बठिडा. कहते हैं कि मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती। हिम्मत, मेहनत और लगन के साथ की गई कोशिशें हमेशा सफल होती हैं। ऐसा ही करके दिखाया है बठिडा के आढ़ती की बेटी शायना गोयल ने। शायना ने दिल्ली ज्यूडिशियल की परीक्षा पास कर दिल्ली कोर्ट की जज बनकर बठिडा व अपने परिवार का नाम रोशन किया है। माडल टाउन फेस तीन में रहने वाले आढ़ती बंटी कुमार धुन्नीके की बेटी शायना गोयल ने जज बनकर अपना सपना पूरा कर लिया है। शायना के जज बनने पर धुन्नीके परिवार में खुशी का माहौल है, वहीं उन्हें बधाई देने वाले लोगों को तांता लगा हुआ है।
सपना जज बनकर लोगों को इंसाफ देने का
शनिवार को दिल्ली से बठिडा अपने घर पहुंचने पर शायना गोयल ने परिवार के साथ अपनी खुशी सांझी करते हुए बताया कि उनका सपना जज बनकर लोगों को इंसाफ देने का था। वह लोगों की सेवा करना चाहती है। लोगों की सोच को बदलने के लिए बनी जज शायना का कहना है कि लोग अदालत में जाने से डरते हैं और उनके मन में डर है कि उन्हें समय पर इंसाफ तो नहीं मिलेगा, लेकिन समय व पैसे दोनों अवश्य बर्बाद होंगे। इस सोच को बदलने के लिए वह जज बनकर लोगों को इंसाफ देंगी, वहीं दोषियों को उनके कर्म की सजा। वह जज बनकर समाज सेवा के साथ-साथ सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी काम करेंगी। वहीं महिलाओं की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनों को सख्ती से लागू करवाने का प्रयास करेंगी, ताकि दिल्ली जैसे बड़े शहर में महिलाओं व युवतियां अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकें।
- शायना ने बताया कि वह बचपन से पब्लिक के साथ जुड़कर काम करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने यह प्रोफेशन चुना। अब वह सच्चाई के लिए ही कार्य करेंगी। बठिडा में दसवीं करने के बाद दिल्ली में की पढ़ाई शायना गोयल ने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल बठिडा से की। इसके बाद दिल्ली में डीपीसी फ्रोम स्कूल से बारहवीं की परीक्षा पास की।
- ग्रेजुएशन करने के बाद एक साल तक आइएएस की तैयारी भी की। इसके बाद मन में जज बनने का ख्याल आया तो उन्होंने एलएलबी की। अब जज बन गई हैं। बीते शुक्रवार की देर शाम को शायना के जज बनने की सूचना मिलते ही उनके परिवार में खुशी की लहर आ गई। पारिवारिक सदस्य बोले, शायना ने उनका सपना साकार किया
- पिता बंटी ने बताया कि एक बार उनके घर के पास एक छोटा सा प्रोग्राम हुआ था। तब शायना छोटी थी। शायना ने देखा कि आगे स्टेज के पास कुछ लोग बैठें हैं। उसने कहा कि पापा जो लोग आज आगे बैठे हैं, हम भी उनकी तरह आगे बैठेंगे। आज उसका यह सपना पूरा हो गया है। शायना ने भीड़ से अलग पहचान बनाई है, जबकि ताया अशोक धुन्नीके ने कहा कि वह दोनों भाई कम पढ़े लिखे हैं। उनका हमेशा से सपना था कि वह अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इसलिए उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई में कभी लापरवाही नहीं की। आज उनके बच्चों की मेहनत रंग लाई है।
मोबाइल फोन का इस्तेमाल पढ़ाई के लिए किया
शायना गोयल ने बताया कि वह वैसे पढ़ाई तो रोज करती है, लेकिन जज बनने के लिए करीब दस से 12 घंटे तक पढ़ाई की थी। वह हमेशा इंटरनेट मीडिया से दूर रही। कभी भी फोन का प्रयोग नहीं किया। फोन का प्रयोग से वह अपनों से बातचीत करने में करती है या फिर पढ़ाई करने के लिए करती है। इसके अलावा वह फोन का प्रयोग नहीं करती। अब वह दिल्ली जाकर ज्वाइन करने के बाद सिर्फ न्याय के लिए कार्य करेंगी।
फोटो सहित-बीटीडी-1-परिवार के साथ शायना गोयल