Bathinda/शिक्षा संस्थानों में कोरोना की एंट्री से शिक्षा व सेहत विभाग चितिंत, बढ़ाई सैंपलिंग
जिले में स्कूल प्रिसिपल व कालेज मैनेजमेंट को भी सख्ती से आदेश दिए गए है कि अगर कोई भी टीचर या स्टाफ मेंबर कोरोना टेस्ट करवाने से इंकार करता है, तो उसकी अलग से एक सूची तैयार की जाए, ताकि उनपर बनती कार्रवाई कर जा सके। फिलहाल सेहत विभाग पूर्व एक सप्ताह में 300 से ज्यादा कोरोना टेस्ट स्कूल व कालेजों से ले चुका है। इसमें 30 से ज्यादा पाजिटिव केस मिल चुके है।
बठिडा. बढ़ती ठंड के साथ लोगों की तरफ से बरती जा रही लापरवाही के कारण का कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक जानलेवा साबित होने लगी है। पिछले एक सप्ताह में 15 से ज्यादा कोरोना पाजिटिव मरीज दम तोड़ चुके है, वहीं स्कूल-कालेज खुलने के साथ ही जिले के शिक्षण संस्थानों के स्टाफ भी कोरोना की चपेट में आने लगे है। हालांकि, बठिडा जिले में किसी भी स्कूल या कालेज का विद्यार्थी कोरोना की चपेट में नहीं आया है, लेकिन स्कूल- कालेज से हररोज मिल रहे कोरोना पाजिटिव मिल रहे स्टाफ मेंबर व अध्यापकों ने शिक्षा विभाग के साथ-साथ सेहत विभाग की भी चिता बढ़ा दी है। ऐसे में दोनों विभागों ने स्कूल कालेजों में कोरोना की सैंपलिग बढ़ाने का फैसला लिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा कोरोना मरीजों की पहचान की जा सके।
सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के आदेश जारी किए है कि वह अपने पूरे स्टाफ मेंबर व टीचर के कोरोना टेस्ट करवाएं
इसके तहत जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों के आदेश जारी किए है कि वह अपने पूरे स्टाफ मेंबर व टीचर के कोरोना टेस्ट करवाएं, वहीं जिला प्रशासन की तरफ से भी कालेज मैनेजमेंट को भी पत्र लिखकर अपने लेक्चरर व पूरे स्टाफ का कोरोना टेस्ट करवाना लाजिमी किया है। इसके लिए सेहत विभाग की तरफ से गठित मोबाइल टीमों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है, जोकि हररोज जिले के चार से पांच स्कूल व कालेज में जाकर वहां के स्टाफ व टीचरों के कोरोना टेस्ट कर रहे है। वहीं स्कूल प्रिसिपल व कालेज मैनेजमेंट को भी सख्ती से आदेश दिए गए है कि अगर कोई भी टीचर या स्टाफ मेंबर कोरोना टेस्ट करवाने से इंकार करता है, तो उसकी अलग से एक सूची तैयार की जाए, ताकि उनपर बनती कार्रवाई कर जा सके। फिलहाल सेहत विभाग पूर्व एक सप्ताह में 300 से ज्यादा कोरोना टेस्ट स्कूल व कालेजों से ले चुका है। इसमें 30 से ज्यादा पाजिटिव केस मिल चुके है।
बाजारों में लोगों की भीड़ निरंतर बढ़ी वही लोगों द्वारा सरकारी हिदायतों की हो रही अवहेलना
बाजारों में बढ़ रही है लोगों की भीड़ शहर के विभिन्न बाजारों में लोगों की भीड़ निरंतर बढ़ रही है और लोगों द्वारा सरकारी हिदायतों की अवहेलना की जा रही है। लोगों ने प्रशासन से दो गज की दूरी और बिना मास्क के बाजारों में घूमने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है ताकि महामारी को बढ़ने से रोका जा सके। दूसरी तरफ सेहत विभाग की मेडिकल टीम द्वारा प्राइवेट संस्थानों के अलावा सरकारी विभागों में तैनात कर्मचारियों की कोरोना टेस्ट प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कोविड-19 सैंपलिग के जिला नोडल अफसर व जिला डेंटल अफसर डा. नरेश सिगला का कहना है कि अधिकतर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि यह कैसे पता लगाया जाए कि सामान्य जुकाम बुखार है, या कोरोना।
ठंड के दिनों में वायरस का खतरा घटने के बजाय बढ़ सकता
डाक्टरों की मानें तो ठंड के दिनों में वायरस का खतरा घटने के बजाय बढ़ सकता है। ठंड में कोरोना संक्रमण फैलने की मुख्य वजह सांस छोड़ने, खांसने या छींकने के दौरान मुंह और नाक से निकली बूंदों के सीधे संपर्क में आने की आशंका है। ऐसे में लोगों को मास्क और शारीरिक दूरी का खास ख्याल रखने की जरूरत होगी। सर्दी के साथ बढ़ सकता है संक्रमण का खतरा ठंड के मौसम में वायरस 24 घंटे से अधिक समय तक हवा में मौजूद रह सकता है। सेहत विभाग के अनुसार, मुंह या नाक से निकलने वाली ड्रापलेट वायरस के हिस्से को पीछे छोड़ देती है जो हवा में मौजूद रहता है। गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में वायरस जमीन से गिरने से पहले हवा के साथ ऊंचाई तक जा सकता है। डा. परमिदर बांसल का कहना है कि सर्दी के साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। इसका कारण अधिक सर्दी में अस्थमा के मरीजों को सांस की दिक्कत बढ़ जाती है।
इसके अलावा बार-बार हाथ धोने बाहर से घर लौटते समय कपड़े बदलकर नहाने सहित स्वच्छता को लेकर जारी हिदायतों की पालना भी लोग कम करने लगे है। इन बातों का रखें ध्यान कोरोना कोई मौसमी बीमारी नहीं है जो मौसम बदलने से गायब हो जाएगी। यह महामारी की एक बड़ी लहर है। यह एक अलग वायरस है जो अलग तरह से व्यवहार कर रहा है। लोगों को अधिक सतर्कता के साथ सुरक्षा के नियमों का पालन करने की जरूरत है। कई देशों में दूसरी लहर शुरू हो चुकी है जोकि चिताजनक है। इसलिए मास्क, हाथ धोने व शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखें, बुजुर्ग, बच्चे सुबह व शाम घर से बाहर निकलने से परहेज करें, भीड़ का हिस्सा बनने से बचें, अनावश्यक घूमने के लिए बाहर न निकलें, निमोनिया, सांस संबंधी रोगों, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि नियमित रोगों के मरीज डाक्टरी परामर्श लेते रहें, तबीयत खराब होने पर तुरंत माहिर डाक्टर से परामर्श लें, पूरा परिवार लेकर बाजार में न जाएं।