बठिंडा.त्योहार का सीजन आते ही मिलावटखोरों ने अपना गौरखधंधा शुरू कर दिया है। इसमें मोटा मुनाफा कमाने के लिए केमिकल से दूध, दही, पनीर, खोया से लेकर देशी घी बनाने वाले जिले भर में सक्रिय हो गए है। इन मिलावट खोरों के संबंध में पुलिस के पास लिखित में शिकायते भी मिल रही है। इसी शिकायत के आधार पर थर्मल पुलिस ने जिले में केमिकल से नकली घी तैयार कर बाजार में मोटे मुनाफे के साथ बेचने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपी की फैक्ट्री से पुलिस ने 65 क्विंटल 50 किलो नकली देशी घी भी जब्त किया है।
जिले में इतने बड़े पैमाने पर नकली घी बरामदगी का यह पहला मामला है। उक्त घी आरोपी की तरफ से पंजाब व हरियाणा में त्योहार के सीजन में सप्लाई किया जाना था। मामले की जांच कर रही टीम के अनुसार नकली घी बनाने में आरएम केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है इस केमिकल से युक्त दूध या घी के सेवन से किडनी, लीवर और दिल पर असर पड़ता है। पेट और स्किन के रोग हो जाते हैं। इससे कैंसर तक हो सकता है। यह केमिकल इतना खतरनाक है कि समय से पहले ही बुजुर्ग बना देता है। नकली घी तैयार करने वाले लोग इस केमिकल का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि यह घी की खुशबू व रंग प्राकृतिक बनाए रखता है। इसके दुष्प्रभाव इंसान पर बहुत शीघ्र दिखने लग जाते हैं। थर्मल पुलिस के सहायक थानेदार सुरजीत सिंह ने बताया कि गिलपत्ती रोड बठिंडा में अस्ट्रेलिया डेयरी के नाम से योगेश कुमार वासी फरीदकोट एक फैक्ट्री चला रहा था। इसमें हरमन मार्का नाम से नकली घी का निर्माण कर लोगों को सप्लाई की जाती थी। पुलिस ने मौके पर 6555 किलो नकली घी बरामद कर सेहत विभाग की टीम को जांच के लिए भेजा है।
दो साल पहले भी फूड सेफ्टी की संयुक्त टीम ने पुलिस प्रशासन के सहयोग से मानसा रोड पर स्थित ग्रोथ सेंटर में छापा मारकर नकली देसी घी बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी थी। बड़े पैमाने पर नकली देसी घी और अन्य सामान भी बरामद हुआ था। श्रीराम ट्रेडर्स कंपनी के पास केवल खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले तेल बनाने का लाइसेंस है परंतु फैक्ट्री संचालक तेल में मिलावट करके उससे देसी घी तैयार करके सप्लाई कर रहा था। इससे पहले भी अगस्त 2018 में पुलिस प्रशासन के सहयोग से मानसा रोड पर स्थित ग्रोथ सेंटर में कई कुकिंग मीडियम लाइट व घी बनाने वाली फैक्ट्रियों पर छापा मारकर नकली देसी घी बनाने वाली फैक्ट्री पकड़ी थी। जहां बड़े पैमाने पर नकली देसी घी और अन्य सामान भी बरामद हुआ था। चेकिंग के दौरान पाया गया कि जिले के कारोबारियों ने लोकल स्तर पर लाइसेंस लिया है और लाइसेंस की अवधि समाप्त होने के बाद सेंटर से लाइसेंस के लिए अप्लाई नहीं किया, बताया जाता है कि सेंटर से जारी लाइसेंस फीस अधिक होने के कारण फैक्ट्री संचालकों ने लोकल स्तर पर जारी लाइसेंस पर फैक्ट्री चला रहे थे। जबकि 20 लाख रुपए तक टर्नओवर वालों को राज्य सरकार से लाइसेंस लेना होता है और इससे ज्यादा के लिए सेंटर से लाइसेंस मिलता है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने उक्त मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए जिले के 10 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करते हुए लाइसेंस रद्द करने आदेश जारी किए थे लेकिन उक्त फैक्ट्री संचालक नाम तबदील कर फिर से गौरखधंधा करने लगे।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक सस्ते पाम ऑयल की मिलावट की शिकायत के बाद इस बारे में खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण से नियमों को कठोर बनाने की सिफारिश की गई थी। अब ब्लेंडेड ऑयल की प्रत्येक पैकिंग पर खाद्य वनस्पति तेल का नाम और उसकी प्रकृति (क्रूड या रिफाइंड) के साथ विभिन्न प्रकार के तेलों के भार के अनुसार प्रतिशत भी लिखना होता है। यही नहीं, यदि तेल की पैकिंग पांच लीटर या उससे ज्यादा की हो तो उसके कंटेनर पर कम से कम 10 मिलीमीटर आकार में लिखना होगा कि इसकी खुली बिक्री न की जाए (नोट टू बी सोल्ड लूज)।
पिछले साल पुलिस ने बठिंडा के रामपुरा फूल में नकली देसी घी बनाने वाला सामान बरामद हुआ था। नकली देसी घी को बनाने वाले के तार दिल्ली से जुड़ें। आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि घी में इस्तेमाल किए जा रहे आरएम केमिकल दिल्ली से लाया गया था। इस केमिकल की खासियत यह है कि इसकी मौजूदगी से सामान्य जांच में भी नकली देसी घी असली लगता है। रामपुरा फूल में पहली बार पुलिस और तंदरुस्त पंजाब मिशन की टीम ने तीन दिन पहले रेड की थी। इस दौरान भारी मात्रा में नकली देसी घी बनाने वाला सामान बरामद हुआ था। देसी घी के शुद्ध और अशुद्ध होने संबंधी आरएम केमिकल सबसे अहम भूमिका निभाता है। तैयार घी में आरएम केमिकल अगर पर्याप्त मात्रा में है तो टेस्ट करने वाली मशीनें उसे सही मानकर सुरक्षित करार दे देती हैं। नकली देसी घी बनाने वाली कंपनियां यही कर रही हैं। वे वनस्पति घी, फैट आदि के साथ एक खास मात्रा में आरएम केमिकल का प्रयोग करके इसे तैयार कर रही हैं। इसमें देसी घी की खुशबू बनाने के लिए सेंट अलग से डाला जाता है। रामपुरा फूल में जिस फैक्टरी पर छापेमारी की उसमें से सौ क्विंटल आरएम केमिकल भी पकड़ा गया जो हजारों टन नकली देसी घी तैयार कर सकता था।