चंडीगढ़। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी मामले पर आई सीबीआइ क्लोजर रिपोर्ट व नशे के मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा सत्र के तीसरे दिन विधानसभा के बाहर धरना दिया। दोनों विपक्षी पार्टियां अकाली दल व आम आदमी पार्टी अपने-अपने मुद्दों को लेकर अलग-अलग प्रदर्शन कर रही हैं।
बता दें, इससे पूर्व विधानसभा के दूसरे दिन सोमवार को गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से संबंधित केसों के मामले में शिरोमणि अकाली दल की ओर से पंजाब विधानसभा में लाया गया काम रोको प्रस्ताव स्पीकर राणा केपी सिंह ने रद कर दिया था। शून्य काल में जब शिअद विधायक दल के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने जानना चाहा कि यह किन नियमों के अधीन किया गया है तो स्पीकर ने कहा कि रूल्स 60-1 के अधीन प्रस्ताव तय समय से दो घंटे पहले सेक्रेटरी को दिया जाना चाहिए था।
ढींडसा ने कहा कि आठ बजे सेक्रेटरी से बात हुई थी तो उन्होंने कहा कि वह ऑफिस में नहीं, घर हैं। 8.05 बजे इसकी एक कॉपी स्पीकर को उनके आवास पर देकर रिसीव करवाई गई। लेकिन स्पीकर नहीं माने और उन्होंने प्रस्ताव को रद कर दिया। नाराज अकाली विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।
उधर, आम आदमी पार्टी के नेता हरपाल चीमा ने भी यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। तब कहा गया था कि सीबीआइ से सभी केस वापस लेकर स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम बनाई जाए। लेकिन अब एसआइटी का प्रमुख प्रबोध कुमार ही सीबीआइ को लिख रहे हैं कि इन केसों की फिर से जांच की जाए। क्या प्रबोध कुमार विधानसभा से ऊपर हैं?
इस दौरान स्पीकर वेल में नारेबाजी कर रहे अकाली विधायकों को सीटों पर जाकर बैठने के लिए कहते रहे, लेकिन उन्होंने स्पीकर की एक बात नहीं सुनी। बाद में मीडिया को काम रोको प्रस्ताव की कापी देते हुए परमिंदर सिंह ढींडसा ने कहा कि बुर्ज जवाहर सिंह, बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाई जाए।