पंजाब / सोनिया और प्रियंका से मिले नवजोत सिद्धू, कैप्टन से वैचारिक मतभेद के बाद छोड़ा था मंत्री पद

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद सिद्धू के जॉयन करने को लेकर चल रही थी चर्चाएं शिरोमणि अकाली दल टकसाली ने ऑफर दिया, लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू ने नहीं दी थी प्रतिक्रिया

चंडीगढ़. पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्‍ली में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की। सिद्धू के अनुसार, दोनों नेताओं से उनकी पंजाब की वर्तमान हालत पर चर्चा हुई। इस मुलाकात के बाद पंजाब की राजनीति में तरह-तरह चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कुछ लोग सिद्धू को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने की बात भी कर रहे हैं।

काफी समय से नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस और राज्‍य की सियासत में अलग-थलग दिख रहे हैं। कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार से कैबिनेट मंत्री पद से इस्‍तीफा देने के बाद से वह राजनीति गतिविधियों से दूर हैं। वह काफी समय से सार्वज‍निक तौर पर नहीं दिखे हैं। सियासत और मीडिया से भी दूरी बनाए हुए हैं। गुरुवार को सिद्धू ने बयान जारी कर सोनिया और प्रियंका गांधी से मुलाकात की जानकारी दी। सिद्धू ने कहा है, ‘मुझे कांग्रेस हाईकमान द्वारा दिल्ली तलब किया गया था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी 25 फरवरी को अपने आवास पर 40 मिनट के लिए मुझसे मिली। अगले दिन 26 फरवरी को 10 जनपथ पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत हुई।’

दोनों नेताओं ने धैर्य से सुनी बात
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा, दोनों नेताओं ने बहुत धैर्य के साथ मेरी बात सुनी। मैंने उन्हें पंजाब के मौजूदा हालात से अवगत कराया और पंजाब के पुनरुत्थान और आत्मनिर्भर बनाने का एक रोडमैप उनके साथ साझा किया, जिस पर चलकर हम पुनः पंजाब का गौरव स्थापित कर सकते हैं। सिद्धू ने कहा- यह वही रोडमैप है जिसको मैंने कैबिनेट में मंत्री के तौर पर कार्य करते हुए और अपने सार्वजनिक जीवन में, पिछले कई वर्षों से मजबूत विश्वास के साथ लोगों के समक्ष रखा है।

सिद्धू के इस बयान के बाद पंजाब की राजनीति गर्मा गई है। पंजाब कांग्रेस में भी हलचल तेज हो गई है। इस मुलाकात से सिद्धू को कांग्रेस में महत्‍वपूर्ण भूमिका देने की भी कयासबाजी है। इससे पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद सिद्धू को लेकर चर्चाओं का दौर गर्म था कि वह आप में शामिल हो सकते हैं। दूसरी ओर, शिरोमणि अकाली दल टकसाली की ओर से भी सिद्धू को ऑफर दिया गया, लेकिन इन सबके बीच सिद्धू चुप थे।

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