नहीं जा रहा है। पंजाब से पिछले सवा महीने में दूसरे राज्यों को जाने वाला अनाज नहीं जा सका है।