बठिडा : शिक्षा विभाग की तरफ से प्राइवेट स्कूल के विद्यार्थियों को विभिन्न स्कीमों के तहत दिए जाने वाला वजीफा जारी होने से पहले उसकी क्रास चेकिग होगी, ताकि यह पता चल सके कि जो विद्यार्थी शिक्षा विभाग से वजीफा हासिल कर रहा है, वह किसी और स्कीम के तहत तो वजीफा हासिल तो नहीं कर रहा हैं। विभाग की तरफ से क्रास चेकिग करने का मकसद केवल एक विद्यार्थी को एक ही स्कीम के तहत वजीफा मिल सके। इसके चलते विभाग की तरफ से प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए चलाई विभिन्न वजीफा स्कीम के तहत अप्लाई करने वाले विद्यार्थियों की चेकिग करने लिए शिक्षा सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक पत्र जारी किया हैं। इसके तहत जिला स्तर पर एक चेकिग टीम का गठन कर प्राइवेट स्कूलों का पोर्टल का डाटा की जांच कर उसकी रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं। शिक्षा सचिव ने कहा कि सरकारी स्कूलों की वेरिफिकेशन के लिए स्कूल मुखियों की ड्यूटी लगाई जाएं। वह सभी स्कीमों का डाटा जिला स्तर पर चेक करने के बाद हैड आफिस भेजा जाएं। यह काम जल्द से जल्द पूरा किया जाएं, ताकि अगला सेशन शुरू होने से पहले विद्यार्थियों को वजीफा का फायदा दिया जा सके।
प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए शिक्षा विभाग की तरफ से विभिन्न स्कीमें बनाई गई हैं। जिसके जरिए प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थी भी शिक्षा विभाग के ई-पंजाब पोर्टल पर जाकर इन स्कीमों के तहत वजीफे के लिए अप्लाई कर सकते हैं। हर साल विभाग के पास प्रदेश भर से हजारों की संख्या में प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थी वजीफे के लिए अप्लाई करते हैं, जिनमें से जरूरतमंद विद्यार्थियों को ही विभाग इसका लाभ देता हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से शिक्षा विभाग को शिकायतें मिल रही थी कि ज्यादा तरह विद्यार्थी एक स्कीम की जगह दो से तीन स्कीमों में अप्लाई कर वजीफा हासिल कर रहे है, जिसके कारण जरूरतमंद विद्यार्थी सरकार की इस स्कीमों से वंचित रह जाते हैं। इसलिए विभाग ने नौवीं से दसवीं कक्षा के एससी विद्यार्थियों की प्री मेट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम, पहली से दसवीं के ओबीसी विद्यार्थियों के लिए प्री मेट्रिक स्कॉलरशीप स्कीम के अलावा डॉ. हरगोबिद खुराना स्कॉलरशिप स्कीम के तहत अप्लाई करने वाले विद्यार्थियों का डाटा की क्रास चेकिग की जाएं। यह चेकिग केवल प्राइवेट स्कूलों के उन विद्यार्थियों को होगी, जिन्होंने वजीफे के लिए अपनी रजिस्ट्रेशन करवाई हैं।
सभी विद्यार्थियों की डिटेल चेक करने के बाद ही उसे वजीफे के काबिल समझा जाएगा। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला इसलिए किया गया है,ताकि विद्यार्थियों कोई भी निजी स्कूल किसी ऐसे विद्यार्थी का वजीफा न भरें, जोकि विद्यार्थी वजीफे के लायक न हो। इसके अलावा कोई ऐसा विद्यार्थी न रह जाए, जिसके पास पढ़ाई के लिए भी पैसे न हो। इस कारण शिक्षा विभाग विद्यार्थी का नाम, माता पिता का नाम आदि को देखकर पूरा जांच की जाएगी। पहले ही दो सालों से नहीं मिला वजीफा शिक्षा विभाग ने दो साल तक विद्यार्थियों के वजीफे के रजिस्ट्रेशन फार्म भरवाए थे, लेकिन अभी तक किसी भी विद्यार्थी को वजीफा नहीं मिला है। पिछले दो सालों से विद्यार्थी वजीफे का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार द्वारा कोई वजीफा देने का फैसला नहीं किया, इसके बदले में खानापूर्ति करने के लिए वजीफा के फार्म भरवाए जा रहे हैं।
जिसका ज्यादातर असर गरीब परिवारों के विद्यार्थियों पर पड़ा है, जिनके पास फीस भरने के भी पैसे नहीं है। अगर स्कूलों को देखा जाए, तो सरकारी स्कूलों में ज्यादातर गरीब परिवारों के बच्चे ही पढ़ाई करते हैं। विद्यार्थियों के पास आमदन का कोई साधन भी नहीं है। इसलिए सरकार द्वारा इन्हें वजीफा दिया जाता है, लेकिन कहीं न कहीं प्राइवेट स्कूलों द्वारा उन बच्चों के लिए भी रजिस्ट्रेशन करवा दी जाती है, जिनकी आमदन अच्छी होती है, इसलिए विभाग द्वारा क्रास चेकिग करने का फैसला लिया गया है।