बठिंडा। शहर में करीब एक माह बाद दूसरी बार किसी पाश कालोनी में सामूहित हत्या व आत्महत्या का मामला सामने आाया है। इससे पहले जहां ग्रीन सिटी में आर्थिक तंगी व प्रताड़ना से परेशान एक व्यापारी ने परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर स्वयं आत्महत्या की थी वही सोमवार को शहर की दूसरी पाश कालोनी कमला नेहरु कालोनी में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की सिर में गोली मारकर हत्या कर दी । मृतक परिवार का मुखी चरणजीत सिंह खोखर उम्र 45 साल बीबी वाला कोआपरेटिव सोसायटी में सविच के पद पर तैनात था।
उसके साथ उसकी पत्नी जसविंदर कौर उम्र 43 साल, बेटी सिमरन कौर उम्र 20 साल का शव भी मिला है। मामला आरंभिक जांच में हत्या का लगता है लेकिन पुलिस इस मामले में आत्हत्या की आशंका के बीच भी जांच में जुटी है। कमला नेहरू कालोनी में कोठी नंबर 387 में सुबह तीनों के शव कमरे में पड़े मिले हैं। सुबह मामले का उस समय खुलासा हुआ जब प्रतिदिन की तरह दूध वाला घर में दूध देने के लिए पहुंचा। रुटीन में पहली घंटी में दरवाजा खुल जाता था लेकिन आज सोमवार को दूधवाले ने कई घंटिया बजाई पर दरवाजा नहीं खुला तो उसने किसी तरह घर में अंदर अनहोनी की आशंका केे चलते प्रवेश किया तो चरणजीत सिंह खोखर, जसविंदर कौर व सिमरन कौर का खून से लथपथ शव देखा जिनके सिर में गोली मारी गई थी। इसके बाद उसने मामले की जानकारी आसपास के लोगों को दी व पुलिस को सूचित किया गया। मामले में पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि तीनों की हत्या हुई है या फिर पूर्व की तरह पहले परिजनों को मारकर स्वयं आत्महत्या की। पुलिस के आला अधिकारी पूरे मामले की तह तक जाने के लिए एक्सपर्ट टीम को मौके पर बुलाकर जांच कर रही है। मृतक परिवार में एक बेटा मनप्रीत सिंह उम्र 27 साल भी है जो वर्तमान में इग्लैड में रह रहा है।
इंग्लैंड में रहता है बेटा
मामला महानगर की कमला नेहरू कॉलोनी से सामने आया है। मृतकों की पहचान कोठी नंबर 387 में रह रहे को-ऑपरेटिव सोसायटी के सेक्रेटरी चरणजीत सिंह, पत्नी जसविंदर कौर और बेटी सिमरन के रूप में हुई है। चरणजीत सिंह का बेटा मनप्रीत इंग्लैंड में रहता है। मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार सुबह करीब 8 बजे जब दूध वाला दूध देने आया तो काफी देर तक घर से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उसने आस-पड़ोस के लोगों को इकट्ठा कर लिया। साथ ही सूचना पाकर थाना कैंट की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
मौके पर पहुंचे एसपी सिटी जसपाल सिंह का कहना है कि तीनों लोगों को गोली लगी है। प्राथमिक जांच के हिसाब से मामला हत्या का लग रहा है। हालांकि अभी तक मौके से कोई कोई हथियार या कारतूस वगैरह नहीं मिला है। दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक यह जानकारी भी सामने आई है कि चरणजीत सिंह पर करीब 2 करोड़ रुपए के घोटाले का भी आरोप है। हो सकता है कि इसी के चलते किसी ने इन तीनों की हत्या की हो।
तीनों के सिर में गोली मारे जाने से हुई है मौत, पत्नी व बेटी हत्या कर आत्महत्या करने का शक
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और कोठी को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि चरणजीत सिंह खोखर गांव बीबीवाला की कॉरपोरेट सोसाइटी का सचिव था। पुलिस ने तीनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, चरणजीत सिंह खोखर अपने परिवार के साथ कोठी में रह रहे थे। सोमवार की सुबह परिजनों ने चरणजीत सिंह खोखर, उनकी पत्नी जसविंदर कौर और बेटी सिमरन कौर को कमरे में मृत हालत में देखा। इससे उनके होश उड़ गए। इसके बाद लोगों ने घटना के बारे में पुलिस को सूचना दी। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई।
पुलिस ने तुरंत मकान को अपने कब्जे में ले लिया और जांच शुरू कर दी। जानकारी के अनुसार, फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि चरणजीत सिंह, उनकी पत्नी और बेटी की हत्या की गई है या उन्होंने आत्महत्या की है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।
