बठिंडा नगर निगम के दावों की हकीकत जांचने पहुंची केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम किया विभिन्न इलाकों का दौरा

छप्पड़ों की जानी हकीकत केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम निगम के इन दावों की ही सच्चाई जानने के लिए पहुंची है। जे राजपूत की अगुआई में क्यूसीआइ कंपनी की टीम के सदस्य अलग-अलग गुप्त तौर पर सर्वे कर रहे हैं। टीम ने सोमवार को मानसा रोड स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया कि वहां पर पब्लिक और कम्युनिटी टायलेट्स की गंदगी की निकासी का क्या समाधान किया गया है।

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बठिडा : ओडीएफ प्लस-प्लस की रीसर्टिफिकेशन के लिए नगर निगम की इम्तिहान की घड़ी आ गई है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम सोमवार की सुबह बठिडा पहुंच गई है। रीसर्टिफिकेशन के लिए नगर निगम की ओर से करीब दो महीने पहले मंत्रालय के पास आवेदन किया था। जबकि इससे पहले से नगर निगम की सेनीटेशन शाखा के कर्मचारियों के अलावा विभिन्न शाखाओं के तमाम अधिकारी इसकी तैयारियों में जुटे हुए थे। आवेदन में दावा किया गया था कि बठिडा शहर पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त है।

नगर निगम बठिंडा को भारत स्वच्छता अभियान- 2021 में पुन: अव्वल आने के प्रयास से पूर्व छह माह के अंतराल पर सोमवार को एक सदस्यीय केंद्रीय टीम बठिंडा शहर पहुंची तथा विभिन्न एरिया का दौरा किया। टीम ने निगम के केंद्रीय मंत्रालय को भेजे गए दावों के अनुरूप कुछ जगहों को मौके पर चेक किया तथा लोगों से फीडबैक भी ली। स्वच्छता अभियान- 2020 में मात्र 59 नंबरों से पटियाला से साख बचाने व हैट्रिक बनाने के साथ राज्य में अव्वल रहने वाले बठिंडा नगर निगम ने इस बार इस अंतर को बड़ा करने के प्रयास तेज कर दिए है। ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) डबल प्लस की रिसर्टिफिकेशन करवाने के साथ-साथ गार्बेज फ्री सिटी का टाइटल हासिल करने के लिए निगम ने पूरी ताकत झोंक दी है, क्योंकि कोरोना लॉकडाउन के चलते छह माह का समय पहले ही बर्बाद हो चुका है। लगातार सामने आती कमियां के मध्य निगम की कोशिश नंबर 1 पोजिशन मजबूत बनाने की है जिसमें शहरवासियों का रोल बेहद अहम है। केंद्रीय एक सदस्यीय टीम के मैंबर जॉनी राजपूत ने एसटीपी के अलावा शहर के अलग-अलग जगहों पर बने शौचालयों को चैक किया तथा

लोगों से फीडबैक भी ली। मंगलवार को भी टीम शहर के अलग-अलग वार्डों का दौरा कर सफाई देखेगी। गौरतलब है कि गार्बेज फ्री सिटी के 1000 नंबर तथा ओडीएफ डबल प्लस के 500 नंबर हैं जो नंबर वन में बहुत मायने रखते हैं।

एसटीपी का भी दौरा, छह माह बाद हो रही ओडीएफ डबल प्लस की रिसर्टिफिकेशन
आवास और शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्रालय के अंतर्गत चल रहे स्वच्छता अभियान 2021 में नगर निगम बठिंडा द्वारा ओडीएफ डबल प्लस की रिसर्टिफिकेशन व गार्बेज फ्री सिटी की सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन करने के बाद सोमवार को केंद्रीय टीम के सदस्य जॉनी राजपूत ने शहर में कई जगहों का दौरा कर सफाई व्यवस्था देखी। केंद्रीय एजेंसी द्वारा भेजी गई लोकेशन के अनुरूप केंद्रीय टीम के जॉनी राजपूत ने अमरपुरा के अलावा गणपति एंक्लेव, बस स्टैंड व बीबी वाला रोड आदि से फीड बैक ली। इसके अलावा उन्होंने शहर में कई जगहों के शौचालयों के खुद मौके पर जाकर हालात जांचने के अलावा लोगों से बातचीत की। केंद्रीय टीम ने इससे पहले एसटीपी का भी दौरा कर वर्किंग देखी जिसमें इस बार ट्रीटेड वॉटर के नंबर जुड़ेंगे।

