चंडीगढ़ । यदि आपको लिवर संबंधी दिक्कत है तो सावधान हो जाएं और पूरी ऐहतियात बरतें। लिवर की समस्या से प्रभावित लोगों को कोराेना वायरस से गंभीर खतरा है। चंडीगढ़ पीजीआइ ने कोरोना और इससे संक्रमित मरीजों पर बड़ी स्टडी की है। इसमें खुलासा हुआ है कि कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों में अधिकतर के लिवर खराब थे। कई कोरोना संक्रमित मरीजों का पहले से ही लिवर इंजरी का इलाज चल रहा था। स्टडी में कहा गया है लिवर के सही से काम न करने की वजह से भी लोग आसानी से कोरोना संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।
कोविड संक्रमित मरीजों में से 58 फीसद का लिवर था खराब
कोरोना संक्रमण का खतरा न केवल ह्दय, मधुमेह, उच्च रक्तचाप से ग्रस्त मरीजों को है, बल्कि जिन लोगों में लिवर इन्फेक्शन की बीमारी है, उनमें भी कोरोना संक्रमण का खतरा सर्वाधिक दर्ज किया गया है। 15 मार्च से 15 जून के बीच पीजीआइ में कोविड वार्ड में 170 कोरोना संक्रमित मरीज एडमिट हुए थे। जब इन 170 कोरोना संक्रमित मरीजों के टेस्ट किए गए।
चंडीगढ़ पीजीआइ ने 152 कोरोना संक्रमित मरीजों पर की स्टडी, 89 का लिवर ढंग से नहीं कर रहा था काम
उसमें पता चला कि इनमें से 152 कोरोना संक्रमित मरीजों के लिवर फंक्शन में पहले से ही खामी थी। पीजीआइ के डॉक्टरों ने जब इन 152 कोरोना संक्रमित मरीजों पर स्टडी की तो पाया कि 89 कोरोना संक्रमित मरीजों यानि 58.5 फीसद में लिवर फंक्शन खराब पाया गया। 43 कोरोना संक्रमित मरीजों यानि 48.31 फीसद में लिवर इंजरी पाई गई। यानी ये 48.31 फीसद कोरोना संक्रमित मरीज ऐसे थे, जिनका पहले से ही लिवर इंजरी का इलाज चल रहा था। ऐसे मरीज आसानी से कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए। इसमें से केवल 21.15 फीसद मरीजों का लिवर फंक्शन सामान्य पाया गया। यानी ये कोरोना संक्रमित मरीज ऐसे थे, जिनका लिवर पूरी तरह से काम कर रहा था, उनके लिवर फंक्शन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं थी।
43 संक्रमित मरीजों को थी लिवर इंजरी की शिकायत, पुरुषों में सबसे ज्यादा थी खराब लिवर की शिकायत
पीजीआइ ने जिन 152 कोरोना संक्रमित मरीजों पर स्टडी की, उनमें से अधिकतर पुरुषों में खराब लिवर की समस्या देखी गई। जबकि महिलाओं में खराब लिवर की समस्या कम पाई गईं। स्टडी के मुताबिक 67.4 फीसद कोरोना संक्रमित पुरुषों का लिवर खराब पाया गया। दूसरी तरफ 46.03 फीसद महिलाओं का लिवर खराब पाया गया।
पीजीआइ के इन डॉक्टरों की टीम ने की स्टडी
चंडीगढ़ पीजीआइ के सीनियर डॉ. राम कृष्ण सैनी, डॉ. नेहा सैनी, डॉ. संत राम, डॉ. शिव लाल सोनी, डॉ. विकास सुरी, डॉ. पंकज मलहोत्रा, डॉ. ज्योतदीप कौर, डॉ. इंदू वर्मा, डॉ. साधना शर्मा और डॉ. दीपी जोहमोंगही की टीम ने यह स्टडी की है। डॉ. राम कृष्ण सैनी ने बताया कि इस स्टडी से यह खुलासा हुआ है कि खराब लिवर की समस्या से जो मरीज पहले से ही ग्रस्त थे, उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा सर्वाधिक है। यहां तक कि कोरोना की चपेट में आने के बाद इन मरीजों का लिवर पूरी तरह खराब हो गया। लिवर इंजरी होने से ऐसे मरीजों में 95 प्रतिशत तक कोरोना से मौत का खतरा बढ़ गया।