किसानों के संघर्ष ने रोकी बुढ़ापा पेंशनों के घोटाले की रिकवरी

करोड़ों रुपये के हुए घपले की रिकवरी किसानों के संघर्ष के कारण प्रभावित हो गई है।

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बठिडा : राज्य में बुढ़ापा पेंशनों के नाम पर करोड़ों रुपये के हुए घपले की रिकवरी किसानों के संघर्ष के कारण प्रभावित हो गई है। गलत ढंग से पेंशन लेने वालों से रिकवरी के लिए विभाग की ओर से टीमों को बनाकर गांवों में नोटिस बांटने के लिए भेजा जा रहा है। मगर वहां पर लोग नोटिस देने के लिए आई टीम का ही घेराव कर लेते हैं। अगर कोई नोटिस ले भी लेता है तो वह उसको अनदेखा कर फेंक देता है। यही कारण है जिले में पिछले छह महीनों से चल रही कार्रवाई के बाद भी सिर्फ 15 हजार रुपये की पेंशन की ही रिकवरी हुई है। जबकि जिले में 8762 लोगों से 17 करोड़ रुपये की रिकवरी करनी है।

पेंशनों की रिकवरी को लेकर हालात तो यह हैं कि अब तो गांवों में लोग ही नहीं मिल रहे। इन दिनों विभाग के पास नोटिस देने गई टीमों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि गांवों के लोग दिल्ली धरने में चले गए हैं। जबकि बीते दिनों बरनाला जिले में जिला सामाजिक सुरक्षा अफसर समेत टीम का घेराव कर लिया गया था। नियमों के अनुसार तो नोटिस मिलने के बाद गलत ढंग से पेंशन लेने वालों को डिमांड ड्राफ्ट बनती राशि का देना होगा। जिले में पेंशन का सबसे अधिक लाभ तलवंडी साबो ब्लाक के लोगों ने लिया है। अकेले तलवंडी साबो ब्लाक में ही 2200 लोगों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। इसके बाद नथाना में 1330, संगत में 1220, बठिडा में 1200, रामपुरा में 787, मौड़ में 680, भगता में 370 व फूल में 215 लोगों को नोटिस भेजे गए हैं। रिकवरी के लिए जिला स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है। इसमें जिला सामाजिक सुरक्षा अफसर, सीडीपीओ, जिला रेवेन्यू अफसर के अलावा तहसील के मुलाजिमों को किया गया है।

गलत ढंग से पेंशन लेने के मामले में ज्यादातर कम उम्र के लोग थे, जो अपने आप को बुजुर्ग बताकर करीब 2 साल तक पेंशन का लाभ लेते रहे। इस मामले का खुलासा पंजाब सरकार की ओर से 2017 में सत्ता में आने के बाद करवाई गई जांच के आधार पर हुआ। जिस पर अब रिकवरी करने के लिए सामाजिक सुरक्षा स्त्री व बाल विकास विभाग की ओर से सभी जिलों के जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर आदेश दिए गए हैं। जिसके तहत कमेटी द्वारा कम उम्र के दिए गए सबूतों के आधार पर जांच करने के अलावा आमदन के छिपाए गए स्त्रोतों को उजागर करेगी।

इस संबंध में जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी डा. तेअवासप्रीत कौर का कहना है कि लोगों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। मगर पेंशनों की रिकवरी के लिए टीमों को कई प्रकार के विरोध का सामना करना पड़ता है। हालांकि रिकवरी न देने वालों को 420 का केस दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई है।

रिकवरी कैसे होगी, पता नहीं

पेंशन रिकवरी का जो लोग नोटिस नहीं लेते या पैसे नहीं देते तो उनसे रिकवरी कैसे करनी है, इसके बारे में कोई स्थिति क्लियर नहीं है। वहीं पेंशन घोटाले 2017 में हुआ था, जिसका खुलासा अब हुआ है। अगर इस समय के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो चुकी है या फिर अपना घर छोड़ कहीं ओर चला गया है तो इसके बारे में भी विभाग को यह नहीं पता कि आगे क्या करना है। जिले में गांव जोगानंद के गुरतेज सिंह पिछले कई सालों से सरकार से पेंशन लेते रहे, जिनका अब बकाया 22,750 रुपये हो गया है। वहीं गांव जोगानंद की गुरमीत कौर ने भी सरकार से 22,750 रुपये की पेंशन ली है, जिनको अब नोटिस तो भेज दिए हैं। लेकिन यह पेंशन की राशि कब आएगी, इसके बारे में कुछ पता नहीं है।

यहां पर हुआ इतना घोटाला

जिला     पेंशनधारक   राशि

संगरूर 12573            26,63,47,950

अमृतसर 7853            19,95,50,000

पटियाला 6528            19,63,05,050

मानसा 6663                18,87,01,800

बठिडा 8762                 17,00,08,500

श्री मुक्तसर साहिब 7441 15,70,19,250

गुरदासपुर 4120             11,67,37,900

फाजिल्का 2452                6,14,58,750

मोगा 1729                         4,80,76,900

लुधियाना 1954                   4,48,33,800

जालंधर 1166                      3,40,12,500

होशियारपुर 1025                  3,02,29,650

तरनतारन 3207                     2,16,27,500

फिरोजपुर 815                        1,96,53,600

रूपनगर 672                            1,78,42,000

कपूर्थला 394                             1,55,07,100

बरनाला 541                               1,05,09,250

फतेहगढ़ साहिब 479                       96,97,950

एसबीएस नगर 215                          68,97,150

फरीदकोट 714                                 33,76,000

एसएएस नगर 719                            32,74,000

पठानकोट 116                                  18,59,200

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