शहर के किसी भी बाहरी या स्लम इलाके में लोग खुले में शौच नहीं जाते हैं। तमाम गरीब लोगों की बस्तियों के अलावा शहर के अन्य स्लम इलाकों में भी निगम की तरफ से कम्युनिटी टायलेट्स की स्थापना की हुई है। इनमें बिजली-पानी की सुविधा भी उपलब्ध करवा रखी है। इन टायलेट्स की गंदगी की निकासी का उचित इंतजाम किया हुआ है। इसी तरह से ही शहर में बनाए गए पब्लिक टायलेट्स में भी ओडीएफ प्लस-प्लस की शर्तों के अनुसार तमाम सुविधाएं भी मौजूद हैं। जबकि इनमें से 25 फीसद पब्लिक टायलेट्स सर्वोत्तम हैं। इसमें आधुनिक सुविधाओं को उपलब्ध कराया हुआ है। बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए भी व्यवस्था की हुई है। 25 फीसद टायलेट्स में नहाने की भी व्यवस्था की गई है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट,

छप्पड़ों की जानी हकीकत केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम निगम के इन दावों की ही सच्चाई जानने के लिए पहुंची है। जे राजपूत की अगुआई में क्यूसीआइ कंपनी की टीम के सदस्य अलग-अलग गुप्त तौर पर सर्वे कर रहे हैं। टीम ने सोमवार को मानसा रोड स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया कि वहां पर पब्लिक और कम्युनिटी टायलेट्स की गंदगी की निकासी का क्या समाधान किया गया है।

संजय, नगर, संगूआना बस्ती स्थित छप्पड़ों का भी निरीक्षण किया कि क्या यह साफ हैं। छप्पड़ों के अंदर और बाहर गंदगी तो नहीं है। गणपति एनक्लेव और अमरपुरा बस्ती में शौचालय की सुविधा के संबंध में फीडबैक ली गई। इसी तरह बीबीवाला चौक, डीएवी कालेज के नजदीक स्थित रामबाग और बस स्टैंड के पब्लिक शौचालय चेक किए। टीम दो-तीन यहां रहकर सर्वे मुकम्मल करेगी। इस सर्वे के आधार पर ही परिणाम घोषित होगा। दावों में सच्चाई मिली तो मिलेगी रीसर्टिफिकेशन

अगर निगम अपने दावों में सच साबित होता है तो उसे ओडीएफ-प्लस-प्लस की रीसर्टिफिकेशन मिल जाएगी। इसके मिलने से जहां निगम को जनवरी में होनी वाली स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता-2021 में 500 अंकों का लाभ होगा, वहीं गार्बेज फ्री सिटी की फाइव स्टार रैंकिग के लिए भी अप्लाई कर सकेगा। जिसके प्रतियोगिता में 1000 अंक हैं। गार्बेज फ्री सिटी के लिए निगम तब तक अप्लाई नहीं कर सकता। जब तक उसे ओडीएफ प्लस-प्लस की रीसर्टिफिकेशन नहीं मिल जाती। सर्टिफिकेट के लिए इन

तमाम शर्तों का होना जरूरी केंद्र सरकार की शर्तों के अनुसार ओडीएफ प्लस प्लस सर्टिफिकेट के लिए शहर के किसी भी क्षेत्र में खुले में शौच नहीं जाना चाहिए। तमाम जगहों पर शौचालयों की व्यवस्था होनी चाहिएं। शौचालयों में भी सभी सुविधाएं होनी चाहिएं। शहर की 25 फीसद बेस्ट पब्लिक टायलेट्स होनी चाहिए। जिसमें बिजली, पानी, एग्जास्ट फैन, हैंड ड्रायर, लेडीज के लिए नैपकिन वैंडर मशीन, इंसीनेटर, वाश वेशन, शीशे, हाथ धोने को लिक्वड सोप, तौलिया, विकलांग लोगों के लिए रैंप, बच्चों के लिए अलग से यूरिनल पाट्स, नहाने के लिए बाथरूम की सुविधा आदि शामिल हैं।

इसके अलावा बाहर साइन बोर्ड होने भी अनिवार्य हैं। निगम की ओर से शहर में कुल 42 कम्युनिटी व पब्लिक टायलेट्स बनाई हुई हैं। इसमें 12 स्थानों पर कम्युनिटी टायलेट्स स्थापित की हुई हैं। यह टायलेट्स स्लम इलाकों के अलावा जहां पर झुग्गियां हैं वहां स्थापित की हुई हैं। इसके अलावा शहर में 30 पब्लिक टायलेट्स हैं। हालांकि केंद्र सरकार की शर्तों के अनुसार यहां पर कुल 25 फीसद पब्लिक टायलेट्स ही बेस्ट टायलेट्स होनी चाहिएं। जिनमें उक्त तमाम सुविधाएं होनी अनिवार्य हैं। 25 फीसद की इस शर्त के अनुसार शहर में कुल 11 शौचालय बेस्ट होनी चाहिएं। लेकिन निगम की ओर से 15 पब्लिक टायलेट्स को बेस्ट बनाने का दावा किया गया है।

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