बता दें कि शहर में करीब एक माह बाद यह दूसरी घटना है कि पाश कालोनी में सामूहिक मौत हुई है। इससे पहले जहां ग्रीन सिटी में आर्थिक तंगी व प्रताड़ना से परेशान एक व्यापारी ने परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर स्वयं आत्महत्या कर ली थी।
सोमवार को शहर की दूसरी पाश कालोनी कमला नेहरु कालोनी में एक ही परिवार के तीन सदस्यों के शव मिले। तीनाें के सिर में गोली लगी है। चरणजीत सिंह खोखर की उम्र 45 थी और वह साल बीबी वाला कोआपरेटिव सोसायटी में सचिव के पद पर तैनात था। उसके साथ उसकी पत्नी जसविंदर कौर उम्र 43 साल और बेटी सिमरन कौर की उम्र 20 साल थी। मामला आरंभिक जांच में आत्महत्या का लगता है लेकिन पुलिस इस मामले में हत्या की आशंका से भी जांच में जुटी है।
दूध वाला घर में पहुंचा तो मामला का हुआ खुलासा, हत्या की वारदात देर रात अंजाम दी गई
कमला नेहरू कालोनी में कोठी नंबर 387 में सुबह तीनों के शव कमरे में पड़े मिले हैं। सुबह मामले का उस समय खुलासा हुआ जब प्रतिदिन की तरह दूध वाला घर में दूध देने के लिए पहुंचा। रुटीन में पहली घंटी में दरवाजा खुल जाता था लेकिन आज दूधवाले ने कई घंटिया बजाईं पर दरवाजा नहीं खुला तो उसने किसी तरह घर में अंदर अनहोनी की आशंका केे चलते प्रवेश किया वहां उसने चरणजीत सिंह खोखर, जसविंदर कौर व सिमरन कौर का खून से लथपथ शव देखा। इसके बाद उसने मामले की जानकारी आसपास के लोगों को दी व पुलिस को सूचित किया गया।
मामले में पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि तीनों की हत्या हुई है या खोखर ने पहले पत्नी और बेटी की हत्या कर आत्महत्या की। पुलिस के आला अधिकारी पूरे मामले की तह तक जाने के लिए एक्सपर्ट टीम को मौके पर बुलाकर जांच कर रही है। खोखर का एक बेटा मनप्रीत सिंह अभी इंग्लैंड में रह रहा है।
सहकारी सभा में सचिव रहते चार साल पहले लगा था 14 लाख से ऊपर का घपला करने का आरोप
गौरतलब है कि चार साल पहले सहकारी सभाओं में घपले में चरणजीत सिंह खोखर का नाम आया था । नथाना पुलिस ने नवंबर साल 2016 में सहायक रजिस्ट्रार की शिकायत पर बीबी वाला गांव सहकारी सभा के सचिव चरणजीत सिंह पर 14 लाख 11 हजार रुपए का घपला करने का मामला दर्ज किया था। वहीं सहकारिता सभा के सहायक रजिस्ट्रार ने कहा था कि सचिव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। वही कहा जा रहा था कि बीबी वाला में हुए इस घपले की बारीकी से जांच की जाए तो इसमें विभाग के कई इंस्पेक्टरों और अन्य अधिकारियों के शामिल होने का पता चल सकता है। गांव बीबी वाला सहकारिता सभा में सचिव चरणजीत सिंह पर आरोप लगा था कि यह घपला काफी समय से किया जा रहा था। इसी तरह जिले में सबसे बड़ा घपला करने वाले पूहली गांव का सचिव अवतार सिंह 22 दिसंबर 2015 को अचानक लापता हो गया था। उक्त सभी मामले साल 2015 से 2017 के बीच के है। वर्तमान में चरणजीत सिंह की हत्या या फिर आत्महत्या के पीछे के कारण क्या रहे हैं इसे लेकर पुलिस तथ्य जुटाने में लगे हैं जिसमें उनके नजदीकी दोस्तों व परिजनों को बुलाकर बयान दर्ज करने शुरू कर दिए है।
मामले में उठ रहे कई सवाल
चरणजीत सिंह खोखर ने परिवार को गोली मारकर स्वयं आत्महत्या करने की आशंका को लेकर विराम इस बात से लग रहा है कि उसके पास कोई भी लाइसेंसी हथियार नहीं थी व न ही परिवार के पास इस बाबत कोई लाइसेंस था। घर में जांच के दौरान किसी तरह का हथियार भी मौके पर नहीं मिला हैै। इस स्थिति में मामला पूरी तरह से सामूहिक हत्या का प्रतित होता है। इसमें अब हत्या किसने की इसको लेकर जांच चल रही है लेकिन पूरे मामले मे पैसों के लेनदेन को लेकर किसी की तरफ सेे सुपारी देने या फिर गैंगस्टर के माध्यम से हत्या करवाने की संभावना को लेकर भी पुलिस जांच में जुटी है। अभी हाल में भगता भाईका मेें एक डेरा प्रेमी की हत्या का मामला सुलझा नहीं है व इसमें हत्या की सुपारी लेने का गैंगस्टरों ने कबूलनामा किया है व पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में नाकाम रही है वही अब दो दिन बाद ही एक ही परिवार के तीन सदस्यों की कथित हत्या ने पुलिस के लिए नई पहेली खड़ी कर दी है। कानून व्यवस्था को लेकर पहले ही सरकार व प्रशासन विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ रही है वही एक के बाद एक आपराधिक घटनाएं लोगों में दहश्त का माहौल पैदा कर रही है।