सरकार का फैसला-बठिंडा में सात करोड़ से थर्मल प्लांट की झील पर बनेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

इस बार बताया जा रहा है कि इस योजना पर गंभीरता के साथ काम हो रहा है। वाटर सप्लाई विभाग जहां पिछले कई दिनों से खुद इसकी मंजूरी की विभिन्न औपचारिकताओं पर काम करने में लगा हुआ है, वही बुधवार को डीसी बी श्रीनिवासन की ओर से भी इस प्रोजेक्ट को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई। जिसमें वाटर सप्लाई व सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों के अलावा पुडा, सिचाई विभाग, वन विभाग सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे। इस प्रोजेक्ट पर काफी देर तक विचार विमर्श करने के बाद 15 दिनों के बाद फिर से एक और बैठक करने का निर्णय लिया गया है।

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बठिडा : नहरबंदी के मद्देनजर वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड की ओर से काफी समय से बंद पड़े गुरु नानक देव थर्मल प्लांट की झीलों को पानी स्टोरेज के लिए इस्तेमाल करने की योजना चलाई जा रही है, लेकिन पिछले कई सालों से धीमी गति के साथ हो रहा इस योजना के काम में अब तेजी आने लगी है। हालांकि जिला प्रशासन या वाटर सप्लाई विभाग को इन झीलों की याद तभी आती है, जब लंबी नहरबंदी होने पर महानगर में पानी का संकट गहराता है, लेकिन जब नहरबंदी खत्म हो जाती है और पानी आ जाता है, तो इस योजना को फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। इन दिनों भी महानगर में बीती 20 अक्टूबर से चल रही नहरबंदी के कारण लोगों को पानी के लिए बेहद मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। जबकि विभाग खुद भी परेशान है। बता दें कि थर्मल प्लांट की जमीन को पुडा को देने की घोषणा के दौरान राज्य के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने भी कहा था कि इन झीलों को महानगर के लिए वाटर स्टोरेज के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।

15 दिनों के बाद फिर करेंगे डीसी विभागों से बैठक

इस बार बताया जा रहा है कि इस योजना पर गंभीरता के साथ काम हो रहा है। वाटर सप्लाई विभाग जहां पिछले कई दिनों से खुद इसकी मंजूरी की विभिन्न औपचारिकताओं पर काम करने में लगा हुआ है, वही बुधवार को डीसी बी श्रीनिवासन की ओर से भी इस प्रोजेक्ट को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई। जिसमें वाटर सप्लाई व सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों के अलावा पुडा, सिचाई विभाग, वन विभाग सहित कई विभागों के अधिकारी मौजूद थे। इस प्रोजेक्ट पर काफी देर तक विचार विमर्श करने के बाद 15 दिनों के बाद फिर से एक और बैठक करने का निर्णय लिया गया है।

अमरुत योजना के तहत लगेगा 5-एमजीडी का प्लांट

वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड के थर्मल प्लांट की एक नंबर झील पर ढाई एकड़ जमीन पुडा से लेने के बाद यहां पर 5-एमजीडी (मिलियन गैलन डेली) की समर्था का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। यह प्लांट केंद्र सरकार की अमरुत योजना के तहत लगाया जाएगा। जिस पर करीब सात करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। आगामी डीसी की ओर से फिर से की जाने वाली बैठक के उपरांत इस संबंधित विभाग से प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनवाई जाएगी।

डब्ल्यूटीपी लगने पर शहर की आधी आवादी को मिलेगा पानी

विभाग का दावा है कि यहां पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) लगने के बाद महानगर की करीब आधी आबादी को यहां से पानी सप्लाई होने लगेगा है और पिछले लंबे समय से पेयजल की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। इस प्लांट के चालू होने पर वार्ड नंबर 32 से लेकर वार्ड नंबर 50 और इसके साथ ही सटे हुए वार्ड नंबर एक को पानी की सप्लाई मिलेगी। इसमें अमरपुरा बस्ती से लेकर आदर्श नगर तक इलाका शामिल है। बता दें कि थर्मल प्लांट की झील नंबर एक में 552 एमएलडी (मिलियन लीटर गैलन) की समर्था है। नहरबंदी होने की स्थित में इस झील में 20 दिन का पानी स्टोर किया जा सकेगा।

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