अमृतसर। जिले के कस्बा मेहता के गांव दयालगढ़ में हत्या के एक सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है। दस साल पहले चाचा-चाची ने साढ़े चार लाख रुपये के लिए 23 साल की तलाकशुदा भतीजी की हत्या कर दी और इसके बाद शव को एक हवेली में गाड़ दिया। इस मामले का 10 साल बाद खुलासा हुआ तो पुलिसके भी होश उड़ गए। पुलिस ने इसके बाद मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हवेली में खोदाद कर युवती का कंकाल निकाला है। अब उसका डीएनए टेस्ट करवाया है। मामले का खुलासा युवती के भाई ने चाचा से रंजिश हो जाने के बाद पुलिस के समक्ष किया। युवती का नाम रमनदीप कौर बताया जाता है।
युवती के भाई ने रंजिश के चलते मामले से उठाया पर्दा, पुलिस कंकाल का करवाएगी डीएनए टेस्ट
थाना मेहता के प्रभारी इंस्पेक्टर मनजिंदर सिंह ने बताया कि आरोपित चाचा परगट सिंह और चाची रंजीत कौर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। डीएनए टेस्ट करवाने के लिए कंकाल कब्जे में लिया है। यह पता लगाया जाएगा कि यक कंकाल रमनदीप कौर का है या किसी और का।
दयालगढ़ निवासी निरवैर सिंह ने पुलिस को बताया कि वह अपने माता-पिता और बहन रमनदीप कौर, चाचा परगट सिंह और चाची रंजीत कौर के साथ एक ही घर में रहते थे। साल 2008 में उसकी बहन का तलाक हो गया था और पति से उसे साढ़े चार लाख रुपये मिले थे। तलाक के बाद बहन अपने बेटे के साथ मायके में ही रह रही थी। चाचा और चाची ने आर्थिक हालत खराब होने पर रमनदीप कौर से तलाक में मिले साढ़े चार लाख रुपये कारोबार में लगाने के लिए ले लिए।
निरवैर ने बताया कि दो साल बाद रमनदीप ने चाचा और चाची से पैसे वापस मांगने शुरू कर दिए, लेकिन उनकी पैसों को लेकर नीयत खराब हो गई थी। फरवरी 2011 में चाचा परगट सिंह ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर रमनदीप की हत्या कर दी और शव हवेली में दबा दिया। बाद में पुलिस में रमनदीप के लापता होने की शिकायत दर्ज करवा दी। इससे किसी को शक भी नहीं हुआ कि चाचा-चाची ने रमनदीप की हत्या की है।
युवती के भाई पर भी शक : थाना प्रभारी
थाना प्रभारी मनजिंदर सिंह ने बताया कि निरवैर ने अब चाचा से रंजिश के चलते हत्याकांड की जानकारी पुलिस को दी है। निरवैर के भी हत्याकांड में शामिल होने की आशंका है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पता चला है कि घटना के दौरान आरोपित अपने चाचा-चाची के साथ ही था। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। निरवैर सिंह से भी पूछताछ की जा रही है कि आखिर वह इतने साल तक चुप क्यों रहा।
सात साल जेल काट चुका है निरवैर