बठिडा : गेहूं की बिजाई के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे किसानों ने यूरिया न मिलने के विरोध में शनिवार को एनएफएल के सामने बठिडा- अमृतसर रोड पर धरना लगा दिया। इस प्रदर्शन के चलते सड़क पर सारा ट्रैफिक जाम हो गया। लोगों को भाई घन्हैया चौक से ही लौटाया जाने लगा। किसानों ने वीरवार को भी एनएफएल के बाहर धरना लगाया था, जिस दौरान किसानों को समय पर यूरिया देने का भरोसा दिया था। मगर शनिवार को फिर से किसानों ने धरना लगा दिया। वहीं धरने से निकल कर आगे जाने की जिद करने वालों के साथ किसानों की बहसबाजी भी होती रही। किसानों की तरफ से सुबह 11 बजे लगाया गया धरना शाम को साढ़े 8 बजे के बाद खत्म हुआ।
राज्य में यूरिया का उत्पादन करने वाले दो कारखाने होने के बाद भी पंजाब में यूरिया खाद की बड़ी किल्लत पैदा हो गई है। किसानों को महंगे दाम पर यूरिया लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था। इसके बाद बठिडा के एनएफएल ने किसानों को यूरिया देने का ऐलान कर दिया। मगर अब फिर से किसानों को परेशान किया जा रहा है। हालात तो यह हैं कि यूरिया लेने के लिए किसानों की हर रोज सुबह पांच बजे एनएफएल के बाहर लाइनें लग जाती हैं।
बठिडा एनएफएल में मालवा क्षेत्र से ही नहीं, बल्कि राज्य के विभिन्न जिलों से किसान यूरिया लेने के लिए पहुंचे थे। जिला कपूरथला के गांव इबराहीमीवाला के सरबजीत सिंह ने बताया कि उनके साथ 20 किसान यूरिया लेने के लिए आए हैं, मगर पिछले दो दिनों से वह परेशान हो रहे हैं। उनकी बात सुनने को कोई तैयार नहीं है। जबकि वह पैसे इकट्ठे कर किराये पर ट्रक लेकर आए हैं, जिसका उनको किराया भी पड़ रहा है। इसी प्रकार तरनतारन जिला के भिखीविड से आठ किसान यूरिया लेने के लिए दो दिन से इंतजार कर रहे हैं। इन्होंने गेहूं को पानी भी लगा दिया है, जिसके चलते अब फसल के लिए यूरिया खाद की जरूरत है। कपूरथला के किसान परमजीत सिंह ने बताया कि वह शुक्रवार रात के समय 10 किसानों के साथ एनएफएल में पहुंच गए थे। मगर यहां पर जब यूरिया लेने के लिए संपर्क किया तो उनको छुट्टी होने का बोलकर यूरिया देने से मना कर दिया।
किसान ने आरोप लगाया कि यहां से यूरिया के ट्रक बाहर जा रहे हैं। जबकि उनको मना किया जा रहा है, जिस कारण किसानों को संघर्ष करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसी प्रकार बरनाला जिले के गांव सेखा के किसान हरदीप सिंह ने बताया कि वह 17 नवंबर से हर रोज लगातार यूरिया लेने के लिए एनएफएल में आ रहा है। मगर यहां से कोई न कोई बहाना लगाकर वापिस भेज दिया जाता है। इस किसान को 500 गट्टे यूरिया खाद की जरूरत है। कपूरथला के साथ ही संबंधित निरंजन सिंह ने बताया कि वह 20 किसान खाद लेने के लिए किराए पर वाहन लेकर आए हैं। मगर यहां पर एनएफएल के अधिकारियों ने उनको खाद देने से इंकार कर दिया गया है। फरीदकोट जिले से संबंधित किसान गुरमीत सिंह भी पिछले दो दिनों से यूरिया लेने से इंतजार कर रहा है।
गांव बलाहड़ महमा के किसान लखविदर सिंह बताया कि उन्होंने 16 नवंबर को यूरिया खाद लेने के लिए अपने नाम लिखवाए थे। मगर अब अधिकारी नाम वाली लिस्ट गुम होने के बारे में बोल रहे हैं। वहीं दबड़ीखाना के किसान जसवीर सिंह ने बताया कि प्रबंधकों द्वारा एटीएम या चेक के द्वारा पैसों की मांग की जा रही है, जिसका उनके पास कोई प्रबंध नहीं है।