8 माह में बठिंडा जिला प्रशासन को कोरोना वायरस की स्थिति से निपटने के लिए मिले तीन करोड़ 6 लाख से अधिक

-सर्वाधिक 1 करोड़ 53 लाख 5 हजार 250 रूपये सिविल सर्जन बठिंडा दफ्तर  ने सेहत प्रबंधन पर तो 40 लाख रु पए नगर निगम ने लोगों को राशन वितरण करने में खर्च करे

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बठिंडा. मार्च माह में कोरोना वायरस ने जिले में दस्तक दी तो जिला प्रशासन ने आपात तैयारियां शुरू की। इस दौरान कोरोना वायरस से संक्रिमत लोगों के लिए कोरनटाइन सेंटर बनाने से लेकर उनके खानपान की व्यवस्था करना, मृतक व्यक्तियों के संस्कार करना व टेस्टिंग के साथ दवाईयों का इंतजाम किया गया। इस काम के लिए प्रशासन को जहां सरकार की तरफ से अनुदान मिला वही सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी खुलकर सहयोग दिया।

इसमें सरकार की तरफ से तीन करोड़ 6 लाख रु पए की आर्थिक सहायता दी गई जिसमें सर्वाधिक राशि प्रशासन ने सेहत विभाग को जारी की जिसमें सिविल सर्जन, बठिंडा ने एक करोड़ 53 लाख पांच हजार 250 रु पए खर्च किए। यह राशि एकांतवास सेंटरों/ कोविड केयर सेंटरों में खाना और अन्य जरु री वस्तु देने के साथ मशीनरी की खरीद परोख्त पर लगाए गए। वही दूसरी नंबर पर राशि खर्च करने में नगर निगम बठिंडा आगे रहा जिसने 40 लाख रु पए की राशि विभिन्न वार्डों में जरु रतमंदों को सूखा व बना हुआ खाना देने में खर्च किया गया।

यह राशि उक्त राशन से अलग है जो सामाजिक संस्थाओं व लोगों ने नगर निगम को दान के तौर पर दिया था। इसमें प्रशासन ने रेडक्र ास सोसायटी के अलावा जिले में विभिन्न मंडलों के एसडीएम व एडीसी विकास को भी राशि का आबांटन किया। जिले में कोरोना के पीक काल में एक दिन में कोविड सेंटरों में 500 से एक हजार लोग दाखिल रहते थे। इन सभी लोगों को पहले चरण में जिला प्रशासन की तरफ से जहां खानपान दिया गया वही उनकी केयर व रहने की व्यवस्था की गई। इसके बाद प्रशासन ने सेंटरों में दाखिल लोगों की देखभाल का जिम्मा सामाजिक संस्थाओं को सौंप दिया था लेकिन इसमें प्रबंधन व्यवस्था के लिए संस्थाओं को आर्थिक सहयोग भी दिया गया।

पांच चरणों में किया गया फंड का आबांटन

फिलहाल आर.टी.आई. में मिली सूचना के अनुसार सरकार की तरफ से पांच चरणों में फंडों का आबांटन किया गया। इसमें 23 मार्च 2020 को 1,00,00,000 रूपये, 11 मई को 7,10,937 रूपये, 15 मई को 21,32,813 रूपये, 19 जून को फिर से 1,00,00,000 रूपये और 13अगस्त को 77,82,500 रूपये प्रशासन को जारी किया। इस तरह से राज्य सरकार ने आपातकालिन फंड में से तीन करोड छह लाख 26 हज़ार 250 रूपये जारी किए। इसमें 23 मार्च 2020 को मिले एक करोड रु पयों में से  कमिश्नर, नगर निगम, बठिंडा दफ्तर को लगभग 40 लाख रु पए का गरीब लोगों को राशन उपलब्ध करवाया गया। वही  सचिव रेड क्रास बठिंडा द्वारा लगभग 10 लाख रु पयों की राशि कोविड केयर सेंटरों में बैडिंग मटेरियल, अवेर्नेस कैम्पेन, स्प्रे पम्पस के ऊपर खर्च की गई।

विभिन्न मंडलों व सिविल सर्जन के मार्फत मिली राशि खर्च हुई

इसमें उप मंडल मिजस्ट्रेट बठिंडा द्वारा लगभग 13,70,607 रु पयों की राशि कोविड-19 के बचाव के लिये किए गए प्रयासों और एकांतवास सेंटरों व कोविड केयर सेंटरों में खाना और अन्य जरु री वस्तुयों के लिये खर्च किए,  उप मंडल मिजस्ट्रेट रामपुरा फूल की तरफ से लगभग 30,800 रूपये एकांतवास सेंटरों में रखे व्यक्तियों के लिए राशन, खानपान, साजो समान पर खर्च किए गए। उप मंडल मिजस्ट्रेट तलवंडी साबो की तरफ से लगभग 1,31,900  रूपये एकांतवास सेंटरों में राशन,खाना, साजो समान पर, उप मंडल मिजस्ट्रेट मौड की तरफ लगभग 62,000 रूपए एकांतवास सेंटरों में 10 कूलर उपलब्ध करवाए गए। अतिरिक्त उपायुक्त (विकास) बठिंडा की तरफ से लगभग 5 लाख रूपये एकांतवास सेंटरों में ठहराये गये व्यक्तियों के लिए राशन, खाना व अन्य साजो समान पर खर्च किए गए। इसी तरह बी.एंड.आर., पी.डब्ल्यू.डी. बठिंडा के एक्सीईन की तरफ से लगभग 5,04,943 रूपये कोविड-19 के दौरान कंटोनमेंट जोन/ माईक्रो कंटोनमेंट जोन और अन्य अलग-अलग स्थानों पर की गई बैरीकेडिंग पर खर्च किए गए। सिविल सर्जन बठिंडा द्वारा लगभग 23 लाख 99 हजार 750 रूपए कोविड केयर सेंटरों और आईसोलेशन फेसिलटी  के लिए रखे गये वलंटीयर्ज को मान भत्ता और अन्य खर्चे और पी.ओ.एल. में खर्च किए गए हैं। इस तरह से एक करोड़ की राशि पहले चरण में खर्च कर दी गई। इसी तरह 11 मई को मिले सात लाख दस हज़ार 937 रु पयों में से  7,10,937 रूपये करोना वायरस के कारण लॉकडाउन की स्थिति में पंजाब में फसे लोगों को अपने पैतृक राज्य में रेल से भेजने के लिये किये जरु री प्रबंध करने सम्बन्धी खर्च हुए।

कोरोना काल में जिले में फंसे प्रवासी लोगों को घर भेजने पर भी हुई राशि खर्च

वही 15 मई 2020 को मिले इक्कीस लाख बत्तीस हज़ार 813 रु पयों में से 17,19, 168 रूपये करोना वायरस के कारण लॉकडाउन की स्थिति में पंजाब में फंसे लोगों को अपने पैतृक राज्य में रेल से भेजने के लिये किये जरु री प्रबंध करने सम्बन्धी खर्च हुए। इसमें करीब 4,13,645 रूपये शेष बचे हैं। 19 जून को मिले एक करोड रु पयों में से  सिविल सर्जन, बठिंडा की तरफ से 60 लाख रु पयों की राशि वलंटीयर्ज की सैलरी, प्रिंटर, अन्या खर्चे और पी.ओ.एल. और बायोमेडिकल के खर्चे आदि पर खर्च की गई। एसडीएम बठिंडा को 25 लाख रु पयों की राशि दी गई वही 10 लाख रूपयों की राशि एकांतवास सेंटरों में खाने, पैकिंग मैटेरियल, एन.आर.आईज को लेकर आने, फायर सेफ्टी रिपेयर और करोना के कारण मरे व्यक्तियों के संस्कार आदि पर खर्च की गई। लगभग 14,82,186/- रु पयों की राशि कोविड-19 के बचाव के लिये किये गये यत्नों और एकांतवास सेंटरों में खाना और अन्य वस्तु उपलब्ध करवाने के लिए खर्च की गई। उप मंडल मिजस्ट्रेट बठिंडा के पास लगभग 57,814 रूपयों की राशि मौजूद है। वही प्रशासन के पास  15 लाख रूपये बचे हुए है। 13 अगस्त को मिले 77,82,500 रु पयों में से  सिविल सर्जन, बठिंडा को फिर से 69,05,500 रु पयों की राशि जारी की गई। सिविल सर्जन, बठिंडा की तरफ से 57,64, 269 रूपयों की राशि वलंटीयर्ज की सैलरी, वाशिंग मशीन, अन्य खर्चे और पी.ओ.एल., बायोमेडिकल के खर्चे और लैब टेस्ट आदि पर खर्च की गई और सिविल सर्जन, बठिंडा के पास लगभग 11,41,221 रूपयों की राशि मौजूद है। वही प्रशासन के पास इस मद में 8,77,000 रूपये बकाया है जो खर्च नहीं हुए है।

आरटीआई एिक्टविस्ट व ग्राहक जागो मंच के सचिव संजीव गोयल ने बताया कि प्रशासन की तरफ से मांगी गई जानकारी में करीब एक करोड़ 27 लाख 80 हजार के करीब खर्च हुआ।इस तरह से कोरोना काल में सिविल सर्जन, बठिंडा  ने 1,53,05,250 रूपये, एसडीएम बठिंडा ने 38,70,607 रूपये, कमिश्नर, नगर निगम, बठिंडा ने 40,00,000 रूपये, सचिव रेड क्रास बठिंडा ने 10,00,000 रूपये, बी.एंड आर., पी.डब्ल्यू.डी., बठिंडा ने 5,04,943 रूपये, अतिरिक्त उपायुक्त (विकास) बठिंडा 5,00,000 रूपए, लोगों को पैतृक राज्य में रेल से भेजने के प्रबंधों पर 24,30,105 रूपये खर्च किए गए है।

 

 

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